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Kundali Yog In Hindi: कुंडली के चमत्कारी योग, जातक को देते हैं धन, मनचाहा प्यार, दिलाते हैं कला के क्षेत्र अलग मुकाम

Kundali Yog In Hindi: हर व्यक्ति के जीवन के समय ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति की वजह से कुछ खास योग बनते हैं,जो जातक को लाभ देते है, जानते हैं कौन कौनसे योग है शुभकारी

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 14 Oct 2024 8:00 AM IST (Updated on: 14 Oct 2024 8:25 AM IST)
Kundali Yog In Hindi: कुंडली के चमत्कारी योग, जातक को देते हैं धन, मनचाहा प्यार, दिलाते हैं कला के क्षेत्र अलग मुकाम
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Kundali Yog In Hindi: जब आपका जन्म हुआ तब यदि उस वक्त कुंडली में सबसे 5 शुभ ग्रह योग में से कोई एक योग रहा होगा तो आपको जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में ऐसे पांच ग्रह योग होते हैं जो सबसे शुभ और प्रबल माने जाते हैं। इन योगों को महायोग कहते हैं। जिनकी भी कुंडली में इनमें से कोई एक योग होता है उन्हें जीवन में संघर्ष नहीं करना पड़ता है। जानते हैं कुंडली के शुभ योग के बारे में जो मनुष्य के खास होते हैं।

अगर इनमें से कोई एक भी योग जातक की कुंडली में हो तो उन्हें जीवन में कभी संघर्ष नहीं करना पड़ता, गुरु, मंगल, बुध, शुक्र और शनि से मिलकर बनता है। इन पांच ग्रहों में से जब कोई भी मूल त्रिकोण या केंद्र में बैठता है तो इंसान की किस्मत चमकती है।

कुंडली में पंच गुरु, मंगल, बुध, शुक्र और शनि होते हैं। इन ग्रहों में से कोई भी मूल त्रिकोण या केंद्र में बैठे हैं तो श्रेष्ठ हैं। केंद्र को विष्णु का स्थान कहा गया है। महापुरुष योग तब सार्थक होते हैं जबकि ग्रह केंद्र में हों। विष्णु भगवान के गुण होते हैं। भगवान रामचन्द्र और श्रीकृष्ण की कुंडली के केंद्र में यही पंच महापुरुष विराजमान थे। इन ग्रहों के नाम इस तरह हैं मंगल का रुचक योग, बुध का भद्र योग, गुरु का हंस योग, शुक्र का माल्वय योग और शनि का शश योग होता है।

ये योग तब सार्थक होता है जब ये ग्रह केंद्र में होते हैं।भगवान राम और श्रीकृष्ण की कुंडली में भी यही पंच महापुरुष योग विराजमान थे। ऊपर बताए गए ग्रहों से संबंधित महायोगों के नाम इस तरह हैं-

कुंडली शुभ महायोग (Kundli Shubh Maha Yog)

मंगल का रूचक योग

बुध का भद्र योग

गुरु का हंस योग

शुक्र का मालव्य योग

शनि का शश योग

मंगल का रूचक योग- यदि आपकी कुंडली में मंगल लग्न से या चंद्रमा से केंद्र के घरों में स्थित हो अर्थात यदि मंगल कुंडली में लग्न या चंद्रमा से 1, 4 7 या 10वें घर में मेष, वृश्चिक या मकर राशि में बैठा हो तो आपकी कुंडली में रूचक योग बनता है। इस योग के लोग साहसी और पराक्रमी होते हैं। इनमें शारीरिक बल भी भरपूर होता है. मानसिक रूप से ये लोग बहुत मजबूत होते हैं। ऐसे लोग बड़ी तेजी से निर्णय लेने में माहिर होते हैं।इन्हें कारोबार और प्रशासनिक मामलों में बड़ी सफलता मिलती है।

बुध का भद्र योग- इस योग में जातक को अप्रत्याशित लाभ मिलता है। यह योग बुध ग्रह से संबंधित है। यदि आपकी कुंडली में बुध लग्न से अथवा चंद्र कुंडली से केंद्र के घरों में स्थित है यानी बुध यदि केंद्र में चंद्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन और कन्या राशि में स्थिति हैं तो आपकी कुंडली में भद्र योग बनेगा।इस कुंडली का जातक बुद्धि, चतुराई और वाणी का धनी होता है। ऐसा जातक लेखन, गणित, कारोबार और सलाहकार के क्षेत्र में बहुत सफल होते हैं।इन लोगों में विश्लेषण की गजब की क्षमता होती है।

गुरु का हंस योग- अगर आपकी कुंडली में धनु राशि में लग्न में या मीन राशि में कहीं भी गुरु बैठे हों तो यह योग बनता है। जब-जब बृहस्पति ऊंचा या मूल त्रिकोण में खुद के घर में या केंद्र में स्थित होंगे तब विशेष परिस्थिति में इस योग का निर्माण होगा। बृहस्पति यदि किसी कुंडली में लग्न अथवा चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें घर में कर्क, धनु अथवा मीन राशि में स्थित हो तो कुंडली में हंस योग बनता है। इस योग से जातक को सुख, समृद्धि, अध्यात्मक शक्ति के धनी होते हैं। ये लोग अपने तार्किक शक्ति से दुनिया को झुकाने का दम रखते है।

शुक्र का मालव्य योग- जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से या चंद्रमा से केंद्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न या चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें घर में वृष, तुला या मीन राशि में स्थित हो तो कुंडली में मालव्य योग बनता है। इस योग के जातक सौंदर्य और कला के प्रेमी होते हैं। काव्य, गीत, संगीत या कला के किसी भी क्षेत्र में वह सफलता हासिल करते हैं।इनमें साहस, पराक्रम, शारीरिक बल की गजब क्षमता होती है।

शनि का शश योग- यदि आपकी कुंडली में शनि चंद्र से या लग्न से केंद्र के घरों में स्थित है अर्थात शनि यदि कुंडली में लग्न अथवा चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें घर में तुला राशि अथवा कुंभ राशि में स्थित है तो शश योग बनता है शश योग के जातक न्यायप्रिय, लंबी आयु और कूटनीति के धनी होते हैं। ये जातक लंबे समय तक प्रयास करने की क्षमता रखते हैं। यह किसी क्षेत्र में हार नहीं मानते हैं। सहनशीलता इनका विशेष गुण है, लेकिन शत्रु का इनसे बच पाना मुश्किल होता है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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