TRENDING TAGS :
Janmashtami Vrat 2022: जन्माष्टमी के व्रत में इसका सेवन माना जाता है वर्जित, इन्हें खाने से नहीं आएगी कमजोरी
Janmashtami Vrat 2022: फलाहार व्रत करके लोग अपने आराध्य की पूजा -अर्चना करते हैं। कई बार लोगों को व्रत में क्या खाना है क्या नहीं खाना है इस बात में बेहद कन्फूजन हो जाती है।
Janmashtami Vrat 2022: 18 अगस्त को पूरे देश में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। हालाँकि हिन्दू पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी इस वर्ष 2 दिन मनाई जाएगी। पहली 18 अगस्त को होगी जिसे गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग मनाएंगे। वहीं दूसरी 19 अगस्त की जन्माष्टमी साधु-संत लोग मनाएंगे। बता दें कि ज्योतिषचार्यों के अनुसार इस बार जन्माष्टमी में काफी खास योग बन रहे हैं। साथ ही इस दिन वृद्धि योग भी लग रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग और वृषभ राशि के चंद्रमा में हुआ था।
बता दें कि जन्माष्टमी के दिन आमतौर पर लोग कृष्ण भगवान् की उपासना के लिए व्रत रहते हैं। फलाहार व्रत करके लोग अपने आराध्य की पूजा -अर्चना करते हैं। कई बार लोगों को व्रत में क्या खाना है क्या नहीं खाना है इस बात में बेहद कन्फूजन हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि व्रत में आपका आहार कैसा होना चाहिए।
जन्माष्टमी के व्रत में आहार
हिन्दू धर्म में जन्माष्टमी के व्रत को व्रतराज भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत में खानपान के कुछ विशेष नियम होते हैं, जिसका पालन हर व्रती के लिए करना बेहद अनिवार्य होता है। हिन्दू धर्म में जन्माष्टमी का व्रत कुछ लोग निर्जला यानी बिना जल के भी रखते हैं। जबकि कुछ लोग दिन भर उपवास रखकर शाम के वक्त फलाहार कर लेते हैं। इसके अलावा कुछ लोग दिन में 2 बार फलाहार करके भी जन्माष्टमी (janmashtami) का व्रत करते हैं। जन्माष्टमी के दिन लगभग सभी घरों में कान्हा जी का भोग लगाने के लिए 56 भोग का पकवान भी बनाते हैं इसलिए इस दिन प्रत्येक घरों में बहुत काम होता है। इस दिन लोग अपना घर -मंदिरभी सजाते हैं। तो ऐसे में कई बार व्रत करने पर आपके शरीर में कमजोरी आ सकती है। इसलिए व्रत का खानपान में ऐसी चीजें को जरूर शामिल करना चाहिए जो आपको ऊर्जा देने के साथ आपका व्रत भी पूर्ण हो सके ।
ऊर्जा और इम्यून सिस्टम के लिए उपयोगी है बादाम और अखरोट
व्रत में आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करने के साथ आपके शरीर में भरपूर ऊर्जा का संचार कर सके। इसके लिए व्रत शुरू करने से पहले आपको एक मुट्ठी बादाम या फिर अखरोट जरूर खा लेना चाहिए। इससे आपको जरूरत भर की एनर्जी मिलने के साथ आपका इम्यून सिस्टम भी मज़बूत बनेगा।
फलों का जरूर करें सेवन
जन्माष्टमी के व्रत में ढेर सारे फलों का सेवन लाभदायक होता हैं। उल्लेखनीय है कि रसीले फलों के सेवन से आपके शरीर में पानी कमी नहीं होती है। जिसके कारण आपको डिहाइड्रेशन जैसी समस्या नहीं हो सकती है ।इसके लिए जन्माष्टमी के व्रत में आप तरबूज ककड़ी और खरबूज जैसे अधिक पानी वाले फलों का सेवन करें तो आपको विशेष लाभ मिल सकता है । इसके अलावा आप केला, सेब और अमरूद का भी सेवन कर सकते हैं। बता दें कि इन फलों के सेवन से आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है।
दही या लस्सी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान् श्री कृष्ण जी को छाछ और दही अतिप्रिय है। बता दें कि एक गिलास लस्सी का सेवन आपको दिनभर एनर्जी से भरे रखने में भी सहायक होता यही। लस्सी पीने से आपको अधिक प्यास नहीं महसूस होती और आपका पेट भी भर जाता है।
साबूदाना और कुट्टू का आटा
जन्माष्टमी के व्रत में जो लोग फलाहार करते हैं। वे शाम के वक्त साबूदाने की खिचड़ी या फिर कुट्टू के आटे की पूरी बनाकर खा सकते हैं। बता दें कि ये दोनों ही चीजें काफी हल्की होने के साथ पेट भी भर देती है।
पारण या व्रत तोड़ने के लिए
व्रत पूर्ण होने के बाद जब पारण करते समय आपको अचानक से बहुत भारी भोजन नहीं करना चाहिए। अन्यथा आपको गैस बनने की शिकायत हो सकती है या फिर चक्कर भी आ सकते हैं। इसलिए व्रत तोड़ने के लिए यानी पारण करते समय सबसे पहले गुड़ और पानी या फिर खीर जैसे भोज्य पदार्थों का प्रयोग करना स्वास्थ्य हेतु लाभप्रद होता है।