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Rajyog in Kundali: क्या आपकी कुंडली में भी है राजयोग, इस आसान तरीके से लगाएं इसका पता
Rajyog in Kundali: आज हम आपको कुछ ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं जिससे आप जान सकते हैं कि आपकी कुंडली में राजयोग है या नहीं।
Rajyog in Kundali: हिंदू धर्म में ज्योतिषशास्त्र को काफी महत्वपूर्ण समझा जाता है। बच्चे के जन्म से लेकर शादी तक ग्रहों की चाल और उनके असर के हिसाब से निर्धारित होते हैं। ऐसे में कई ऐसी बातें भी हैं जिनके बारे में लोगों की कुंडली द्वारा चीज़ें पता चल जाती हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि एक समय में जहाँ एक व्यक्ति कंगाली में जीवन व्यतीत कर रहा था वहीँ अगले ही पल उसके सामने कई ऐसे द्वार खुल जाते हैं जब उनकी किस्मत पलट जाती है और वो मालामाल हो जाता है। ये सब होता है कुंडली में बनते और बिगड़ते योगों की वजह से। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आपकी कुंडली ये बता सकती है कि आपके जीवन में राज योग है या नहीं। आइये जानते हैं।
जीवन में राज योग है या नहीं
राजयोग (Raj Yog) ग्रहों का वो योग है जब व्यक्ति के अच्छे कर्मों का उसे फल मिलना शुरू हो जाता है। साथ ही व्यक्ति को राजा के समान जीवन और भौतिक सुख सुविधाएं भी मिलने लगतीं हैं। ये एक शुभ योग कहा जाता है लेकिन ये सभी के जीवन में नहीं आता। ये व्यक्ति का वो समय होता है कि जब वो कोई भी काम करता है उसमे उसे सफलता ह मिलती जाती है। उसके प्रत्येक काम बनते चले जाते हैं। साथ ही उसे हर प्रकार के सुख मिलते हैं और व्यक्ति एक राजा के सामान जीवन जीने लगता है।
व्यक्ति की कुंडली ही बताती है कि उसके जीवन में कब राजयोग का निर्माण होगा। वहीँ आज हम आपको बताते हैं कि अगर आपकी कुंडली में भी राजयोग है तो आप इसका पता कैसे कर सकते हैं। दरअसल व्यक्ति की कुंडली के कुछ ख़ास भावों में राजयोग छिपा होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी कुंडली में नौवें और दसवें भाव बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। वहीँ अगर आपके ये दोनों गृह अच्छे भाव में हैं तो कुंडली में राजयोग होता है। साथ ही व्यक्ति एक आलीशान ज़िन्दगी भी जीता है। आपको बता दें कि भृगु वेद के अनुसार कुंडली में बुध और चंद्रमा की शुभ स्थिति राजयोग बनाती है। जिनकी कुंडली में ऐसा होता है वो राजनीति में काफी सफल होते हैं और उनका जीवन भी काफी खुशहाल होता है।
कैसे लगाएं कुंडली में राज योग का पता
अगर आपकी कुंडली में राजयोग है तो इसका पता आप बेहद आसानी से लगा सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले अपना मूलांक ज्ञात करना होगा। मूलांक से हमारा तात्पर्य आपकी जन्मतिथि से है। जैसे अगर आपकी जन्म तिथि 13 है तो 1+3 यानि इसका मूलांक हुआ 4 वहीँ अगर आपकी जन्मतिथि 27 है तो इसका मूल्यांक होगा 9। इसके बाद निकला जाता है भाग्यांक जो पूरी जन्म तिथि का टोटल होता है। अगर किसी की जन्मतिथि 13-01-1986 है तो उसका मूल्यांक होगा 1+3+0+1+8+6 इसका जोड़ 1 आपका भाग्यांक कहलायेगा। इसके बाद आप मूलांक और भाग्यांक एक साथ लिख दीजिये। इसमें अगर आपको एक साथ; एक, छह और आठ नज़र आ जाये तो आपको राजयोग उम्र के किसी न किसी पड़ाव पर ज़रूर मिलेगा।