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Mahashivratri Me Jal Kab-Kab Chadhega Aaj: आज महाशिवरात्रि पर शिव का जलाभिषेक कब -कैसे करें ? होगा भाग्योदय-चमकेगी किस्मत

Aaj Maha Shivratri Me Jal Kab Chadhega: भगवान शिव को महाशिवरात्रि अत्यंत प्रिय है। इस तिथि में शिव को जलाभिषेक करने का अत्यंत महत्व है। जानते है कब कब करें आज जलाभिषेक,...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 18 Feb 2023 11:40 AM GMT (Updated on: 18 Feb 2023 11:40 AM GMT)
Mahashivratri Me Jal Kab-Kab Chadhega Aaj: आज महाशिवरात्रि पर शिव का जलाभिषेक कब -कैसे करें ? होगा भाग्योदय-चमकेगी किस्मत
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Aaj Maha Shivratri Me Jal Kab Chadhega: आज महाशिवरात्रि का जलाभिषेक कब कब करें, साल की 12 शिवरात्रियों में एक फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि (Mahashivratri ) का विशेष महत्व है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव का मिलन हुआ था। धर्मा ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और आदिशक्ति का विवाह हुआ था। और भगवान शिव शिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

कहते हैं कि भगवान शिव को यह तिथि अत्यंत प्रिय है। इस तिथि में शिव को जलाभिषेक करने का अत्यंत महत्व है। महाशिवरात्रि में शिव को जल चढ़ाकर श्रीहरि को प्रसन्न किया जाता है, क्योंकि जो शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं

शिवरात्रि के दिन अगर भगवान शिव को जल चढ़ाया जाए तो लिंगेश्वर भोले भंडारी शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा भी शिव को जलाभिषेक कर कृपा पात्र बन सकते हैं।

महाशिवरात्रि के जलाभिषेक का समय

फाल्गुन की महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 आज मनाई जाएगी। इस दिन शनिवार है, इस बार त्रयोदशी तिथि 08:02 PM तक फिर चतुर्दशी तिथि रहेगी।

इसलिए आज आप महाशिवरात्रि व्रत रखने वाले लोग इस समय जलाभिषेक करें। निशिता काल में 19 फरवरी 2023 को 11:46 PM से 12:37 AM , शिवरात्रि और भगवान शिव की पूजा के लिए निशिता काल पूजा का शुभ मुहूर्त होता है। इसके अलावा भगवान शिव की पूजा 4 बार यानि 4 प्रहर में जलाभिषेक कर सकते हैं।

  • महाशिवरात्रि का आरंभ -17 फरवरी की रात 8:02 बजे से शुरू होगी
  • महाशिवरात्रि का समापन- 18 फरवरी की शाम 4:18 बजे समाप्‍त होगा
  • शिव का जलाभिषेक सर्वार्थसिद्धि योग में करें- Feb 18 05:42 PM - Feb 19 07:00 AM
  • शिव का जलाभिषेक निशीथ काल पूजा मुहूर्त :11:46 PM से 12:37 AM
  • शिव का जलाभिषेक अभिजीत मुहूर्त - 12:18 PM – 01:03 PM
  • शिव का जलाभिषेक अमृत काल –12:02 PM – 01:27 PM
  • शिव का जलाभिषेक ब्रह्म मुहूर्त –- 05:25 AM – 06:13 AM
  • शिव का जलाभिषेक विजय मुहूर्त- 05:42 PM से 06:06 PM
  • शिव का जलाभिषेक गोधूलि बेला- 05:48 PM से 06:12 PM
  • शिव का जलाभिषेकनिशिता काल-11:46 PM से 12:37 AM, 19 फरवरी
  • व्रत का पारणा मुहूर्त :19 फरवरी की सुबह 06:57 बजे से दोपहर 3:33 बजे तक

महाशिवरात्रि पर शिव के जलाभिषेक कैसे करे

शिवाभिषेक का विशेष महत्व होता है। भगवान शिव साधारण जल धारा से भी प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन पुराणों में वर्णित है कि विविध प्रकार की धाराओं से अभिषेक करने से विविध प्रकार के फल मिलते है जो मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सहायक है।

दूध से शिवजी का अभिषेक करने पर मानसिक व शारीरिक शांति मिलती है और परिवार में कलह दूर होकर आपसी प्रेम बढ़ेगा।

शिवजी का घी से अभिषेक करने पर वंशवृद्धि होती है। जिन लोगों को संतान नहीं होती है, उन्हें घी से अभिषेक करने से लाभ मिलता है।

शुद्ध जल से शिवजी का अभिषेक करने पर परिवार व स्वयं को मानसिक शांति मिलती है। इत्र अथवा सुगंधित द्रव्य से शिवजी का अभिषेक करने पर मनोकामनाओं की पूर्ति होती है एवं भौतिक वस्तुओं की भी पूर्ति होती है।

यदि किसी के परिवार में रोगों का अधिक प्रभाव रहता है तो उन लोगों को शिवजी का शहद से अभिषेक करने पर लाभ मिलता है। शिवजी को गन्ने के रस से अभिषेक करने पर आर्थिक समृद्धि व परिवार के सदस्यों की प्रगति होती है।

गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करने पर हर तरह के सुख की प्राप्ति होती है और शिवजी की आपके परिवार पर विशेष अनुकंपा बनी रहती है। सरसों के तेल से शिवजी का अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है। विरोधी चाहकर भी कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे।

महाशिवरात्रि पर होगा भाग्योदय

क्या आप आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं या अन्य परेशानियां आपको घेरे हुए हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान के लिए अब श्रेष्ठ समय आने वाला है। यह श्रेष्ठ समय होगा । महाशिवरात्रि आपको कुछ ऐसी वस्तुओं को खरीद कर अपने घर लाना होगा, जो आपके भाग्योदय में अहम भूमिका अदा करेंगी।

  • महाशिवरात्रि में आप भगवान शंकर की आराधना कर मनवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। उनके अनुसार भाग्योदय के लिए आपको कुछ उपाय करने होंगे, जिनके करने से आप अपनी किस्मत को चमका सकते हैं। क्या हैं वह उपाय
  • भस्म: महाशिवरात्रि को या किसी भी सावन के सोमवार को शिव मूर्ति के साथ यदि भस्म रखते हैं तो शिव कृपा मिलेगी।
  • रुद्राक्ष: ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी. इसलिए यदि आप इसे महाशिवरात्रि को घर में लाते हैं और घर के मुखिया के कमरे में रखते हैं तो भगवान शिव ना केवल रुके हुए काम को पूरा करते हैं, बल्कि इससे आर्थिक लाभ भी होता है इससे प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है।
  • गंगा जल: भगवान शंकर ने गंगा मां को अपनी जटा में स्थान दिया था. इसलिए यदि आप महाशिवरात्रि को गंगाजल लाकर घर की किचन में रखते हैं तो घर में सम्पन्नता बढ़ेगी और तरक्की व सफलता मिलती है।
  • चांदी या तांबे का त्रिशूूल: घर के हॉल में चांदी या तांबे का त्रिशूूल स्थापित करके आप घर की सारी नेेगेटिव एनर्जी खत्म कर सकते हैं।
  • चांदी या तांबे का नाग: नाग को भगवान शिव का अभिन्न अंग माना जाता है। घर के मेन गेट के नीचे नाग-नागिन के जोड़े को दबाने से रुके हुए काम पूरे होते हैं।
  • डमरू: घर में डमरू रखने से नेगेटिव एनर्जी का असर नहीं होता। खासतौर से यदि आप इसे बच्चों के कमरे में रखें तो ज्यादा अच्छा होगा। बच्चे किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से बचे रहेंगे और उन्हें हर काम में सफलता भी प्राप्त होती है।
  • जल से भरा तांबे का लोटा: घर के जिस हिस्से में परिवार सबसे ज्यादा रहता है, वहां एक तांबे के लोटे में जल भरकर रख दें। इससे घर के लोगों के बीच प्रेम और विश्वास बना रहेगा। ध्यान रखें कि समय-समय पर उस पानी को बदलते रहें। उस पानी को ऐसे ही जाया ना करें, उसे किसी पेड़ या पौधे में डाल दें।
  • चांदी के नंदी: जिस प्रकार घर में चांदी की गाय रखने का महत्व है उसी प्रकार चांदी के नंदी घर में रखने का भी खास महत्व है। अपनी तिजारी या अलमारी में जहां आप पैसे या गहने रखते हैं, वहां चांदी के नंदी रखें। इससे आपको धन लाभ होगा और आपकी आर्थिक सम्पन्नता बढ़ेगी।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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