नहीं कर सकते हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ, तो यह छोटा उपाय भी दिलाएगा मां की कृपा

By
Published on: 22 Sep 2017 8:50 AM GMT
नहीं कर सकते हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ, तो यह छोटा उपाय भी दिलाएगा मां की कृपा
X

सहारनपुर: शारदीय नवरात्रि के दिन चल रहे हैं और माता के सभी भक्त अपने-अपने तरीके से माता की साधना कर रहे हैं। इस नवरात्रि में यदि आपको मातारानी की कृपा पानी है और आप तंत्र-मंत्र अथवा यंत्र की पीड़ा से ग्रस्त हैं, तो देवी का यह सरल उपाय आपके सभी संकटों को दूर करने में जरा भी देर नहीं लगाएगा।

यह भी पढ़ें: गुल्लावीर में लगती थी ब्रह्मा जी की कचहरी, सूर्य यज्ञ से हुआ था अनारकली झील का निर्माण

श्री बालाजी धाम सहारनपुर के संस्थापक गुरू श्री अतुल जोशी जी महाराज ने बताया कि नवरात्रि में देवी दुर्गा की अराधना करने का सबसे सरल तरीका दुर्गा सप्तशती का पाठ है। लेकिन यह बहुत ही कम लोग जानते हैं कि दुर्गा सप्तशती का पाठ किस तरह से मानव और साधक को फायदा पहुंचाता है?

यह भी पढ़ें: जानिए नवरात्रि में कैसे करें स्नान तो होगा आपको धन लाभ

दुर्गा सप्तशती को भगवान शंकर ने कीलित कर रखा है, जब तक इसे निष्किलित नहीं किया जाता है, पाठ नहीं करना चाहिए, अन्यथा अर्थ का अनर्थ होने में समय नहीं लगता है। लोग कहते हैं कि हमने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया है लेकिन कोई लाभ नहीं मिला, अरे भाई लाभ तो तभी मिलेगा, जब आप तरीके से इस ग्रंथ का पाठ करेंगे।

यह भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि: मनोवांछित फल प्राप्त करता है दुर्गा देवी का यह उपाय

चलिए हम आपको दुर्गा सप्तशती का वो रहस्य बताते हैं, जिसका ज्ञान बहुत कम लोगों को है। यदि आप दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ नहीं कर पाते हैं तो दुर्गा सप्तशती के इस अंशभर का पाठ करने से आपको पूरी दुर्गा सप्तशती के पाठ करने का फल मिलेगा। दुर्गा सप्तशती में ही सबसे अंत में एक अध्याय आता है, जिसका नाम 'सिद्धकुंजिका स्तोत्रम्' है। इस स्तोत्र में कुल आठ श्लोक हैं और कुछ मंत्र है। जिनका जाप नित्य प्रति करने से आपको पूरी दुर्गा सप्तशती के पाठ का लाभ होगा।

यह भी पढ़ें: लखनऊ के मंदिरों में गूंजे माता के जयकारे, धूमधाम से नवरात्रि की शुरुआत

इसका जाप करने से क्या होगा फायदा

श्री दुर्गा सप्तशती के 'सिद्धकुंजिका स्तोत्रम्' का पाठ करने से यदि आपके उपर किसी तरह की तंत्र या मंत्र संबंधी बाधाएं हैं, तो वह स्वतः ही समाप्त हो जाएगी। साधन के सभी कार्य सिद्ध होना शुरू हो जाते हैं। दुर्गा सप्तशती के 13 अध्यायों का पाठ करने का फल मिलता है।

जो भक्त इसका पाठ करता है वो सभी सांसारिक बाधाओं से दूर हो जाता है और मुकदमों आदि में विजय मिलने के साथ ही ऑफिस में यदि बॉस ने आपको नौकरी से हटाने का निर्णय ले लिया है तो बॉस अपने निर्णय को पलट देगा। असंभव से असंभव कार्य भी इसका पाठ करने से हो जाते हैं।

Next Story