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Karva Chauth Muhurat: जाने इस साल का करवा चौथ व्रत की सही तिथी, पूजा मुहूर्त और चंद्र अर्घ्य का समय
करवा चौथ स्पेशल: करवा चौथ का व्रत (karva chauth vrat 2021) निर्जला रखा जाता है। आइये जानते हैं आचार्य कौशलेन्द्र पाण्डेय जी से कि इस वर्ष करवा चौथ व्रत कब ( karva chauth kab hai 2021) है ? इसकी सही तिथी क्या (karva chauth date 2021) है ? पूजा मुहूर्त और चन्द्र अर्घ्य (karva chauth muhurat) का समय क्या है ?
Karva Chauth Muhurat: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही हम आप करवा चौथ व्रत (karwa chauth vrat) के नाम से जानते है। चतुर्थी तिथि में चंद्रमा का उदय होना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पति के हाथों पारण किया जाता है। तभी व्रत को पूर्ण मानते हैं। करवा चौथ (karva chauth ke din kya karna chahie) के दिन माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। करवा चौथ का व्रत (karva chauth vrat 2021) निर्जला रखा जाता है। आइये जानते हैं आचार्य कौशलेन्द्र पाण्डेय जी से कि इस वर्ष करवा चौथ व्रत कब ( karva chauth kab hai 2021) है ? इसकी सही तिथी क्या (karva chauth date 2021) है ? पूजा मुहूर्त और चन्द्र अर्घ्य (karva chauth muhurat) का समय क्या है ?
करवा चौथ 2021 तिथि (karva chauth vrat tithi)
हिन्दी पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर (karva chauth 24 october 2021) दिन रविवार को प्रात: 03 बजकर 01 मिनट (karva chauth vrat time) पर हो रहा है। चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन 25 अक्टूबर दिन सोमवार को प्रात: 05 बजकर 43 मिनट पर हो रहा है। चतुर्थी तिथि में चन्द्रोदयव्यापिनी मुहूर्त 24 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को रखा जाएगा।
करवा चौथ 2021 पूजा मुहूर्त (karva chauth 2021 puja muhurat)
इस वर्ष करवा चौथ पूजा का मुहूर्त 01 घंटा 17 मिनट (karva chauth 2021 puja muhurat) का है। आप करवा चौथ के दिन शाम को 05 बजकर 43 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट के मध्य चौथ माता यानी माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय का विधिपूर्वक पूजन कर लें। इसके बाद चंद्रमा के उदय होने पर उनकी पूजा करें और अर्घ्य दें। पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करें। उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें। पारण से ही व्रत पूरा होता है।
करवा चौथ 2021 चन्द्र अर्घ्य का समय (karva chauth chandrama time 2021)
इस साल करवा चौथ के दिन चंद्रमा के उदय होने का समय रात 08 बजकर 07 मिनट पर है। आप रात 08:07 बजे चंद्रमा की पूजा करें और फिर दूध, अक्षत्, पुष्प मिश्रित जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें।
महाभारत काल का करवाचौथ (mahabharat kal ka karva chauth)
भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने करवाचौथ का व्रत रखा था। मान्यता है कि इसी करवाचौथ व्रत से पांडवों को महाभारत युद्ध (mahabharat kal ka karva chauth) में विजय मिली थी। द्वापर युग में एक बार अर्जुन, वनवास के दौरान नीलगिरी पर्वत पर तपस्या करने गये थे। जब कई दिनों तक अर्जुन वापस नहीं आये, तो द्रौपदी को चिंता हुई। तब कृष्ण जी ने द्रौपदी से न सिर्फ करवाचौथ व्रत रखने को कहा बल्कि शिव द्वारा पार्वती जी को जो करवाचौथ व्रत की कथा सुनाई गई थी, उसे स्वयं द्रौपदी को सुनाया था।
पौराणिक महत्व (karva chauth ka pauranik mahatva)
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को दिन भर निर्जल व्रत रखने के बाद, शाम को चंद्रमा को जल का अर्घ्य देने के साथ व्रत संपन्न होता है। इस दिन सिर्फ चंद्रमा की ही पूजा नहीं होती। बल्कि करवाचौथ को शिव-पार्वती और स्वामी कार्तिकेय भी पूजा की जाती है। शैलपुत्री पार्वती ने भी शिव जी को इसी प्रकार के कठिन व्रत से पाया था। इस दिन गौरी पूजन से जहां महिलायें अखंड सुहाग की कामना करती हैं, वहीं अविवाहित कन्या , सुयोग्य वर पाने की प्रार्थना करती हैं।
आचार्य कौशलेन्द्र पाण्डेय जी का मनोवैज्ञानिक पक्ष
मान्यता है कि जिन दंपत्तियों के बीच छोटी छोटी (karva chauth ki manyata) बात को लेकर अनबन रहती है, करवाचौथ व्रत से आपसी मनमुटाव दूर होता है। करवाचौथ में चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा मन का कारक है। सारे रिश्ते नाते भी इसी मन की डोर से बंधे हैं।