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आज रहें सतर्क, सोमवती अमावस्या पर बन रहे हैं दो अशुभ योग
सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है।
लखनऊ : हिंदू धर्म में हर महीने आने वाली पूर्णिमा (Purnima) और अमावस्या तिथि (Amawasya) का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, हर माह में एक अमावस्या और एक पूर्णिमा तिथि आती है। ऐसे में पूरे साल में कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somwati Amawasya) कहा जाता है। इस दिन यानि हरिद्वार महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान भी है। इस साल सोमवती अमावस्या के दिन वैधृति और विष्कंभ योग (Vishkumbha Yog) बन रहा है। खास बात यह है कि पूरे साल में सिर्फ एक ही सोमवती अमावस्या पड़ रही है।
सोमवती अमावस्या के दिन वैधृति योग दोपहर 2 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके बाद विष्कुम्भ योग लग जाएगा। जबकि इस दिन रेवती नक्षत्र सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगा, उसके बाद अश्विनी नक्षत्र लगेगा। चंद्रमा सुबह 11 बजकर 30 मिनट कर मीन राशि, उसके बाद मेष पर संचार करेगा। सूर्य मीन राशि में रहेंगे।
इस अमावस्या का महत्व (Importance of Somwati Amawasya)
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना शुभ फलकारी माना गया है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ में देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में पीपल की पूजा करने से सभी देवता पूजित होते हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इन दो योगों में ना करें काम
विष्कुम्भ योग ज्योतिष शास्त्र में इस योग को विष से भरा हुआ घड़ा माना जाता है इसीलिए इसका नाम विष्कुम्भ योग है। जिस तरह से विष का सेवन करने पर सारे शरीर में धीरे-धीरे विष भर जाता है वैसे ही इस योग में किया गया कोई भी कार्य विष के समान होता है। यानी इस योग में किए गए कार्य का फल अशुभ होता है।
वैधृति योग यह योग स्थिर कार्यों हेतु ठीक है परंतु यदि कोई भाग-दौड़ वाला कार्य अथवा यात्रा आदि करनी हो तो इस योग में नहीं करनी चाहिए।
सोमवती अमावस्या के शुभ मुहूर्त ( Shubh Muhurat of Somwati Amawasya)
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:17 am, अप्रैल 13 से 05:02 am, अप्रैल 13 तक, अभिजित मुहूर्त- 11:44 am से 12:35 pm तक, विजय मुहूर्त- 02:17 pm से 03:07 pm तक,गोधूलि मुहूर्त- 06:18 pm से 06:42 pm तक, अमृत काल- 08:51 pm से 10:37 am तक, निशिता मुहूर्त- 11:46 pm से 12:32 am, अप्रैल 13 तक।
आज का अशुभ मुहूर्त ( Today Shubh Muhurat)
राहुकाल- 07:23 am से 08:59 am तक, यमगण्ड- 10:34 am से 12:10 pm तक, गुलिक काल- 01:45 am से 03:20 pm तक, दुर्मुहूर्त- 12:35 pm से 01:26 pm तक, गण्ड मूल- पूरे दिन, पंचक- 05:48 am से 11:30 am तक।