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Krodh Shant Karne Ka Mantra:क्रोध, झुंझलाहट और चिड़चिड़ेपन से रहते हैं परेशान, तो इन मंत्रों में छिपा है निदान
Krodh Shant Karne Ka Mantra:आप क्रोध पर काबू पा सकते है, लेकिन हमारे धर्म ग्रंथों में कुछ बातें लिखी गई है जिसे जीवन में अपनाकर आप जीवन से क्रोध को दूर कर सकते है तो जानते हैं कौन-कौन से हैं वो चमत्कारी मंत्र, जिनके जाप से इंसान अपने गुस्से पर पूर्ण नियंत्रण कर सकता है।
Krodh Shant Karne Ka Mantra
क्रोध शांत करने का मंत्र
छोटी-छोटी बातों को लेकर क्या आप भी उतावले गुस्सैल हो जाते है। अपने परिवार और ऑफिस में लोगों से लड़ने-झगड़ने लगते हैं ? अगर वाकई ऐसा है तो आपको अध्यात्म की ओर लौटने की जरूरत है, ताकि आपका मन शांत हो सके।गुस्सा बाहरी और आंतरिक दोनों कारण से हो सकता है। आप किसी विशिष्ट व्यक्ति या घटना (ट्रैफ़िक जाम, रद्द उड़ान) पर क्रोधित हो सकते हैं। या आपका गुस्सा आपकी व्यक्तिगत समस्याओं के बारे में चिंता करने के कारण हो सकता है। कारण कोई भी हो ज्यादा तनाव या गुस्सा करना आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बिगाड़ने का काम करता है।
गीता में भगवान भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि क्रोध से मोह या यूं कहें कि मूढ़ भाव उत्पन्न होता है। क्रोध से उत्पन्न मूढ़ता से स्मृति का नाश होता है तथा वह भ्रमित होती है। अब इससे ज्ञान का नाश होता है। बुद्धिनाश से मनुष्य अपनी स्थिति से बहुत नीचे गिर जाता है।
क्रोध के कारण
वैसे क्रोध के कारण ज्योतिष के अनुसार राहु, शनि, मंगल, सूर्य, चंद्रमा इत्यादि होते है। सूर्य में यदि सहनशक्ति है, तो वही पर मंगल में आक्रामकता और देखा जाए तो चंद्रमा शारीरिक और भावनात्मक आवश्यकताओं का प्रतीक है। यदि किसी व्यक्ति के जन्म कुंडली में चंद्रमा, सूर्य तथा मंगल ग्रह एक दूजे के साथ यदि किसी भी तरह से दृष्टि संबंध बनाए तो उस व्यक्ति के भीतर गुस्सा काफी ज्यादा रहता है। इसके साथ ही मंगल शनि की युति गुस्से को जींद यानी की हट में परिवर्तित कर देती है। , राहु का लग्न से तीसरे स्थान पर होने से जातक के घमंड की वजह – अपने आप को सबसे बड़ा मानना होता है जिससे व्यक्ति को कुछ ज्यादा ही गुस्सा आने लगता है।गीता में प्रभु श्री कृष्ण के अनुसार इंसान को अपने गुस्से पर काबू रखना काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गुस्से से गरलफहमी पैदा होती है तथा गलतफहमी से बुद्धि खत्म होती है और जब व्यक्ति के पास बुद्धि ही नहीं रहेगा तो व्यक्ति का विनाश होना निश्चित है।
अबतक गुस्से या क्रोध से निजात दिलाने वाली कोई दवा भी नहीं बनी जिसे खाकर आप क्रोध पर काबू पा सकते है, लेकिन हमारे धर्म ग्रंथों में कुछ बातें लिखी गई है जिसे जीवन में अपनाकर आप जीवन से क्रोध को दूर कर सकते है तो जानते हैं कौन-कौन से हैं वो चमत्कारी मंत्र, जिनके जाप से इंसान अपने गुस्से पर पूर्ण नियंत्रण कर सकता है।
वेदों में छिपा है क्रोध का निदान
वेदों को दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रंथ माना गया है। इन्हीं वेदों में छिपा है दुनिया के हर मसले का वैज्ञानिक हल। दरअसल भगवान शिव के पुत्र और प्रथमपूज्य भगवान गणेश ने समूची मानव जाति को क्रोध पर नियंत्रण करने का रहस्य बताया है। भगवान गणेश के बताए वैदिक मंत्र के द्वारा कोई भी इंसान अपने क्रोध पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर सकता है।
क्रोध पर काबू पाने का विष्णु मंत्र
ॐ शांताकाराय नम:
इस मंत्र के जाप से आपको गुस्सा तो नहीं आएगा साथ ही ईश्वर की कृपा दृष्टि आप पर सदैव बनी रहेगी । आपके बिगड़ते काम बन जाएंगे।
वैदिक शांति मंत्र
ॐ ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं: पूर्णात्पूर्णमुदच्यते, पूर्णस्य पूर्णमादाय पुर्णमेवावशिष्यते, ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:
इस मंत्र का प्रतिदिन 21 बार जप करने से लाभ जरूर मिलता है। ये भी ध्यान रखें कि मंत्रों को पूरी शुद्धता के साथ ही पढ़ें।प्रतिदिन सुबह स्नान करके ईश्वर की आराधना के साथ इन मंत्रों का जाप करें तो आपके काम बनते जाएंगे । लोग आपकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे।आपका व्यवहार सौम्य और मधुर रहेगा।
ॐ गतक्रोधाय नम:
वैदिक विधान के अनुसार इस अचूक मंत्र का प्रतिदिन 108 बार 5 मालाओं में जप करना चाहिए। दरअसल प्राचीन ऋषि और आधुनिक विज्ञान का भी यही मानना है कि मस्तिष्क की तंत्रिकाओं के जरिए गुस्से पर ना सिर्फ काबू पाया जा सकता है, बल्कि अपनी खुशियों को बढ़ाया भी जा सकता है।
झुंझलाहट और चिड़चिड़ेपन से निजात
कर्कोटस्य नागस्य दमयन्त्या नलस्य च। ऋतुपर्णस्य राजर्षे: कीर्तनं कलिनाशनम्।।
ज्यादातर लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर भी झुंझलाहट दिखाने लगते हैं। ये मंत्र झुंझलाहट पर काबू रखने में मददगार है। इसके लिए हमें महर्षि वेदव्यास रचित महान ग्रंथ महाभारत की ओर मुड़ना होगा। इसमें कलियुग द्वारा राजा नल को वरदान देते हुए कही गई है, इस मंत्र को प्रतिदिन 108 बार पढ़ने से झुंझलाहट और चिड़चिड़ेपन से निजात मिलती है।