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Lord Hanuman: हनुमान शब्द के अनेक प्रचलित अर्थ हैं
Lord Hanuman: आप चाहते हैं आपके जीवन में चरित्र में हनुमान का प्रवेश हो, प्राकट्य हो, वे आपके घर आवें तो उनको जो सबसे प्रिय है वह करिये
Lord Hanuman: उनमे से एक यह भी है - जो अभिमान का हनन यानी मान को तोड़ दे,संस्कृत में मान का आशय अभिमान से भी हो जाता है, जैसे साहस का दु:साहस से।गरुड़, सुदर्शन, सत्यभामा का मान नहीं रहने दिया जिन्होंने सो हनुमान ,स्वयं मान छोड़ कर हाथ जोड़कर रावण से विनती करते हनुमान कि तू भी मान छोड़ दे -
बिनती करउँ जोरि कर रावन।
सुनहु मान तजि मोर सिखावन।।
मोहमूल बहु सूल प्रद त्यागहु तम अभिमान।
भजहु राम रघुनायक कृपा सिंधु भगवान॥
हनुमान जी के चेले विभीषण ने भी रावण के सामने उनकी सिखायी बात ही बोली -
बार बार पद लागउँ बिनय करउँ दससीस।
परिहरि मान मोह मद भजहु कोसलाधीस॥
एक बड़े आदमी बोलते - जो छोटों को सम्मान देता है उसका सम्मान बढ़ता है,बड़े को सम्मान देना तो मजबूरी है। हनुमान के पास समस्त गुण हैं, मात्र हैं ही नहीं - वे गुणों की खान हैं, निधान हैं, खजाने हैं, और उन गुणों को प्रदान करने में उदार भी हैं,रघुवर के विमल यश वर्णन करने के कारण हनुमान वो -
जो दायक फल चार - धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष
बल, बुद्धि, विद्या दाता
क्लेश-विकारादि निपाता
आप चाहते हैं आपके जीवन में , चरित्र में हनुमान का प्रवेश हो, प्राकट्य हो, वे आपके घर आवें तो उनको जो सबसे प्रिय है वह करिये -राम चरित सुनबे को रसिया माने -
राम कथा , राम गुण चिंतन - अनुचिंतन , राम नाम संकीर्तन होता रहे -
यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम् ।
वाष्पवारि परिपूर्ण लोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ।।
( लेखक प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।)