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कुंंभ स्नान में रह गए है शेष चार दिन,जानिए स्नान की प्रमुख 6 तिथियां?

suman
Published on: 10 Jan 2019 1:30 AM GMT
कुंंभ स्नान में रह गए है शेष चार दिन,जानिए स्नान की प्रमुख 6 तिथियां?
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जयपुर : कुंभ स्नान में अब कुछ दिन शेष रह गए है। हिन्दू धर्म में कुंभ पर्व को महत्वपूर्ण पर्वों में से एक माना जाता है। कुंभ के दौरान, लाखों-करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान करने आते हैं। गंगा स्नान कुंभ पर्व स्थल हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक है। इन सभी में प्रत्येक स्थान पर हर बारह वर्ष में कुंभ पर्व मनाया जाता है। प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है।ग्रहों की चाल के अनुसार, कुंभ मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारंभ होता है जब सूर्य और चंद्रमा वृश्चिक राशि में और बृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं। जिसका अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होता है।

इस साल 2019 में कुंभ प्रयागराज त्रिवेणी संगम में लग रहा है। कुंभ 2019 14 जनवरी 2019 से 4 मार्च 2019 तक रहेगा। इस दौरान स्नान के लिए 6 प्रमुख तिथियां होंगी। जिसकी शुरुआत 14 जनवरी मकर संक्रांति के स्नान से होगी और समाप्ति 4 मार्च को महाशिवरात्रि के स्नान से। प्रयाग का अर्द्धकुंभ पुरे 50 दिनों तक चलेगा

14 जनवरी कुंभ की शुरुवात मकर संक्रांति को पहले स्नान से होगी। इस दिन शाही स्नान और राजयोगी स्नान भी होगा। इस दिन संगम प्रयागराज पर विभिन्न अखाड़ों के संत की पहले शोभा यात्रा निकलेगी फिर शाही स्नान होगा। मकर संक्रांति के दिन सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन व्रत करके स्नान दान करना बहुत शुभ होता है।

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21 जनवरी कुंभ का दुसरा स्नान पौष पूर्णिमा के दिन होगा। पौष पूर्णिमा को गंगा स्नान करना बहुत शुभ होता है उसपर कुंभ पर्व का स्नान इसे और भी महत्वपूर्ण बना देता है। 2019 में माघ पूर्णिमा 21 जनवरी को है। इस दिन प्रातःकाल स्नान आदि करके दान करता है उसे परम् मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के बाद से बंद हुए मांगलिक कार्य भी दोबारा शुरू हो जाएंगे। इस दिन संगम पर प्रातः स्नान के बाद कुंभ की अनौपचारिक शुरुवात हो जाती है। इस दिन कल्पवास भी आरम्भ हो जाता है।

4 फरवरी कुंभ का तीसरा स्नान के दिन मौनी अमावस्या को गंगा स्नान करना बहुत ही पुण्यकारी होता है। इस बार मौनी अमावस्या4 फरवरी 2019 को है। माना जाता है इसी दिन कुंभ के पहले तीर्थाकर ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या का मौन व्रत तोडा था और संगम के पवित्र जल में स्नान किया।

10 फरवरी माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी मनाई जाती है। वसंत पंचमी के दिन से बसंत ऋतू प्रारंभ हो जाती है। माना जाता है इस दिन माँ सरस्वती का जन्म हुआ था। वसंत पंचमी के दिन कुंभ का चौथा स्नान है। 2019 में वसंत पंचमी 10 फरवरी को है। इस दिन तीर्थ स्नानों पर गंगा स्नान करना बहुत शुभ होता है। इस दिन का स्नान भी बहुत खास होता है।

14 फरवरी वसंत पंचमी के बाद कुंभ मेले का पांचवा स्नान माघी पूर्णिमा के दिन होता है। 2019 में माघी पूर्णिमा 14 फरवरी को है। माघ माह की पूर्णिमा को पूर्णता का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन प्रयाग के तट पर कठिन कल्पवास व्रतधारी स्नान करते हैं। कुंभ में माघी पूर्णिमा के स्नान को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

4 मार्च कुंभ मेले का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होता है। यह दिवस कल्पवासियों का अन्तिम स्नान पर्व है और सीधे भगवान शंकर से जुड़ा है। 2019 में महाशिवरात्रि 4 मार्च को है। भगवान शिव और माँ पार्वती के पावन पर्व पर कुंभ स्नान का महत्व और भी खास हो जाता है। इस दिन गंगा में डुबकी जरूर लगानी चाहिए।

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