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Maha Shivratri 2023 Kab Hai Date : 2023 में महाशिवरात्रि कब है,जानिए सही तारीख, मुहूर्त और पारणा का समय

Maha Shivratri 2023 Kab Hai Date : साल 2023 बस कुछ दिन में आने वाला है। ऐसे में सबकों जिज्ञासा रहती है कि कब कौन सा त्योहार पड़ेगा। उसमें सबसे पहले जानते हैं कि महाशिवरात्रि कब है कि शिव-पार्वती के मिलन की रात यानि फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि कब और किस तारीख को आएगी

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 17 Feb 2023 11:45 PM GMT (Updated on: 18 Feb 2023 1:09 AM GMT)
Maha Shivratri 2023 Kab Hai Date : 2023 में महाशिवरात्रि कब है,जानिए सही तारीख, मुहूर्त और पारणा का समय
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Maha Shivratri 2023 Date

महाशिवरात्रि (Maha Shivarati 2023) व्रत कब है? : हर माह की शिवरात्नि भगवान शिव को अतिप्रिय है। हर माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली मासिक त्रयोदशी की तिथि भगवान शिव को प्रिय है इसे ही मासिक शिवरात्रि कहते है।साल में 12 मासिक शिव रात्रि पड़ती है। इसमें फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते है। इसी दिन शिव और प्रकृति का मिलन हुआ था।

इसलिए इस तिथि को व्रत पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है। खास कर साल की 12 शिवरात्रियों में एक फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का विशेष महत्व है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव का मिलन हुआ था। धर्मा ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और आदिशक्ति का विवाह हुआ था। और भगवान शिव शिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

इस दिन विधिवत आदिदेव महादेव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है व कष्टों का निवारण होता है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का व्रत करने से सुहाग सदा अटल रहता है तथा व्यक्ति काम, क्रोध व लोभ के बंधन से मुक्त होता है। इस साल 2023 में महाशिवरात्रि 18 फरवरी को पड़ रहा है।

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन की महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन शनिवार है, इस बार त्रयोदशी तिथि 08:02 PM तक फिर चतुर्दशी तिथि रहेगी। मतलब 17 फरवरी की रात 8:02 बजे से शुरू होगी और 18 फरवरी की शाम 4:18 बजे समाप्‍त होगी। महाशिवरात्रि व्रत रखने वाले लोग बता दें निशिता काल 19 फरवरी 2023 को 11:46 PM से 12:37 AM तक रहेगा। शिवरात्रि और भगवान शिव की पूजा के लिए निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त होता है। इसके अलावा भगवान शिव की पूजा 4 बार यानि 4 प्रहर में करते हैं।पारण का शुभ समय 19 फरवरी की सुबह 06:57 बजे से दोपहर 3:33 बजे तक रहेगा।

महाशिवरात्रि का आरंभ -17 फरवरी की रात 8:02 बजे से शुरू होगी

महाशिवरात्रि का समापन- 18 फरवरी की शाम 4:18 बजे समाप्‍त होगा

सर्वार्थसिद्धि योग में पूजा- Feb 18 05:42 PM - Feb 19 07:00 AM

  • निशीथ काल पूजा मुहूर्त :11:46 PM से 12:37 AM
  • पारणा मुहूर्त :19 फरवरी की सुबह 06:57 बजे से दोपहर 3:33 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त - 12:18 PM – 01:03 PM
  • अमृत काल –12:02 PM – 01:27 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त –- 05:25 AM – 06:13 AM
  • विजय मुहूर्त- 05:42 PM से 06:06 PM
  • गोधूलि बेला- 05:48 PM से 06:12 PM
  • निशिता काल-11:46 PM से 12:37 AM, 19 फरवरी

कहते हैं कि महा शिवरात्रि को जो भी व्यक्ति सच्चे मन से दुध, दही, फल-फूल, धतूरे से शिव की पूजा करते हैं, उनके हर कष्ट भोलेभंडारी की कृपा से दूर होती है।महाशिवरात्रि महादेव शिव की पूजा आराधना और स्तुति के लिए सर्वोत्तम है। यह शिव और शक्ति के मिलन का उत्सव महाशिवरात्रि के दिन ही शिव और माता पार्वती के विवाह का उल्लेख धर्मग्रंथों में मिलता है। महादेव शिव ने सृष्टि को विष के कहर से बचाने के लिए अपने कंठ धारण कर नीलकंठ कहलाएं। यह दिन भगवान शिव की साधना के लिए यह सर्वोत्तम है। महाशिवरात्रि मनुष्य के आत्मिक आनंद को प्राप्त करने का शुभ दिन है।

महाशिवरात्रि के एक दिन पहले से नियमो का पालन होता है। इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेकर सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा और व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव से अपने व्रत के लिए शक्ति की मांग करें। इस दिन 4 प्रहर में पूजा करने का महत्व है। शिव चालीसा, शिव मंत्र ॐ नमः शिवाय का जप करें। इसके अलावा शिवाष्टकम, रुद्राष्टकम आदि का भी पाठ कर सकतें हैं।

कहते है इस दिन भगवान शिव की पूजा बेलपत्र भांग धतूरा से करने के बाद ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करने से हर इच्छा पूरी होती है। सुहाग अमर रहता है। मां पार्वती और भगवान शिव का सदैव आपके परिवार पर सानिध्य बना रहता है।


Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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