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Jaya Ekadashi 2023 Me Kab Hai Date : फरवरी का पहला दिन है बहुत खास, आज जरूर करें जया एकादशी, मिलेगा वाजपेय का फल, जानिए मुहूर्त
Jaya Ekadashi 2023 Me Aaj Hai : 1 फरवरी 2023 जया एकादशी व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिनुसार व्रत रखने , पूजा करने से परमपद की प्राप्ति और वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
Jaya Ekadashi 2023 Me Kab Hai Date :
जया एकादशी व्रत 2023 कब है?
माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी को अजा और भीष्म एकादशी भी कहते हैं। इस साल 2023 में जया एकादशी व्रत 1 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिनुसार व्रत रखने , पूजा करने से परमपद की प्राप्ति और वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
फरवरी में जया एकादशी कब है 2023
- 1 फरवरी 2023, बुधवार माघ माह, शुक्ल एकादशी
- जया एकादशी आरंभ -31 जनवरी 2023 पूर्वाह्न 11:53 बजे
- जया एकादशी समाप्त - 01 फरवरी 2023 दोपहर 02:01 बजे
जया एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
- माघ मास की जया एकादशी
- एकादशी तिथि प्रारम्भ : 31 जनवरी 2023 पूर्वाह्न 11:53 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त :01 फरवरी 2023 दोपहर 02:01 बजे
- अमृत काल – 05:35 PM से 07:22 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:52 AM से 05:43 AM
- विजय मुहूर्त- 02:02 PM से 02:46 PM
- गोधूलि बेला- 05:31 PM से 05:55 PM
- सर्वार्थ सिद्धि योग – 06:41 AM से 03:23 AM, Feb 02
- जया एकादशी 2023 पारण समय- 02 फरवरी 2023 पूर्वाह्न 07:09 बजे से 09:19 पूर्वाह्न तक
भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को जया एकादशी के महत्व के बारे में बताया था, कि यह व्रत 'ब्रह्म हत्या' जैसे पाप से भी मुक्ति दिला सकता है । जया एकादशी को बहुत ही पुण्यदायी माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। जया एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है।
जया एकादशी की विधि
पद्मपुराण और भागवतपुराण के अनुसार इस विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए । क्योंकि मान्यता है कि भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने और फलाहार से इस दिन परमार्थ की प्राप्ति होती है। जया एकादशी व्रत के लिए साधक को व्रत से पूर्व दशमी के दिन एक ही समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। और ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए।
जया एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान श्रीहरि विष्णु को प्रणाम कर व्रत का संकल्प करें। इसके बाद गंगाजल से स्नान करना चाहिए। उसके बाद जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, कथा महात्मय सुनने के साथ दान-पुण्य का भी महत्व है। इस दिन पूरे समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए वस्त्र ,चन्दन ,जनेऊ ,गंध, अक्षत ,पुष्प , धूप-दीप नैवेध,पान-सुपारी चढ़ाकर करनी चाहिए। इससे श्रीहरि की कृपा बरसती है। विष्णु पुराण, व गीता के अनुसार जया एकादशी करने समस्त भय और पापों से मुक्ति और मधुसुधन की कृपा बरसती है।
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