TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Kamada Ekadashi 2024 Ka Shubh Muhurat कामदा एकादशी व्रत के प्रभाव से होता है हर पाप का नाश, हर इच्छा की पूर्ति

Kamada Ekadashi 2024 Ka Shubh Muhurat कामदा एकादशी हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो वैष्णव समुदाय में विशेष रूप से मनाया जाता है। यह एकादशी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 19 April 2024 7:15 AM IST (Updated on: 19 April 2024 6:52 AM IST)
Kamada Ekadashi 2024  Ka Shubh Muhurat कामदा एकादशी व्रत के प्रभाव से होता है हर पाप का नाश, हर इच्छा की पूर्ति
X

Kamada Ekadashi 2024 Vrat Kab hai कामदा एकादशी व्रत (2024) कब है?:कामदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत को रखने से उन्हें धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से सुख और समृद्धि मिलती है। एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है।हर महीने दो एकादशी दो पक्ष में पड़ती है। हर एकादशी की अपनी महिमा है। इस दिन भगवान श्री विष्णु के भक्त पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पापों का नाश करते हैं और पूरा दिन श्री हरि की उपासना में अर्पित कर देते हैं। कामदा एकादशी के दिन की गई श्रद्धा पूर्वक पूजा से हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। इस साल 2024हिंदू नए साल की पहली एकादशी कामदा है, जो 19 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा। कामदा एकादशी को फलदा एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिनुसार व्रत रखने और ऋषिकेष की पूजा करने से परमपद की प्राप्ति होती है।सनातन धर्म में एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) का विशेष महत्व होता हैं। चैत्र मास( Chaitra Month) के शुक्ल पक्ष में आने वाली साल की पहली एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। जो सभी सांसारिक कामनाओं की पूर्ति करने वाला है। इस एकादशी इस व्रत में श्री विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा विधि विधान के साथ कि जाती हैं और कथा भी सुनी जाती हैं।इस एकादशी व्रत को करने से वाजपेय यज्ञ के बराबर फल मिलता है।

कामदा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त

चैत्र की कामदा एकादशी

कामदा एकादशी तिथि प्रारम्भ : 18 अप्रैल को शाम 05 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और

कामदा एकादशी तिथि समाप्त :अगले दिन 19 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी

अभिजीत मुहूर्त - 12:06 PM से 12:55 PM

अमृत काल – 03:01 AM से 04:48 AM

ब्रह्म मुहूर्त – 04:47 AM से 05:35 AM

विजय मुहूर्त- 02:06 PM से 02:56 PM

कामदा एकादशी पारणा मुहूर्त :20 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 50 मिनट से लेकर 08 बजकर 26 मिनट के मध्य व्रत खोल सकते हैं।

कामदा एकादशी व्रत विधि

यह एकादशी बहुत ही फलदायी मानी जाती हैं।

दशमी के दिन यानी एकादशी व्रत से एक दिन पहले सूर्यास्त के बाद भोजन ना करें।

कामदा एकादशी के व्रत को पूरे दिन रखा जाता है और उस दिन एक भी बूंद पानी ग्रहण नहीं किया जाता है।

एकादशी के व्रत की शुरुआत सूर्य देवता को प्रणाम करने से होती है।

व्रत के दिन सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात स्वच्छ वस्त्रों को धारण किया जाता है।

वस्त्र धारण करने के पश्चात गंगाजल छिड़क कर पूजा स्थल को पवित्र किया जाता है।

इसके बाद एक लकड़ी की चौकी लेकर उसपर पीला कपड़ा बिछाया जाता है।

उस चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति लेकर उन्हें स्थापित किया जाता है।

इसके बाद हाथ में जल लेकर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लिया जाता है।

इसके बाद भगवान की मूर्ति के सामने हाथों को जोड़कर भगवान को प्रणाम किया जाता है और उन्हें हल्दी, अक्षत, चंदन तथा फल-फूल चढ़ाए जाते हैं।

फिर भगवान की मूर्ति को रोली से टिका करके पंचामृत अर्पित किया जाता है।

भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है इसलिए उन्हें तुलसी के पत्ते भी चढ़ाए जाते हैं।

इसके बाद एकादशी के कथा की पाठ की जाती है और प्रभु को भोग अर्पित किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि भगवान तुलसी के बिना भोग को ग्रहण नहीं करते हैं इसलिए श्रीहरि को भोग लगाते समय तुलसी का पत्ता जरूर चढ़ाए।

भोग लगाने के थोड़ी देर पश्चात भगवान को प्रणाम करके भोग दिया जाता है।

शाम की पूजा के बाद तुलसी जी के आगे घी का दीपक अवश्य ही जलाया जाता है ताकि इससे तुलसी जी को प्रसन्न किया जा सके। ऐसी मान्यता है कि तुलसी जी के प्रसन्न होने पर भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं।

इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और उन्हें दान-दक्षिणा देने के पश्चात भोजन ग्रहण किया जाता है।

कामदा एकादशी व्रत के दिन क्या करें क्या न करें

कामदा एकादशी के दिन सूर्यास्त के पश्चात भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।

भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तीखी चीजों का इस्तेमाल ना करें और भगवान को सादा भोग लगाए एवं मीठे पकवान भोग में जरूर से रखे

कामदा एकादशी के दिन भूले-भटके भी चावल का सेवन ना करें क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने वाले व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाले जीव के रूप में जन्म लेते हैं।

साथ ही इस दिन किसी भी प्रकार के खाने में प्याज और लहसुन का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें और पूरे तरीके से सात्विक आहार ले।

इस दिन ऊंचे स्वर में बोलने से बचना चाहिए और अपशब्द नहीं कहना चाहिए।

कामदा एकादशी के दिन पति-पत्नी को प्रेम भाव से रहना चाहिए और आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए।

कामदा एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है इसलिए इस दिन तिल और फलों का दान करना चाहिए।

कामदा एकादशी के दिन गंगा स्नान करने का भी विशेष महत्व है इसलिए इस दिन संभव हो तो गंगा स्नान भी कराना चाहिए।

कामदा एकादशी के दिन गौमाता को हरा चारा अवश्य खिलाना चाहिए।

यदि किसी व्यक्ति के विवाह होने में देरी हो रही है तो इस दिन उस व्यक्ति को केसर, केला, गुड़ और चने की दाल दान करनी चाहिए।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story