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Balaram Jayanti 2025 Date: कब है हलषष्ठी या बलराम जयंती, जानिए सही तिथि और योग

Balaram Jayanti 2025: साल 2025 में कब है हलषष्ठी या बलराम जयंती । जानिए इसकी सही तिथि और समय इसको करने से बच्चो के जीवन में आती है खुशहाली

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 19 Dec 2024 5:29 PM IST
Balaram Jayanti 2025 Date: कब है हलषष्ठी या बलराम जयंती, जानिए सही तिथि और योग
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Halshashthi Vrat 2025:बलराम जयंती या हलषष्ठी व्रत कब है ? भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हलषष्ठी व्रत या बलराम जयंती मनाई जाती है। इसे ललही छठ, हरछठ या हलछठ के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शेषनाग ने द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप में अवतार लिया था। बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल और मूसल है, जिसके कारण उन्हें हलधर भी कहा जाता है। इस पर्व का नाम हलषष्ठी उनके नाम और शस्त्र से जुड़ा हुआ है।

हलषष्ठी व्रत का महत्व

बलराम जी का जन्म शेषनाग के अवतार के रूप में हुआ था। वह भगवान श्रीकृष्ण के सहायक और संरक्षक माने जाते हैं। हल और मूसल उनके मुख्य अस्त्र हैं, जो कृषि और श्रम के महत्व को दर्शाते हैं। इस दिन महिलाएं बलराम जी के साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करती हैं।

साल 2025 में हलषष्ठी व्रत 14 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन माताएं अपने बच्चों की खुशहाली और लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं। यह पर्व मातृ-शक्ति और संतानों के प्रति उनके स्नेह का प्रतीक है।

बलराम जयंती या हलषष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त

बलराम जयंती गुरुवार 14 अगस्त 2025

बलराम जयंती पूजा समय :

षष्ठी तिथि शुरू : 04:25 - 14 अगस्त 2025

षष्ठी तिथि ख़त्म : 02:05 - 15 अगस्त 2025

कहते हैं कि इस दिन जो भी महिलाएं हलषष्ठी का व्रत नियमों का पालन करते हुए करती हैं उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। संतान ना हो उसे संतान दीर्घायु होती है और उस घर में अकाल मृत्यु नहीं होता है।

निशिता काल पूजा– 11:38 PM से 12:22 AM, अगस्त 15

अभिजीत मुहूर्त - 12:05 PM से 12:56 PM

अमृत काल - 01:35 AM से 03:05 AM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:31 AM से 05:19 AM

विजय मुहूर्त- 02:08 AM से 02:59 AM

गोधूलि बेला- 06:24 PM से 06:46 PM

सर्वार्थसिद्धि योग - Aug 14 09:06 AM - Aug 15 07:36 AM


हलषष्ठी का व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपनी संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और विशेष रूप से बलराम जी की पूजा-अर्चना करती हैं। व्रत में गाय के दूध और उससे बने पदार्थों का उपयोग किया जाता है। हल से जुड़ी मान्यता के कारण इस दिन हल से जुते अनाज का उपयोग वर्जित होता है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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