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Laughing Buddha For Money लॉफिंग बुद्धा फॉर मनी: कौन है लॉफिंग बुद्धा, कैसे बदलेगा भाग्य, कब खुलेगा सौभाग्य, जानिए सब...

Laughing Buddha For Money लॉफिंग बुद्धा फॉर मनी: लॉफिंग बुद्धा कौन है, कब खरीदना चाहिए ,वास्तु के अनुसार कौन सा लाफिंग बुद्धा अच्छा होता है , जानते हैं सबकुछ...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 24 Feb 2023 12:52 PM IST
Laughing Buddha For Money लॉफिंग बुद्धा फॉर मनी: कौन है लॉफिंग बुद्धा, कैसे बदलेगा भाग्य, कब खुलेगा सौभाग्य, जानिए सब...
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Laughing Buddha For Money

लॉफिंग बुद्धा फॉर मनी

पॉजीटिव एनर्जी के सिंबल 'लॉफिंग बुद्धा' पूरी दुनिया में फेमस हैं। आप घर-बाहर कहीं भी चेहरे पर रहस्‍यमयी मुस्‍कान वाले लॉफिंग बुद्धा को विराजमान देखेंगे। फेंगशुई जैसी पौराणिक पद्धित में इनका बहुत महत्‍व है। पूरी दुनिया में लोग लॉफिंग बुद्धा को सकारात्‍मक ऊर्जा का प्रतीक मानते हैं, लेकिन, क्‍या आप जानते हैं कि आखिर कौन हैं लॉफिंग बुद्धा और क्‍यों मानते हैं इन्‍हें शुभ ? आइए जानते हैं।

लॉफिंग बुद्धा गौतम बुद्ध नहीं है (Laughing Buddha Gautam Buddha Nahi h)

साधारणतया लोग लॉफिंग बुद्धा को गौतम बुद्ध को मानते हैं, लेकिन आपको बता दे कि ये गौतम बुद्धा नहीं है। 10वीं शताब्दी (907-923 ई) में चीन में लियांग राजवंश का शासन था। इसी काल में पू-ताई या बु-दाई नाम के बौद्ध भिक्षु हुए जिन्‍हें जापान में 'हो-ताई' भी कहकर पुकारा जाता है। इनकी भारी तोंद और चेहरे पर चिर मुस्‍कान को देखते हुए इन्‍हें 'हैप्‍पी मैन' भी कहा जाता है। चीनी मतानुसार बु-दाई (लॉफिंग बुद्धा) एक भिक्षु थे जो कि झेनजियांग प्रांत के निवासी थे और उनका भिक्षु नाम क्‍वीसी था। चीनी संस्‍कृति में इन्‍हें संतोष प्रदान करने वाला माना जाता है।

लॉफिंग बुद्धा मैत्रेयी है

बौद्ध परंपराओं में इन्‍हें मैत्रेयी यानी भविष्‍य के बुद्ध के रूप में भी देखा जाता है। बौद्ध, ताओ और शिंतो मत के अनुसार भविष्‍य में जन्‍म लेने वाले 'मैत्रेयी' ही दरअसल लॉफिंग बुद्धा हैं। ध्‍यान दीजिए, जहां एक मत इन्‍हें इतिहास में पैदा हुआ मानता है, वहीं दूसरे मत के अनुसार इनका जन्‍म भविष्‍य में होगा। मान्यता के अनुसार लॉफिंग बुद्धा की मूर्ति को सौभाग्‍य का सूचक माना जाता है। यही कारण है कि इनकी प्रतिमा को लोग घरों और व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठानों में रखते हैं। चीन में इन्‍हें प्रेम और दोस्‍ती का प्रतीक भी माना जाता है।

लॉफिंग बुद्धा पॉजीटिव एनर्जी मिलता है

इन्‍हें दयालु, उदार और संतोष प्रदान करने वाला देवता भी मानते हैं। यह भी मान्‍यता है कि लॉफिंग बुद्धा नकारात्‍मक ऊर्जा को ग्रहणकर उसे सकारात्‍मक ऊर्जा में बदल देते हैं। बु-दाई, पु-ताई या फिर हो-ताई कहे जाने वाले लॉफिंग बुद्धा को जापान के ताओ पुजारी सात सौभाग्‍य प्रदान करने वाले देवताओं में से एक मानते हैं। मुख्‍य रूप से इन्‍हें बौद्ध, ताओ और शिंतोमत में स्‍थान दिया गया है।

लॉफिंग बुद्धा हंसने की अद्भुत कला

लॉफिंग बुद्धा इस दौरान अपने आस-पास इकट्ठा होने वाले बच्‍चों को मिठाइयां भी बांटते थे। जब मिठाइयां खत्‍म हो जातीं तो वो अपने पास पड़े कपड़े के बड़े से झोले को जमीन पर रखकर आकाश की तरफ देखते और खूब जोर से हंसने लगते। लॉफिंग बुद्धा इस बात की जरा भी परवाह नहीं करते थे कि कोई उनकी हंसी को देखकर क्‍या सोचता है। हजारों की भीड़ में भी लॉफिंग बुद्धा पहले तो अकेले हंसते थे फिर उन्‍हें हंसता देख उनके पास इकट्ठा हजारों की भीड़ भी खुद को हंसने से रोक नहीं पाती थी।

लॉफिंग बुद्धा हंसते हुए छोड़ा दुनिया को

मुस्‍कुराने की कला सिखाने वाले हो-ताई या बु-दाई की मृत्‍यु भी हंसते-हंसते ही हुई। चीन में मान्‍यता है कि मृत्‍यु से ठीक पहले हो-ताई अपने कपड़ों में छिपाए गए सैकड़ों रंग-बिरंगी फुलझड़ियों को जलाने लगे और ठहाके लगाते हुए दुनिया को अलविदा कह गए।

लॉफिंग बुद्धा इनसे जुड़ी कई तरह की अवधारणाएं

लोगों के अनुसार अगर कोई इंसान लॉफिंग बुद्धा के भारी-भरकम पेट पर मालिश करता है तो उसके घर समृद्धि और सौभाग्‍य का वास होता है। वहीं चीन और जापान में महिलाएं गर्भवती होने के लिए इनके पेट की मालिश करती हैं। अक्‍सर लॉफिंग बुद्धा को एक गाड़ी में बैठा दिखाया जाता है, इसके अलावा कभी-कभी उन्‍हें हाथों में एक चीनी पंखा डुलाते भी दिखाया जाता है। आम मान्‍यता के अनुसार लॉफिंग बुद्धा एक ऐसे व्‍यक्‍तित्‍व का प्रतिनिधित्‍व करता है जो पूरी दुनिया से नेगेटिव एनर्जी को खत्‍म करने आए है।इसलिए कहलाए 'लॉफिंग बुद्धा'

चीनी मान्‍यताओं के अनुसार लॉफिंग बुद्धा एक जेन मास्‍टर थे जो एक शहर से दूसरे शहर घूमते रहते थे। उन्‍हें काफी मजाकिया और हमेशा मुस्‍कुराने वाला माना जाता था। साथ ही यह भी कि जिस भी शहर में जाते वहां, उन्‍हें देखने के लिए हजारों लोग जुट जाते थे।

लॉफिंग बुद्धा लॉफिंग क्लब

आज के समय में डॉक्टर भी मानते है कि हंसना खूबसूरत और स्वस्थ्य जीवन के लिए बहुत जरूरी होता है। हमें ज्‍यादा से ज्‍यादा हंसना चाहिए। यही कारण है कि तनाव भरी शहरी जिंदगी में अब लॉफिंग क्लब खुलने लगे हैं।

लॉफिंग बुद्धा घर में इस जगह रखें मूर्ति

फेंगशुई विद्या के अनुसार लॉफिंग बुद्धा की मूर्ति घर में रखने का सबसे उत्‍तम स्‍थान घर के दरवाजे के विपरीत दिशा होती है। इससे दरवाजे से प्रवेश करने वाली नेगेचिव एनर्जी भी लॉफिंग बुद्धा के सामने आते ही पॉजीटिव एनर्जी में तब्‍दील हो जाती है। साथ ही लॉफिंग बुद्धा की मूर्ति आप ऐसी जगह भी रख सकते हैं जहां से आप उन्‍हें हर पल देख सकें।

लॉफिंग बुद्धा घर में रखने के लाभ

थैली लिए हुए लाफिंग बुद्धा को ऑफिस के मैनगेट पर रखें, ध्यान रखे की लाफिंग बुद्धा के पास जो थैला हो वो खाली ना हो।

ड्रेगन पर बैठे लाफिंग बुद्धा बुरी नज़र से घर को बचाते है.इससे सरे नेगेटिव इफेक्ट खत्म हो जाते है।

पैसों की पोटली को अपने कंधो में टांगे हुए लॉफिंग बुद्धा को घर में रखना शुभ होता है। इससे पैसो से जुड़ी परेशानी दूर होने लगती है।

जिस मूर्ति में लाफिंग बुद्धा बच्चों के साथ बैठे हो ऐसी मूर्ति संतान प्राप्ति के लिए शुभ मानी जाती है। इसे पति-पत्नी को अपने कमरे में रखना चाहिए।

लाफिंग बुद्धा कहां रखें

वास्तु के अनुसार, लाफिंग बुद्धा की मूर्ति को घर के मुख्य द्वार के सामने रखना चाहिए, लेकिन उसकी ऊंचाई कम से कम 30 इंच होनी चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इसके अलावा लाफिंग बुद्धा की प्रतिमा को स्टडी रूम में रख सकते हैं।

लाफिंग बुद्धा खुद से नहीं खरीदना चाहिए

लाफिंग बुद्धा से जुड़ी खास बात ये है कि इसे कभी भी अपने पैसों से नहीं खरीदना चाहिए. फेंगशुई शास्त्र के मुताबिक खुद के पैसों से खरीदे गए लाफिंग बुद्धा से कोई परिणाम नहीं मिलता है है. इसलिए इसे कभी भी खुद के पैसों से नहीं खरीदना चाहिए. गिफ्ट में लाफिंग बुद्धा मिलना बहुत शुभ होता है.



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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