Laddu Gopal Rakhne Ke Niyam: आप भी रखते हैं लड्डू गोपाल तो इन नियमों को न करें नजरअंदाज, वरन नाराज हो जायेंगे बाल गोपाल

Laddu Gopal Rakhne Ke Niyam : जन्माष्टमी के दिन भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण रुप में जन्म लिया था और बुराई का अंत किया था । श्रीकृष्ण के ही बाल रुप को लड्डू गोपाल कहते हैँ। और लड्डू गोपाल को घर में रखने के कुछ नियम होते हैं।इन नियमों का पालन कर हम सब अपना भला कर सकते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 24 Aug 2024 7:30 AM GMT (Updated on: 3 Sep 2024 7:29 AM GMT)
Laddu Gopal Rakhne Ke Niyam
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Laddu Gopal Rakhne Ke Niyam:

लड्डू गोपाल रखने के नियम

हर घर में लड्डू गोपाल की पूजा का विधान है। शास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर में शालीग्राम और लड्डू गोपाल न हो तो उस घर का पानी भी बेकार है। लेकिन घर में बाल गोपाल लड्डू गोपाल की सेवा करने के कुछ नियम हैं। वैसे तो जहां लड्डू गोपाल होते हैं वहां हर साल जन्माष्टमी पर उनकी विशेष पूजा कृष्ण जन्मोत्सव पर की जाती है, लेकिन आपका बता दे कि जिस दिन घर में लड्डू गोपाल आते हैं उस घर के लिए उनका वहीं जन्मदिवस होता है।

लड्डू गोपाल यानि कि भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप जो सेवा का अच्छा फल देता है। जन्माष्टमी हर साल भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। घर में बच्चों के साथ लड्डू भगवान की पूजा बर्थडे मनानाा। बच्चों को खिलौने के रूप में गिफ्ट दिया जाना चाहिए। कहते हैं जिस तरह हम अपने बच्‍चे को पालते हैं, उसी तरह लड्डू गोपाल को भी पालन करना चाहिए।

घर के सदस्य है लड्डू गोपाल

लड्डू गोपाल महज एक मूर्ति नहीं, बल्कि घर के सदस्य होते हैं। यहां तक कहा जाता है कि जिस दिन घर में लड्डू गोपाल का प्रवेश हो जाता है, उस दिन से वह घर लड्डू गोपाल जी का हो जाता है। यही कारण है कि उनके साथ परिवार के सदस्य की तरह व्यव्हार होना चाहिए। जिस तरह परिवार के सदस्य सुबह नाश्ता, दोपहर और फिर रात में भोजन करते हैं, वैसे ही लड्डू भगवान को भी समय-समय पर नाश्ता और भोजन कराया जाना चाहिए। लड्डू गोपाल को रोज स्नान कराएं। उन्हें साफ-स्वच्छ कपड़े पहनाएं। स्नान करवाते वक्त गर्म या ठंडे पानी बंदोबस्त जरूर करें।

लड्डू गोपाल के स्नान के नियम

लड्डू गोपाल की सेवा का एक हिस्‍सा उनका स्‍नान कराना भी है, जो नियमित रूप से कराना जरूरी है। आप चाहें तो एक दिन छोड़ एक दिन भी करवा सकती हैं। शास्त्रोनुसार लड्डू गोपाल को स्‍नान कराने की एक विधि है। अगर आप इस विधि को अपनाते हैं तो आपको भगवान श्री कृष्‍ण के साथ-साथ माता लक्ष्‍मी का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है।

सबसे पहले शहद से लड्डू गोपाल की मालिश करें। मालिश करने के बाद साधारण पानी से उन्‍हें साफ करें।

फिर लड्डू गोपाल को चंदन के पाडर से साफ करें।

फिर एक बर्तन में लड्डू गोपाल को रखें और दूसरे बर्तन में उन्‍हें नहलाने के लिए पानी तैयार करें। इस पानी में गंगा जल और तुलसी की पत्तियां जरूर डालें। आपको बता दें कि श्री कृष्‍ण को तुलसी अति प्रिय है और लड्डू गोपाल श्री कृष्‍ण का ही स्‍वरूप हैं।

इस पानी से लड्डू गोपाल को साफ करें। यह पानी आगे भी आपके काम आएगा इसलिए आप इसे फेंके नहीं। अब गुलाब के फूल से लड्डू गोपाल को साफ करें।

पीतल के लड्डू गोपाल हैं और वह काले पड़ रहे हैं तो आप उन्‍हें नींबू के रस से साफ कर सकती हैं। इसके लिए नींबू के रस को पहले लडडू गोपाल पर डालें और फिर उन्‍हें नींबू के छिलके से ही रगड़ें। ऐसा करने पर लड्डू गोपल चमक उठेंगे।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

लड्डू गोपाल को नहलाने में न करें गलतियां

लड्डू गोपाल के नहाने का बर्तन अलग बनाएं और उनका इस्‍तेमाल केवल तब ही करें, जब आप लड्डू गोपाल को नहला रही हों। किसी अन्‍य काम के लिए उन बर्तनों को इस्‍तेमाल न करें। लड्डू गोपाल को नहलाने के लिए शंख का इस्‍तेमाल करें। शंख में ही पानी भरें और उसकी धारा से लड्डू गोपाल को नहलाएं। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में शंख का बहुत महत्‍व है। शंख को माता लक्ष्‍मी का स्‍वरूप माना गया है।

लड्डू गोपाल को स्‍नान करवाते वक्‍त जमीन पर न रखें। इसके लिए भी एक अलग बर्तन बनाएं। लड्डू गोपाल को स्‍नान करवाने के बाद उस पानी को नाली में न बहाएं। आप इसे खुद भी ग्रहण कर सकती हैं, साथ ही अपने घर पर छिड़क सकती हैं या फिर तुलसी के गमले (तुलसी के पौधे को हमेशा रखें हरा भरा) में इस पानी को डाल सकती हैं।

इसके बाद कच्‍चे दूध से लड्डू गोपाल को नहलाएं और फिर बचे हुए तुलसी के पानी से लड्डू गोपाल को साफ करें।

इस तरह से लड्डू गोपाल की स्‍नान विधि पूरी हो जाएगी। इसके बाद आप उन्‍हें नए और साफ-सुथरे वस्‍त्र पहनाएं।

पीतल के लड्डू गोपाल हैं और वह काले पड़ रहे हैं तो आप उन्‍हें नींबू के रस से साफ कर सकती हैं। इसके लिए नींबू के रस को पहले लडडू गोपाल पर डालें और फिर उन्‍हें नींबू के छिलके से ही रगड़ें। ऐसा करने पर लड्डू गोपल चमक उठेंगे।

लड्डू गोपाल को नहलाने के बाद पोछने के लिए उनकी एक अलग टॉवल बनानी चाहिए।

लड्डू भगवान को भोग

घर में यदि कोई खाने की चीज आती है, तो उसमें से लड्डू भगवान का हिस्सा भी जरूर अलग करें और सबसे पहले उन्हें भोग लगाएं। भगवान को खिलौने प्रिय हैं। उनके लिए खिलौने लाते रहें और उनके पास रखें। उनके साथ खेले भी। लड्डू भगवान को कोई नाम दें। आप उनके साथ कोई रिश्ता भी बना सकते हैं। उन्हें पुत्र, पिता, गुरु मान सकते हैं। इस आधार पर नाम दें और सुबह प्रेमपूर्वक उठाएं। रात को भी ऐसा ही सुलाएं।

लड्डू गोपाल को जगाने का मंत्र

ॐ देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।। वैसे तो यह मंत्र जाप अच्छी संतान पाने के लिए किया जाता है पर आप अपने पैदा हो चुके बच्चों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। नहा-धो कर साफ़-सुथरे वस्त्र पहन कर शुद्ध रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से जाप करें।

Suman  Mishra | Astrologer

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एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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