Lord Shiva: कभी भी बज सकता शिव का डमरू

Lord Shiva Damru: केवल नकारात्मक बातों पर अपना ध्यान लगाने के बजाय हम अपने कार्य- व्यवसाय से संबंधित कुशलताओं की धार पैनी करने का, अपनी अभिरुचि का अभ्यास करते रहना चाहिये।

Monika
Published on: 4 Dec 2023 1:45 AM GMT (Updated on: 4 Dec 2023 1:45 AM GMT)
motivational story in hindi
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motivational story in hindi   (photo: social media )

Lord Shiva Damru: एक बार की बात है, देवताओं के राजा इंद्र ने किसानों से किसी कारण से नाराज होकर बारह वर्षों तक बारिश न करने का निर्णय लेकर किसानों से कहा-" अब आप लोग बारह वर्षों तक फसल नही ले सकेंगे।"

सारे किसानों ने चिंतातुर होकर एक साथ इंद्रदेव से वर्षा करवाने हेतु प्रार्थना की। इंद्र ने कहा -" यदि भगवान शंकर अपना डमरू बजा देंगे तो वर्षा हो सकती है।" इंद्र ने किसानों को यह उपाय तो बताया । लेकिन साथ में गुप्तवार्ता कर भगवान शिव से ये आग्रह कर दिया कि आप किसानों से सहमत न होना।

जब किसान भगवान शंकर के पास पहुँचे तो भगवान ने उन्हें कहा -" डमरू तो बारह वर्ष बाद ही बजेगा।"

किसानों ने निराश होकर बारह वर्षों तक खेती न करने का निर्णय लिया।

उनमें से एक किसान था जिसने खेत में अपना काम करना नहीं छोड़ा। वो नियमति रूप से खेत जोतना, निंदाई, गुड़ाई, बीज बोने का काम कर रहा था। ये माजरा देख कर गाँव के किसान उसका मज़ाक उड़ाने लगे। कुछ वर्षों बाद गाँव वाले इस परिश्रमी किसान से पूछने लगे -" जब तुम्हे पता है कि बारह वर्षों तक वर्षा नही होने वाली तो अपना समय और ऊर्जा क्यों नष्ट कर रहे हो?"

उस किसान ने उत्तर दिया- मैं, भी जानता हूँ कि बारह वर्ष फसल नही आने वाली लेकिन मैं, ये काम अपने अभ्यास के लिए कर रहा हूँ।

क्योंकि बारह साल कुछ न करके मैं, खेती किसानी का काम भूल जाऊँगा, मेरे शरीर की श्रम करने की आदत छूट जाएगी। इसीलिए ये काम मैं, नियमित कर रहा हूँ ताकि जब बारह साल बाद वर्षा हो तब मुझे अपना काम करने के लिए कोई कठिनाई न हो।

ये तार्किक चर्चा माता पार्वती भी बड़े कौतूहल के साथ सुन रही थी। बात सुनने के बाद माता, भगवान शिव से सहज बोली - "प्रभु, आप भी बारह वर्षों के बाद डमरू बजाना भूल सकते हैं।"

माता पार्वती की बात सुन कर भोले बाबा चिंतित हो गए। अपना डमरू बज रहा या नही ये देखने के लिए उन्होंने डमरू उठाया और बजाने का प्रयत्न करने लगे।

जैसे ही डमरू बजा बारिश शुरू हो गई, जो किसान अपने खेत में नियमित रूप से काम कर रहा था उसके खेत में भरपूर फसल आयी। बाकी के किसान पश्चात्ताप के सिवाय कुछ न कर सके।

डमरू कभी भी बज सकता है।

इसलिए केवल नकारात्मक बातों पर अपना ध्यान लगाने के बजाय हम अपने कार्य- व्यवसाय से संबंधित कुशलताओं की धार पैनी करने का, अपनी अभिरुचि का अभ्यास करते रहना चाहिये।

(लेखक प्रख्यात धर्म विद् हैं। )

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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