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Mangala Gauri Vrat 2022 Today: अखंड सौभाग्य का प्रतीक मंगलागौरी व्रत आज, जानिए महत्व और सावन मास में कब-कब है ये गौरी व्रत

Mangala Gauri Vrat 2022 Today: सौभाग्यदायिनी मंगलागौरी व्रत वैवाहिक जीवन में प्रेम,खुशहाली और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।इस व्रत को करने से जीवन में चल रही समस्या दूर हो जाती है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 19 July 2022 5:14 AM GMT
Mangala Gauri Vrat 2022 Today
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Mangala Gauri Vrat 2022 Today

मंगला गौरी व्रत 2022 सावन

सौभाग्यदायिनी मंगलागौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) पति की लंबी आयू और सुहाग की रक्षा के लिए महिलाएं शिव के साथ मां पार्वती की पूजा व्रत रखकर सावन में करती है। सावन में भगवान शिव की पूजा को विशेष महत्व है। शिव के साथ मां पार्वती की पूजा भी महत्वपूर्ण है। मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है और माता पार्वती की उपासना की जाती है। लंबी आयु से स्वस्थ जीवन की कामना के लिए किया जाता है। मान्यता ये भी है कि इस व्रत से तान की उन्नति और कष्टों से छुटकारा पाने के लिए भी यह व्रत रखा जाता है । मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई आज है।

मंगला गौरी व्रत कब-कब है

इस बार सावन में चार मंगला गौरी व्रत है

  • इस सावन महीने का पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई को है।
  • दूसरा मंगला गौरी व्रत 26 जुलाई को पड़ता है।
  • तीसरा गौरी व्रत 2 अगस्त को पड़ रहा है।
  • आखिरी सावन का मंगला गौरी व्रत 9 अगस्त को होगा।

मंगला गौरी व्रत पूजा विधि

इस व्रत के दिन सर्वार्थसिद्धि योग होने से इसका महत्व बढ़ जाता है। मां मंगला गौरी मां पार्वती का ही मंगलकारी स्वरूप है। मंगला गौरी व्रत दाम्पत्य जीवन में प्रेम,खुशहाली और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। सुहागिने सावन में इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं और देवी पार्वती का आशीर्वाद लेती हैं।

मंगला गौरी व्रत के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें, कोशिश करे आप इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनें और अच्छे से श्रृंगार करें क्योंकि लाल रंग शुभ मन जाता है। इसके बाद, माता पार्वती को लाल रंग की पोशाक अर्पित करें और अपने घर के मंदिर में स्थापित करें। इसके साथ उन्हें लाल रंग के फूलों की माला अर्पित करें। फिर मंदिर में एक चौमुखी आटे का दिया जलाये और उससे मां मंगला गौरी की आरती उतारें। फिर मां को 16 तरह का श्रृंगार, 16 लॉन्ग, 16 इलायची, 16 फल और 16 मिठाई चढ़ाएं।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

मंगला गौरी व्रत और मंत्र

मां मंगला गौरी मां पार्वती को पूजा करने के बाद ॐ गौरी शंकराय नमः या 'ॐ श्री मंगला गौरी नमः मंत्र का जाप करें। इस विधि से पूजा करने पर मां पारर्वती की कृपा हमेशा बनी रहेगी। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र जाप से जीवन में चल रही समस्या को दूर हो जाती है। कहते है कि विधि विधान से व्रत कर माता को प्रसन्न करे। और अपने जीवन मे चल रही या आने वाली विपदा से छुटकारा पाए।

मंगला गौरी व्रत कथा

धर्मानुसार पुराने समय में धर्मपाल नाम का एक व्यवसायी था। उसकी पत्नी बहुत खूबसूरत थी और उसके पास धन संपत्ति की भी कोई कमी नहीं थी लेकिन संतान न होने के कारण वे दोनों दु:खी रहते थे। कुछ समय के बाद ईश्वर की कृपा से उनको एक पुत्र की प्राप्ति हुई,लेकिन वह अल्पायु था। उसे श्राप मिला था कि 16 वर्ष की आयु में सर्प के काटने से उसकी मृत्यु हो जाएगी। संयोग से उसकी शादी 16 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पहले ही हो गई। जिस कन्या से उसका विवाह हुआ था वह कन्या माता मंगला गौरी व्रत करती थी।मां गौरी के इस व्रत के प्रभाव से उस कन्या को आशीर्वाद प्राप्त था कि वह कभी विधवा नहीं हो सकती। तभी से मान्यता है कि इस व्रत के प्रताप से धर्मपाल की बहु को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई और उसके पति को 100 वर्ष की लंबी आयु प्राप्त हुई। जो भी सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए मंगला गौरी व्रत करती हैं। उनका सुहाग अखंड रहता है। पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए के अलावा अलावा संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए ये व्रत उत्तम है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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