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Kartik Month 2024 Start Date: कार्तिक माह कब से कब तक रहेगा, जानिए इस माह की महिमा और पड़ने वाले व्रत-त्योहार

Kartik Month 2024 Start Date: पद्म पुराण में कार्तिक मास में जप-तप और दान का अपना महत्व है। जानते है कब से शुरू रहा कार्तिक का महीना और उसमें आने वाले त्योहार...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 16 Oct 2024 9:29 AM IST (Updated on: 16 Oct 2024 9:46 AM IST)
kartik month start and end date
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kartik month

Kartik Month 2024 Start Date : हिंदू पंचांग के अनुसार आठवां महीना होता है और इसे विशेष धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व प्राप्त है। यह माह विशेष रूप से भगवान विष्णु, शिव, और देवी लक्ष्मी की पूजा का समय माना जाता है। कार्तिक मास में सुबह सुबह स्नान और सूर्योदय से पहले दीपदान का महत्व है। इस माह में पवित्र नदियों में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान का बहुत अधिक महत्व होता हैं। इसी मास से चातुर्मास का समापन होता है। इस माह की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु चार माह की निंद्रा के बाद उठते हैं और उसके बाद मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। कार्तिक मास 16 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और 15 नवंबर को खत्म हो रहा है।

इस माह में गंगा स्नान, व्रत, और दीपदान करने का विशेष महत्व है।कार्तिक स्नान पूरे महीने में किए जाने वाले धार्मिक कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह माना जाता है कि इस दौरान किए गए पुण्य कर्मों से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कार्तिक माह की महिमा

धर्म शास्त्रों के अनुसार इस पूरे कार्तिक मास में व्रत व तप का विशेष महत्व है। उसके अनुसार, जो मनुष्य कार्तिक मास में व्रत व तप करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में कहा है कि भगवान नारायण ने ब्रह्मा को, ब्रह्मा ने नारद को और नारद ने महाराज पृथु को कार्तिक मास के सर्वगुण संपन्न माहात्म्य के संदर्भ में बताया है। इस बार 16 अक्टूबर 2024 से कार्तिक माह शुरू हो रहा है।

कार्तिक मास जो पापों के नाश का मास और मुक्ति का मार्ग दिखाने वाला है, यह भगवान विष्णु को अति प्रिय है। कार्तिक मास की शुरुआत के साथ ही धार्मिक कामों की महत्ता बढ़ जाती है। पुराणों में भी कार्तिक मास की चर्चा मासोत्तम मास के रूप में है। कार्तिक मास के समान कोई दूसरा मास नहीं है और सतयुग के समान कोई युग नहीं है। वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नदी नहीं है। इसी तरह सभी देवताओं में भगवान विष्णु,तीर्थों में बद्रीनारायण को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इसलिए इस पवित्र मास का महत्व बढ़ जाता है।

इस महीने तप एवम पूजा पाठ उपवास का महत्व होता है, जिसके फलस्वरूप जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है। इस माह में तप के फलस्वरूप मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। इस माह के श्रद्धा से पालन करने पर दीन दुखियों का उद्धार होता है, जिसका महत्त्व स्वयम विष्णु ने ब्रह्मा जी से कहा था। इस माह के प्रताप से रोगियों के रोग दूर होते हैं जीवन विलासिता से मुक्ति मिलती हैं।

कार्तिक माह में दीपदान पूजा- विधि

कार्तिक माह में दीप दान और दान भी करना जरूरी होता है। इस मास के अक्षय नवमी, तुलसी विवाह, एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। इस मास पवित्र नदियों में, मंदिरों में आंवला के पेड़ के नीचे दीप दान किया जाता है। जो शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक होता है। इससे घर में धन आता हैं। कार्तिक में मां लक्ष्मी को दीप जलाकर जीवन के अंधकार को दूर कर प्रकाश देने की कामना की जाती है।इस मास दिवाली, दूज, छठ, देव दीपावली और पूर्णिमा जैसे कई पर्व आते है। 

कार्तिक में तुलसी की पूजा की जाती हैं और तुलसी के पत्ते खाये जाते हैं। इससे शरीर निरोग बनता हैं। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके सूर्य देवता एवम तुलसी के पौधे को जल चढ़ाया जाता हैं। कार्तिक में तुलसी के पौधे का दान दिया जाता हैं। इन दिनों में तुलसी दान, अन्न दान, गाय दान एवम आँवले के पौधे के दान का महत्व सर्वाधिक बताया जाता हैं ।कार्तिक में पशुओं को भी हरा चारा खिलाने का महत्व होता हैं।घर में सत्यनारायण भगवान की कथा करवायें।

कार्तिक माह के त्योहार

इस माह में करवा चौथ विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। अहोई अष्टमी माताएं अपनी संतानों की सुख-समृद्धि के लिए उपवास करती हैं। दीपावली यह कार्तिक मास का सबसे बड़ा पर्व है, जिसमें भगवान गणेश और लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा इस दिन गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा होती है।भाई दूज इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं। छठ पूजा सूर्य देवता की उपासना का यह पर्व बिहार और उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाता है।

20 अक्टूबर, रविवार, करवा चौथ

21 अक्टूबर, सोमवार, रोहिणी व्रत

24 अक्टूबर, बृहस्पतिवार, अहोई अष्टमी

28 अक्टूबर, सोमवार, रामा एकादशी

29 अक्टूबर, मंगलवार, प्रदोष व्रत , धनतेरस

30 अक्टूबर, बुधवार , काली चौदस

31 अक्टूबर, बृहस्पतिवार, नरक चतुर्दशी , छोटी दिवाली

01 नवंबर, शुक्रवार, अमावस्या, दिवाली

02 नवंबर, शनिवार, गोवर्धन पूजा , अन्नकूट

03 नवंबर, रविवार, भाई दूज

07 नवंबर, बृहस्पतिवार,छठ पूजा

09 नवंबर, शनिवार , दुर्गाष्टमी व्रत , गोपाष्टमी

10 नवंबर, रविवार, अक्षय नवमी

12 नवंबर, मंगलवार, प्रबोधिनी एकादशी

13 नवंबर, बुधवार, प्रदोष व्रत , तुलसी विवाह

15 नवंबर, शुक्रवार, कार्तिक पूर्णिमा व्रत , गुरु नानक जयंती



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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