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Maha Shivaratri 2024 Upay: हर कष्ट का मिलेगा निदान, महाशिवरात्रि पर इन उपायों से शिव भगवान को करें प्रसन्न

Maha Shivaratri 2024 Upay: महाशिवरात्रि पर इन कामों को करके जीवन को खुशहाल बना सकते हैं, जानते हैं खुश रहने का मंत्र

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 28 Feb 2024 1:05 PM IST
Maha Shivaratri 2024 Upay
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Maha Shivaratri 2024 Upay

Maha Shivaratri 2024 Upay: महाशिवरात्रि के दिन बम-बम भोले’ ‘हर-हर महादेव’ के उदघोष से गुंज उठते है। इस दिन कांवड़ियां पवित्र नदी का जल या अगर संभव हो तो गंगाजल लेकर अपने कंधे पर कांवड़ रखकर महादेव के धाम पर पहुंचते, और शिवालय पर जल चढ़ाकर बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते है। माना जाता है कि श्रावण मास और महाशिवरात्रि का दिन कांवड़ यात्रा करना शुभ होता है। ऐसे में आपके मन में भी यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर क्यों कांवड़ लेकर श्रद्धालु बाबा के दरबार की दौड़ लगाते हैं? तो आपको बताते है इसके बारे में...

कांवड़ से जल चढ़ाने का महत्व

हिन्दू धर्म के मुताबिक कांवड़ यात्रा को लेकर कई मान्यताएं है। मान्यता है कि कांवड़ यात्रा की शुरूआत सबसे पहले रावण ने की। कहा जाता है कि जब भगवान शिव जगत कल्याण के मंथन से निकलने वाले विष को ग्रहण किया था, तब रावण भगवान शिव को शीतलता प्रदान करने के लिए प्रतिदिन जल चढ़ाने जाता था।इसी से जुड़ी हुई एक मान्यता यह भी है कि विष के प्रभाव को पूरी तरह से खत्म करने के लिए भगवान शिव नीलकंठ पर्वत पर साधना कर रहे थे। उसी पर्वत पर दो हिम सरिताएं रहती थी। उन्होंने भगवान शिव को विष से मुक्ति दिलाने के लिए सैकड़ों वर्षों तक उन पर जलाभिषेक किया था।वहीं कुछ लोग ये भी मानते है कि कांवड़ यात्रा की शुरुआत सबसे पहले भगवान पशुराम ने की थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित पुरा महादेव पर गंगा जल से अभिषेक किया था। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि प्रभु राम ने सबसे पहले कांवड़ यात्रा शुरू कर बिहार के सुल्तानगंज से गंगा का पवित्र जल लेकर बाबाधाम के शिवालय पर अर्पित किया था। तब से ये परंपरा चली आ रही है।

महाशिवरात्रि उपाय से पाएं मनोवांछित फल

रुके धन की प्राप्तिः पंचामृत से शिव का अभिषेक करें, 5 चीजें अर्पण करें।ऊं पार्वतीपतये नम: का 108 बार जप करें।

संतान के लिए: पति-पत्नी दोनों गाय का घी अर्पण करें।फिर एकसाथ दोनो जलाभिषेक करें।11 बिल्वपत्र पर राम-राम लिखकर दूसरी तरफ से अर्पण करें।

विद्या के लिए: दूध मिश्रित जल एक धारा में चढ़ाएं। ऊं नम: शिवाय का जाप करें। 5मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

बीमारी के निदान: 4 मुखी बत्ती के साथ गाय के घी में दीपक जलाएं व चावल, दूध के साथ जलाभिषेक करें।

नौकरी के लिए: चांदी के लोटे से दूध अर्पण करें, सफेद फूल चढ़ाएं, व शाम को घी का दीपक जलाएं।

शादी के लिए: शाम को 5-6 पीले वस्त्र धारण करें व उतने ही बिल्वपत्र चढ़ाएं व दीपक जलाएं।

दाम्पत्य सुख के लिए: प्रदोष काल में साफ कपड़े पहनकर चांदी के लोटे से कच्चा दूध चढ़ाएं। ऊं नम: शिवाय का जाप करें।सफेद गुलाब का फूल चढ़ाएं व गाय के घी के दीपक जलाएं।

महाशिवरात्रि पर कैसे करें पूजा

शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन प्रातः काल उठकर स्नान व नित्यकर्म से निवृत्त होकर भस्मका त्रिपुण्ड तिलक और गले में रुद्राक्ष की माला धारण कर शिवालय में जाना चाहिए और शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए। उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प करना चाहिए। साथ ही इस दिन चार प्रहर के चार मंत्र का जाप करने से महाशिवरात्रि के व्रत का विशेष लाभ मिलता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए माना जाता है इस दिन किए गए कुछ उपाय आने वाली परेशानियों को भी दूर करते हैं। शिव को प्रसन्न करने वाले महाउपाय के बारे में बता रहे है। इन उपायों में पहला है-

चार पहर चार मंत्र

महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर में संकल्प करके शिवलिंग को दूध से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं ईशानाय नम: का जाप करना चाहिए।

द्वितीय प्रहर में शिवलिंग को दधि (दही) से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं अधोराय नम: का जाप करें।

तृतीय प्रहर में शिवलिंग को घृत से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं वामदेवाय नम: का जाप करें।

चतुर्थ प्रहर में शिवलिंग को मधु (शहद) से स्नान करवाकर ॐ ओम हीं सद्योजाताय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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