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Maha Shivratri-2022 Kab Hai: महाशिवरात्रि कब है 2022, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पारण का समय

Maha Shivratri-2022 Kab Hai: हर माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि की तिथि भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस तिथि को व्रत पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है। खास कर साल की 12 शिवरात्रियों में एक फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का विशेष महत्व है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव का मिलन हुआ था।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 28 Feb 2022 1:30 AM GMT (Updated on: 28 Feb 2022 2:24 AM GMT)
Maha Shivratri-2022 Kab Hai
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Maha Shivratri-2022 Kab Hai:

महाशिवरात्रि ( Maha Shivarati 2022) व्रत कब है? : हर माह की शिवरात्नि भगवान शिव को अतिप्रिय है। हर माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि की तिथि भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस तिथि को व्रत पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है। खास कर साल की 12 शिवरात्रियों में एक फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का विशेष महत्व है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव का मिलन हुआ था। धर्मा ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और आदिशक्ति का विवाह हुआ था। और भगवान शिव शिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।


इस दिन विधिवत आदिदेव महादेव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है व कष्टों का निवारण होता है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का व्रत करने से सुहाग सदा अटल रहता है तथा व्यक्ति काम, क्रोध व लोभ के बंधन से मुक्त होता है।

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन की महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी। इस दिन मंगलवार है, इस बार चतुर्दशी तिथि सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च 2022 को सुबह 1 बजे समाप्त होगी। बता दें निशिता काल 2 मार्च 2022 को 12:08 AM से 12:58 AM तक यानी यानी 50 मिनट तक रहेगा। शिवरात्रि और भगवान शिव की पूजा के लिए निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त होता है। इसके अलावा भगवान शिव की पूजा 4 बार यानि 4 प्रहर में करते हैं।

  • शाम 6:21 बजे से 9:27 बजे तक
  • 9:27 बजे से रात 12:33 तक
  • 2 मार्च रात 12:33 से तड़के 3:39 तक
  • 2 मार्च 2022 को सुबह 3:39 बजे से सुबह 6:45 तक
  • निशीथ काल पूजा मुहूर्त :24:08:27 से 24:58:08 तक
  • अवधि :0 घंटे 49 मिनटमहाशिवरात्रि
  • पारणा मुहूर्त :06:46:55 के बाद 2, मार्च को
  • अभिजीत मुहूर्त - 12:16 PM – 01:02 PM
  • अमृत काल –06:03 PM – 07:33 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त –05:16 AM – 06:04 AM
  • विजय मुहूर्त- 02:07 PM से 02:53 PM
  • गोधूलि बेला- 05:48 PM से 06:12 PM
  • निशिता काल- 24:08:27 से 24:58:08 तक

कहते हैं कि महा शिवरात्रि को जो भी व्यक्ति सच्चे मन से दुध, दही, फल-फूल, धतूरे से शिव की पूजा करते हैं, उनके हर कष्ट भोलेभंडारी की कृपा से दूर होती है।महाशिवरात्रि महादेव शिव की पूजा आराधना और स्तुति के लिए सर्वोत्तम है। यह शिव और शक्ति के मिलन का उत्सव महाशिवरात्रि के दिन ही शिव और माता पार्वती के विवाह का उल्लेख धर्मग्रंथों में मिलता है। महादेव शिव ने सृष्टि को विष के कहर से बचाने के लिए अपने कंठ धारण कर नीलकंठ कहलाएं। यह दिन भगवान शिव की साधना के लिए यह सर्वोत्तम है। महाशिवरात्रि मनुष्य के आत्मिक आनंद को प्राप्त करने का शुभ दिन है।

महाशिवरात्रि के एक दिन पहले से नियमो का पालन होता है। इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेकर सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा और व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव से अपने व्रत के लिए शक्ति की मांग करें। इस दिन 4 प्रहर में पूजा करने का महत्व है। शिव चालीसा, शिव मंत्र ॐ नमः शिवाय का जप करें। इसके अलावा शिवाष्टकम, रुद्राष्टकम आदि का भी पाठ कर सकतें हैं।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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