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नवरात्रि की अष्टमी, नवमी: बहुत खास दो दिन, ये करें हो जाएंगे मालामाल

भक्त सच्चे मन से इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा करते हैं उनकी सारी मनोकामना देवी मां जरूर पूरा करती हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 19 April 2021 9:41 AM GMT
नवरात्रि की अष्टमी, नवमी: बहुत खास दो दिन, ये करें हो जाएंगे मालामाल
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लखनऊ : कोई भी नवरात्रि( Navratri) हो,ये त्यौहार पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता हैं और इन नौ दिनों में माँ दुर्गा( Maa Durga) के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं। ऐसे में जो मां के भक्त सच्चे मन से इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा (Worship) करते हैं उनकी सारी मनोकामना देवी मां जरूर पूरा करती हैं। मनुष्य जीवन जब तक रहता है, तब तक मानव के हृदय में अनेक तरह की इच्छाएं रहती है।

एक पूरी हो जाती है तो दूसरी जन्म लेती हैं। मनोकामनाओं को मानव किसी के भी आगे व्यक्त कर सकता है तो कुछ कामनाएं ऐसी हैं, जिन्हें किसी के सामने व्यक्त नहीं किया जा सकता है। नवरात्रि में आप गुप्त मनोकामना या हृदय की समस्त कामनाओं की पूर्ति कैसे की जा सकती है, ये जानते हैं...

दुर्गा सप्तशती के इस अध्याय का पाठ जरूर करें

दुर्गा सप्तशती (Durga Saptshati) के सभी 13 अध्यायों में वैसे तो दैत्यों के वध की कथा है, लेकिन प्रत्येक अध्याय का अलग ही महत्व है। दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय उन लोगों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है, जो अपने हृदय अथवा गुप्त मनोकामनाओं की पूर्ति करना चाहते है। इसके लिए सही समय चैत्र नवरात्रि ही है। दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय में असुर चण्ड मुण्ड के वध का वर्णन मिलता हैं। इस अध्याय का पाठ करने का फल हमें यह मिलता है कि हमारी गुप्त कामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके लिए आपको करना क्या है। नित्य प्रति की तरह ही माता की चैकी के सामने बैठ जाएं।


सांकेतिक तस्वीर , साभार- सोशल मीडिया


दुर्गा सप्तशती के प्रथम मंत्रों का उच्चारण करने के बाद दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ प्रारंभ करें। इसके बाद मन ही मन में देवी के सामने अपने हृदय और गुप्त कामनाओं का वर्णन करे। देवी से प्रार्थना करें कि जिस प्रकार वह अपने समस्त भक्तों की रक्षा करती है और उन्हें मनवांछित फल प्रदान करती है, हे देवी उसी प्रकार मेरी गुप्त मनोकामनाओं की भी पूर्ति करें। देवी को मिष्ठान व फल आदि का भोग लगाएं, आरती करें और क्षमा याचना करें।

इन उपायों से हर मनोकामना होगी पूरी

1.नवरात्रि में मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए पूजा के दौरान कमल का फूल चढ़ाएं। अगर आपके पास कमल का फूल नहीं है तो नवरात्रि में अपने घर कमल के फूल वाली कोई तस्वीर भी लगा सकते हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्‍न होती हैं।


सांकेतिक तस्वीर सोशल मीडिय


2.धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए चांदी या सोने का सिक्‍का घर पर लाने से बरकत आती है। मान्यता है कि मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

3.अगर आपके घर में कोई व्‍यक्ति काफी समय से बीमार है तो नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्‍प अर्पित करें। इसके साथ ही ऊं क्रीं कालिकायै नम: मंत्र का जप करें। कहते हैं कि ऐसा करने मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

4. नवरात्रि में मोरपंख को घर में लाना भी बहुत शुभ माना जाता है। मां लक्ष्‍मी की सवारी में से एक मोर भी होता है। मोर पंख को घर पर लाने से आपके घर में मां लक्ष्मी की कृपा भी आती है।

5. नौ देवियों के नौ ध्यान मंत्र होते हैं ऐसे में आपके घर जिस भी दिन जिस माता की पूजा हो उस दिन सबसे छुपकर घर में माता के ध्यान मंत्र का कम से कम 108 बार जप कीजिए, क्योंकि ऐसा करने वाले लोगों को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इसी के साथ ऐसा करने वाले व्यक्ति को मनचाहा वरदान प्राप्त मिल जाता है।


सांकेतिक तस्वीर, साभार-सोशल मीडिया

6.जो लोग धन लाभ पाना चाहता हैं वह शाम को माँ की पूजा कुछ खास तरीके से करें, क्योंकि अगर वह ऐसा करते हैं तो उन्हें धन की प्राप्ति आसानी से हो जाती है। इसके लिए पूजन आरंभ करने से पहले आप अपने आसन के सामने 9 दिए जला ले और एक थाली में स्वास्तिक का चिन्ह बना लें और इसे भी अपने सामने रख लें। मनोकामना पूर्ति के लिए रोजाना एक घी का दिया तुलसी माता के सामने जरूर जलाएं, लेकिन ध्यान रखें कि यह दिया आपको आधी रात को जलाना हैं क्योंकि इससे मां दुर्गा आपसे खुश हो जाएंगी।

7.नवरात्रि में दान करना सबसे पुण्य का काम होता हैं और शास्त्रों में भी कहा गया हैं कि हर इंसान को दान करना चाहिए। कहते हैं नवरात्रि में किसी गरीब या फिर जरूरतमन्द व्यक्ति की सहायता करने से भी पुण्य मिलता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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