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Alvida Jumma: मुसलमानों के लिए खास दिन, घरों में रहकर करेंगे खुदा की इबादत

अलविदा जुम्मा के दिन दुनिया भर के मुसलमान अपना सारा दिन अल्लाह की इबादत करके गुजारते हैं।

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Newstrack Network NetworkPublished By Suman Mishra | Astrologer
Published on: 7 May 2021 11:39 AM IST
अलविदा जुम्मा
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सांकेतिक तस्वीर( साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ : इस्लाम धर्म के सबसे पाक महीने माह-ए-रमजान (Mah-e-Ramzan) में पड़ने वाले आखिरी जुमा को अलविदा जुम्मा (Alvida Jumma) कहते हैं। मान्यता है कि रमजान (Ramzan) के तीसरे और आखिरी अशरे में की गई इबादत रोजेदारों को जहन्नुम की आग से बचाती है। इस अशरे में जो आखिरी जुम्मा आता है उसे अलविदा जुम्मा कहते हैं। आज अलविदा जुम्मा है, इस दिन का इस्लाम में बहुत ही खास महत्व है।

इस दिन दुनिया भर के मुसलमान अपना सारा दिन अल्लाह की इबादत करके गुजारते हैं। हालांकि इस साल कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Second Wave of Coronavirus) के प्रकोप के चलते ज्यादातर लोग अपने घरों में रहकर ही अलविदा जुमा की नमाज अदा कर रहे हैं। इस्लाम में अलविदा का खास महत्व है। इस दिन को दुनिया भर के मुसलमान पूरी अजमत अकीदत से अल्‍लाह (Allah) की इबादत (Worship) करते हैं।

सांकेतिक तस्वीर, (साभार-सोशल मीडिया)

अल्‍लाह का शुक्रिया

यह जुम्मा इसलिए खास है क्‍योंकि यह रमजान के महीने का आखिरी जुम्मा यानी शुक्रवार है और इस साल के बाद रमजान में कोई और जुम्मा नहीं पड़ेगा। वहीं अलविदा का मतलब रमजान के पाक महीने का समाप्‍त होना यानी इसकी विदाई है। यही वजह है कि इसे अलविदा कहते हैं और इसकी नमाज भी काफी अहम मानी जाती है। इस्लाम में अलविदा को सबसे अफजल करार दिया गया है।

रमज़ान का आखिरी जुम्मा कई मायनों में ख़ास है। एक तो इसके आने का मतलब यह है कि अब बस ईद आने ही वाली है। यानी ईद के चांद से पहले का यह आखिरी जुम्मा है। वहीं इबादत के लिहाज़ से भी यह दिन मुसलमानों के लिए बेहद ख़ास है। इस दिन मुसलमान अल्‍लाह की इबादत करते हैं और इस बात का शुक्र अदा करते हैं कि उन्‍हें माहे रमज़ान के पाक महीने में रोज़े रखने का मौका मिला। तरावीह पढ़ने और अल्‍लाह की इबादत करने का सम्‍मान हासिल हुआ।

सांकेतिक तस्वीर, (साभार-सोशल मीडिया)

इस दिन को छोटी ईद भी कहते हैं

अलविदा की नमाज हर मुसलमान के लिए बेहद खास होती है। इस दिन कुछ मुसलमान नए कपड़े पहन कर अपने रब की इबादत करते हैं। अलविदा को छोटी ईद भी कहते हैं। खुद अल्लाह ने पवित्र कुरआन शरीफ में इस दिन को मुसलमानों के लिए खास फरमाया है। अलविदा जुम्मा की नमाज दुनिया के हर मुसलमान के लिए बेहद खास होती है। इस दिन लोग रब की इबादत में अपना ज्यादा समय बिताते हैं। कहा जाता है कि अलविदा जुम्मा की नमाज के बाद सच्चे दिल से अगर अल्लाह से कोई फरियाद की जाए तो अल्लाह बंदे की हर जायद दुआ कुबूल करते हैं और उनके गुनाहों को माफ करते हैं।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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