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Janmashtami 2023 Puja Vidhi: जन्माष्टमी पर इन चीजों को पहले से ही लाकर रख लें, वार्ना अधूरी मानी जाती है जन्माष्टमी

Janmashtami 2023 Puja Vidhi: हर हिन्दू परिवार इस जन्माष्टमी को पूरे धूम धाम से मनाता है। साथ ही इसके लिए पूजन सामग्री आपको अभी से ही लेकर रख लेनी चाहिए। ऐसे में आइये जान लेते हैं कि आपको इसके लिए क्या क्या पूजन सामग्री की ज़रूरत होगी और पूजा का मुहूर्त कब का है।

Shweta Shrivastava
Published on: 6 Sep 2023 3:24 AM GMT
Janmashtami 2023 Puja Vidhi: जन्माष्टमी पर इन चीजों को पहले से ही लाकर रख लें, वार्ना अधूरी मानी जाती है जन्माष्टमी
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Janmashtami 2023 Puja Vidhi (Image Credit-Social Media)

Janmashtami 2023 Puja Vidhi: श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का दिन 6 और 7 सितंबर 2023 है। ऐसे में हर हिन्दू परिवार इस त्योहार को पूरे धूम धाम से मनाता है। साथ ही इसके लिए पूजन सामग्री आपको अभी से ही लेकर रख लेनी चाहिए। ऐसे में आइये जान लेते हैं कि आपको इसके लिए क्या क्या पूजन सामग्री की ज़रूरत होगी और पूजा का मुहूर्त कब का है।

जन्माष्टमी पूजा सामग्री

जन्माष्टमी पर आपने पूजा की सब तैयारियां कर लीं क्या? अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप इस दिन कौन कौन सी सामग्री का पहले से ही इंतज़ाम कर के रख लें जिससे आपको पूजा के समय किसी तरह की कोई दिक्कत न आये। जहाँ गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी का उत्सव मनाएंगे वहीँ वैष्णव संप्रदाय 7 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाएगा। भारत के साथ साथ विदेशो में भी कृष्ण जन्माष्टमी पूरे धूम धाम से मनाई जाती है। भक्त इस दिन श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा करते हैं। लोग इस दिन व्रत रखते हैं और रात 12 बजे भगवान् का जन्म करने के बाद ही अन्न ग्रहण करते हैं। इस दिन लड्डू गोपाल जो भगवान् के बाल स्वरूप हैं उनकी पूजा का विधान है। कहते हैं कि लड्डू गोपाल की पूजा करने से आपको जीवन में सुख समृद्धि मिलती है और सभी कष्टों का नाश होता है। इतना ही नहीं आपको धन, सुख और समृद्धि का भी वरदान मिलता है। इसके साथ ही आपको भगवान् की आराधना करने के लिए कुछ पूजन सामग्री की आवश्यकता भी होती है।

जन्माष्टमी के दिन आपको कुछ ज़रूरी चीज़ों की ज़रूरत होती है जैसे- श्री कृष्ण के बाल रूप यानि लड्डू गोपाल की मूर्ति या श्री कृष्ण की मूर्ति,मोरपंख, बांसुरी, झूला या सिंहासन और वैजयंती माला इसके साथ ही आपको तुलसी के पत्ते, मोट मुकुट, खीरा, रोली, गोपी चंदन और लाल कपड़े की भी आवशकता होगी। इसके साथ ही भगवान् का तिलक करने के लिए कुमकुम,हल्दी, चन्दन, रोली, अक्षत की ज़रूरत होगी। इसके साथ साथ आभूषण, मौली, रुई, तुलसी की माला, अबीर, पीले वस्त्र,धूप, फल,कलश, दीपक, खड़ा धनिया की पंजीरी, माखन, मिश्री, नैवेद्य या मिठाई, छोटी इलायची, लौंग, धूपबत्ती, कपूर , कुशा और दूर्वा, पंचमेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, सुपारी, पान, सिंदूर,केले के पत्ते, नारियल,खीरा,अभिषेक के लिए तांबे या चांदी का पात्र, पंचामृत, फूल और भोग लगाने के लिए पूरी, बिना लहसुन प्याज़ वाली सब्जी, इनसब की भी आवश्यकता होती है।

कृष्ण जन्माष्टमी का मुहूर्त

श्री कृष्ण का जन्म रात 12 बजे माना जाता है। वो कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहणी नक्षत्र में हुए थे वहीँ संजोग 6 सितंबर 2023,रात्रि 11.57 - 07 सितंबर 2023, प्रात: 12:42 के बीच है। साथ ही रोहिणी नक्षत्र 06 सितंबर 2023, सुबह 09:20 तक और 07 सितंबर 2023, सुबह 10:25 तक रहेगा। वहीँ इस व्रत के पारण का समय 07 सितंबर 2023, सुबह 06.02 मिनट के बाद होगा।

Shweta Shrivastava

Shweta Shrivastava

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