TRENDING TAGS :
Makar Sankranti 2024: 14 या 15 जनवरी कब होगा 2024 में मकर संक्रांति का दिन, जानिए
Makar Sankranti 2024: इस साल सूर्य संक्रांति का दिन जब सूर्य धनु से मकर राशि में कब प्रवेश करेंगे। जानिए इस साल 2024 में कब है ये खास दिन
Makar Sankranti 2024 मकर संक्रांति कब है 2024: साल की शुरूआत में पड़ने वाला पहला पर्व मकर संक्रांति होता है। मकर संक्रांति का सबको बेसब्री से इंतजार रहता है। इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को पड़ रही है। मकर संक्रांति ( Makar Sankranti) की तिथि को नई फसल और नए ऋतु के आगमन के उत्सव के रुप में मनाया जाता है। इस तिथि का हिंदू धर्म में बहुत धार्मिक महत्व है। इस दिन सुबह 2:54 बजे सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस शुभ समय में पूजा-पाठ और दान-पुण्य के कार्य करना बहुत शुभ रहेगा।
ऐसे में साल 2024 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। वैसे तो पूरे देश में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन बिहार बंगाल, यूपी , पंजाब समेत तमिलनाडू में किसान इस दिन को नई फस के जश्न की तरह मनाते हैं।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त ( Makar Sankranti Ka Shubh Muhurat)
इस साल 15 जनवरी 2024को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।इस दिन सुबह 2:54 बजे सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस शुभ समय में पूजा-पाठ और दान-पुण्य के कार्य करना बहुत शुभ रहेगा। मकर संक्रांति 2024 में एक खास संयोग भी बन रहा है।
मकर संक्रांति 2024 का शुभ काल- 15 जनवरी
संक्रांति काल - 8:49 PM (15 जनवरी 2024)
मकर संक्रांति पुण्यकाल - 07 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
मकर संक्रांति महा पुण्यकाल - 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट तक
15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन रवि योग बन रहा है। रवि योग सुबह 07:15 बजे से लेकर सुबह 08:07 बजे तक है। उस समय में मकर संक्रांति का महा पुण्य काल भी है। ऐसे में आप रवि योग में स्नान करें और सूर्य देव की पूजा करें। रविवार के दिन रवि योग में सूर्य की पूजा करने का अवसर बड़ा ही शुभ फलदायी हो सकता है।
अभिजीत मुहूर्त -12:14 PM से12:57 PM
अमृत काल –10:49 PM से 12:17 AM
ब्रह्म मुहूर्त – 05:35 AMसे 06:23 AM
विजय मुहूर्त- 01:55 PM से 02:38 PM
गोधूलि बेला- 05:19 PM से 05:43 PM
त्यौहार - मकर संक्रांति,गंगा सागर स्नान
सूर्य जनवरी 14 , 2024 को 2:54 तक धनु राशि, उपरांत मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति को महापर्व के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए इस दिन दान, पश्चाताप और गायन का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के शुभ काल के दौरान सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे पवित्र नदी में स्नान, भगवान सूर्य के लिए नैवेद्य, दान या दक्षिणा, श्राद्ध अनुष्ठान और उपवास किए जाते हैं। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पानी में काले तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान करने से कुंडली के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। साथ ही आपको सूर्य देव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
इस दिन से उत्तरायण शुरू हो जाता है। मकर संक्राति के कई नाम से जाना जाता है। जैसे खिचड़ी , दही चुरा, पोंगल, बिहू, लोहड़ी और ओणम पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक इस रूप में मनाते हैं।धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी दान करने से घर में सुख और शांति आती है। इस दिन गुड़ और तिल दान करने से कुंडली में सूर्य और शनि की स्थिति से शांति मिलती है। शनि की साढ़े साती से प्रभावित लोगों को इस दिन तांबे के बर्तन में काले तिल को भरकर किसी गरीब को दान करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन नमक का दान करने से भी शुभ लाभ होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन का गाय के दूध से बने घी का दान करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। मकर संक्रांति के दिन अनाज दान करने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न रहती हैं।
दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।