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Karwa Chauth Puja Mantra: करवा चौथ का चांद देखते समय किन मंत्रों का जाप करें, जानिए सरगी में क्या खाएं और क्या खाएँ नहीं

Karwa Chauth 2024 Puja Mantra: करवा चौथ व्रत के दिन पूजा के दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देते समय सबसे पहले कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 20 Oct 2024 5:31 PM IST (Updated on: 20 Oct 2024 5:32 PM IST)
Karwa Chauth 2024 Puja Mantra
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Karwa Chauth 2024 Puja Mantra

Karwa Chauth 2024 Puja Mantra Jaap: कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत आता है। इस व्रत को सु​हागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर 2024, रविवार को है। इस दिन माता करवा एवं चंद्रमा की पूजा किए जाने का विधान है। वहीं जब चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है तो तीन चीजें बोली जाती हैं। करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाकर दिनभर का उपवास शुरू करती हैं। सरगी में सही भोजन चुनना बेहद ज़रूरी होता है ताकि दिनभर उपवास के दौरान शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिल सके। लेकिन सरगी में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें खाने से बचना चाहिए, क्योंकि ये आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।

करवा चौथ पर करें मंत्र जाप

करवा चौथ व्रत के दिन पूजा के दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देते समय सबसे पहले कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए। ये मंत्र ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:, ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:, ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम. नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम’ हैं.

आप जब चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं तो उस समय अपने पति का पांच बार नाम लें। सी के साथ चंद्रमा को एक सफेद फूल भी अर्पित करें। आप चाहें तो सफेद वस्त्र भी अर्पित कर सकती हैं। इससे पति के जीवन से तनाव दूर होता है।

तीन महत्वपूर्ण कामों में से तीसरा है चंद्रमा की रक्षा स्तुति। यह चंद्रमा को अर्घ्य देते समय बोली जाती है। स्तुति: क्षीरोदार्णवसम्भूत आत्रेयगोत्रसमुद्भव:. गृहाणार्ध्यं शशांकेदं रोहिण्यसहितो मम. को 5 या फिर 11 बार दोहराने से पति के जीवन से संकट दूर हो जाता है।

पार्वतीजी का मंत्र - ॐ शिवायै नमः

शिव का मंत्र - ॐ नमः शिवाय

स्वामी कार्तिकेय का मंत्र - ॐ षण्मुखाय नमः

श्रीगणेश का मंत्र - ॐ गणेशाय नमः

चंद्रमा का पूजन मंत्र - ॐ सोमाय नमः

करवा चौथ सरगी में क्या न खाएं

सरगी का सेवन करने से पहले यह जानना जरूरी है कि कौन से खाद्य पदार्थ व्रत के दौरान नुकसान पहुंचा सकते हैं। जानते हैं कि आपको सरगी में किन चीजों से बचना चाहिए।

तली हुई चीज़ों का सेवन करना सरगी में बिल्कुल सही नहीं माना जाता। भले ही तली हुई पूरियां और समोसे खाने में स्वादिष्ट लगें, लेकिन ये पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इनसे दिनभर आपको भारीपन और सुस्ती महसूस हो सकती है, जिससे व्रत का उद्देश्य कहीं न कहीं कमज़ोर हो सकता है।

सरगी में मसालेदार खाना भी एक बुरा विकल्प है। ज़्यादा मसालेदार खाना पेट में जलन और एसिडिटी का कारण बन सकता है, जिससे व्रत के दौरान असहजता महसूस हो सकती है। खासकर लाल मिर्च और तीखे मसाले खाने से बचना चाहिए। इसकी जगह हल्के मसाले और संतुलित भोजन का सेवन करें।

मीठे का ज़्यादा सेवन करना भी सरगी के दौरान सही नहीं है। खासतौर पर मिठाई या शक्कर से भरपूर खाद्य पदार्थ तुरंत तो ऊर्जा दे सकते हैं, लेकिन कुछ समय बाद यह ऊर्जा कम हो जाती है, जिससे आपको कमजोरी और थकावट महसूस हो सकती है। इससे बचने के लिए शुगर फ्री विकल्पों या कम शक्कर वाले फलों का सेवन बेहतर होगा।

करवा चौथ सरगी में क्या नहीं खाना चाहिए, क्या खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है:

सूखे मेवे: ये दिनभर ऊर्जा बनाए रखने में मदद करते हैं।

दही और फल: पाचन को दुरुस्त रखते हैं और ताजगी बनाए रखते हैं।

नारियल पानी: यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने का बेहतरीन विकल्प है।

इसे बिना ज्यादा तेल और शक्कर के बनाएं, ताकि यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो। करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए सरगी बेहद महत्वपूर्ण होती है। सही भोजन का चयन पूरे दिन की ऊर्जा को बनाए रखता है, जबकि गलत आहार सेहत पर विपरीत असर डाल सकता है। तली हुई चीज़ें, मसालेदार और अत्यधिक मीठा भोजन खाने से बचें, और इसकी जगह पौष्टिक और हल्का आहार लें। इससे व्रत रखना न केवल आसान होगा, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी रहेगा।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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