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Maha Shivratri 2023 Upay:महा शिवरात्रि पर इन नियमों का पालन जरूर करें, होगा कल्याण, जानिए 18 या 19 फरवरी कब है सही तिथि

Maha Shivratri 2023 Upay: इस साल महाशिवरात्रि पर कुछ बातों का ध्यान रखकर आप भगवान शिव का सानिध्य प्राप्त कर सकते है। कुछ नियमों का पालन कर भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 18 Feb 2023 8:00 AM IST (Updated on: 18 Feb 2023 8:05 AM IST)
Maha Shivratri 2023 Upay:महा शिवरात्रि पर इन नियमों का पालन जरूर करें, होगा कल्याण, जानिए 18 या 19 फरवरी कब है सही तिथि
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Maha Shivratri Ke Niyam Aur MahaUpay:

महाशिवरात्रि के नियम और महा उपाय

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी 2023 को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पू्र्ण होती हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि व्रत नियमों का पालन करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन भोले शंकर की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। शिव पुराण के अनुसार, भोलेशेकर को प्रसन्न करना बेहद आसान होता है। इनके लिए किसी भी विशेष पूजा की जरूरत नहीं होती है। उन्हें बेलपत्र और जल शिवलिंग पर अर्पित कर प्रसन्न किया जा सकता है।

भोले बाबा सिर्फ जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। हिन्दू पुराणों के अनुसार जब देवताऔर असुर मिल कर समुद्र मंथन कर रहे थे। उस दौरान कालकूट नाम का विष निकला। जिसके कारण देवता और राक्षसो में हाहाकार मच गया। तभी सभी देवताओं और असुरों ने मिलकर भगवान शिव से विनती किया। और बाबा भोले नाथ ने विष को अपनी हथेली पर रखकर पी लिया। और अपने कंठ में विष को रख लिया। जिसके वजह से बाबा भोले का कंठ नीला पड़ गया।यही कारण है कि बाबा को नीलकंठ भी कहा जाता है। लेकिन विष पीने के बाद से महादेव का मस्तिष्क गरम हो गया।जिसके बाद से देवताओं ने बाबा के मस्तिष्क को ठंडा करने के लिए उनके ऊपर जल और बेलपत्र चढ़ाए। इस लिया मान्यता है कि बेलपत्र और जल से पूजा बाबा की कृपा होती हैं। बेलपत्र शिवजी को चढ़ाने से जीवन में चमत्कार होता है

बेलपत्र को चढ़ाते समय रखें इन बातों पर ध्यानः

  • नीलकंठ को बेलपत्र चढ़ाते समय यह ध्यान रखना होगा कि अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली से ही चढ़ाये। बाबा को बिल्वपत्र अर्पण करने के साथ-साथ जल की धारा जरूर चढ़ाएं।
  • बाबा को तीन पत्तियों वाला बेलपत्र चढ़ाया जाता है और माना जाता है कि इसके मूलभाग में सभी तीर्थों का वास होता है।
  • जिस घर में बेल का वृक्ष होता है वहां धन की बरसात होती है, जो भी भक्त बाबा को सच्चे दिल से बेलपत्र चढ़ाता है उसके सारे दुख तकलीफ दूर हो जाते हैं। और बाबा सारी मनोकामनाएं पूरी करते है।
  • बेलपत्र कभी अशुद्ध नहीं होता। पहले से चढ़ाया हुआ बेलपत्र भी फिर से धोकर चढ़ाया जा सकता है।
  • ये भी मान्यता है कि बाबा को बेलपत्र चढ़ाते समय यह जरुर ध्यान रखना चाहिए कि कहीं बेलपत्र में कोई छेद तो नहीं है।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के ये उपाय

शिवजी को बेलपत्र बेहद प्रिय हैं। माना जाता है कि अगर शिवजी को बेलपत्र चढ़ाएं जाएं तो उनका वैवाहिक जीवन बेहद सुखमय गुजरता है। लेकिन बेलपत्र फटा नहीं होना चाहिए। शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि की ही नहीं बल्कि हर दिन शिवलिंग पर जल से अभिषेक करना चाहिए। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शारीरिक व मानसिक कष्ट दूर होते हैं।

शिव जी को धतूरे बेहद पसंद है। माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन धतूरा अर्पित करने से व्यक्ति के मन के विचारों से कड़वाहट दूर होती है। शिव जी को अगर इस दिन आक का फूल, बेर और भांग भी चढ़ाई जाए तो शुभ होती है।

महाशिवरात्रि के दिन शिव जी को अक्षत् जरूर अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं। मान्यता है कि शिव जी की पूजा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह कर ही करनी चाहिए।

महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त


महाशिवरात्रि का आरंभ -17 फरवरी की रात 8:02 बजे से शुरू होगी

महाशिवरात्रि का समापन- 18 फरवरी की शाम 4:18 बजे समाप्‍त होगा

सर्वार्थसिद्धि योग में पूजा- Feb 18 05:42 PM - Feb 19 07:00 AM

निशीथ काल पूजा मुहूर्त :11:46 PM से 12:37 AM

पारणा मुहूर्त :19 फरवरी की सुबह 06:57 बजे से दोपहर 3:33 बजे तकशिवरात्रि का व्रत नियम

भगवान शिव की पूजा विधि

मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि जालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का पूजा निशील काल में करना उत्तम माना गया है। हालांकि भक्त अपनी सुविधानुसार भी भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि के दिन जरूर करें इन नियमों का पालन

  • महाशिवरात्रि के दिन चावल, गेहूं आदि से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए।
  • महाशिवरात्रि के दिन बेसन, मैदा आदि से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्रती को दिन में नहीं सोना चाहिए। मान्यता है कि दिन में सोने से व्रत का फल नहीं मिलता है।
  • वाद-विवाद से बचना चाहिए।
  • कटु शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • चाय, फल और दूध आदि का सेवन किया जा सकता है।
  • साबुदाने की खिचड़ी का सेवन किया जा सकता है।


18 या 19 फरवरी कब है शिवरात्रि पूजा

इस साल 2023 में 18 फरवरी को शिवरात्रि रात 8 . 2 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 19 फरवरी को शाम 4. 18 मिनट पर समाप्त होगी। आमतौर पर हिंदू धर्म में उदयातिथि के अनुसार व्रत रखा जाता है, लेकिन महाशिवरात्रि व्रत की पूजा रात्रि के चार प्रहर में की जाती है। कहते हैं कि रात्रि के प्रहर में ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 18 फरवरी को रखा जाएगा। क्योंकि 19 फरवरी को सूर्यास्त से पहले ही चतुर्दशी तिथि समाप्त होजाएगी




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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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