TRENDING TAGS :
Palmistry Mastishk Rekha: अपराधी होते हैं ऐसे लोग जिनके हाथ में हो ऐसी मस्तिष्क रेखा, जानिए कहां और कब मिलता है इसका शुभ संकेत
Palmistry Mastishk Rekha: हाथ की मस्तिष्क रेखा कहां होती है, जानते हैं इसका प्रभाव और कब होता है शुभ और अशुभ...
Palmistry Mastishk Rekha: मस्तिष्क रेखा हृदय रेखा के नीचे होती है, यह रेखा तर्जनी व अंगूठे के लगभग बीच से शुरू होती है | मस्तिष्क रेखा (Mastishk Rekha) की स्थिति में किसी तरह की गड़बड़ी से व्यक्ति की अस्वाभाविक प्रवृत्ति का पता चलता है, रेखा तर्जनी के नीचे से शुरू होती है जो की जीवन रेखा से जुड़ी हुई या फिर इससे कुछ दूर हो सकती है |
यह जीवन रेखा के भीतर किसी स्थान से भी शुरू हो सकती है। मनुष्य के हाथ में प्रमुख रूप से तीन रेखाएं जीवन रेखा , मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा होती है। इन रेखाओं के बाद सबसे विशेष भाग्य रेखा होती है।हाथ की कलाई के बीच से शुरू होकर ऊपर की ओर अनामिका तक जाने वाली रेखा को भाग्य रेखा कहा जाता है। हाथ की मध्यमा ऊंगली के नीचे शनि पर्वत होता है।
मनुष्य की हथेली पर पाए जाने वाले चिन्हों व रेखाओं से जीवन में धन लाभ कब होगा व कितना होगा, इन बातों का पता लगाया जा सकता है। हमारी हथेली पर कई तरह के चिन्ह बने होते हैं। हर चिन्ह का कोई ना कोई अर्थ निहित होता है। हथेली के पर्वतों पर वृत्त यानी गोल घेरे के होने के शुभ-अशुभ संकेत...जानते हैं इस बारे में
मस्तिष्क रेखा कहां होती है
मंगल के निचले पर्वत पर जीवन रेखा के अंदर उठती हुई, मस्तिष्क तथा जीवन रेखाएं करीबी से एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। मस्तिष्क रेखा (Mastishk Rekha) जीवन रेखा से हटकर शुरू होती है । जिन लोगों की मस्तिष्क रेखा मंगल के निचले पर्वत पर जीवन रेखा के भीतर से उभरती है वे मंगल द्वारा संचालित होते हैं। यह रेखा व्यक्ति के मानसिक स्तर और बुद्धि के विश्लेषण को, सीखने की विशिष्ट विधा, संचार शैली और विभिन्न क्षेत्रों के विषय मे जानने की इच्छा को दर्शाती है।
जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा
- जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा मानिसक स्वास्थ के बारे में बताती है। मस्तिष्क रेखा हाथ को दो भागों में बांटती है, ऊपरी भाग मानसिक स्वास्थ्य का सूचक होता है। निचला भाग भौतिक इच्छाओं को बताता है।
- यदि हाथ का ऊपरी हिस्सा अधिक विकसित हो तो जातक मानवीय मूल्यों को महत्व देता है। जातक जंगली और क्रूर होता है। उसकी इच्छाएं खाने-पीने और भोगविलास की ओर ही अधिक होती हैं।
- मस्तिष्क रेखा की स्थिति व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, सीखने की प्रवृत्ति, विशिष्ट विधा की दिशा को दर्शाती है तथा व्यक्ति की, बुद्धि और मन के निर्धारण मे महत्वपूर्ण भूमिका को व्यक्त करती है। इस रेखा का आरंभ तीन भिन्न स्थानों से हो सकता है। इसका आरंभ गुरु पर्वत के मध्य से, जीवन रेखा के प्रारंभ से या मंगल पर्वत से होता है।
- छोटी-छोटी रेखाएं मस्तिष्क रेखा में से ह्रदय रेखा की ओर उठती हों तो ये रेखाएं तीन-चार से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे जातक में अच्छा-बुरा समझने की क्षमता होती है। यदि ऐसी ही छोटी-छोटी रेखाएं मस्तिष्क रेखा से निकलकर नीचे कलाई की ओर जाती हों तो वे मस्तिष्क को बलहीन बनाती हैं। ऐसा जातक मूर्ख होता है।
- मस्तिष्क रेखा के आकार के अनुसार भिन्न भिन्न होता है। हालांकि, सामान्य हाथ पर मस्तिष्क रेखा के विवरण की चर्चा पहले की जा चुकी है। मस्तिष्क रेखा की स्थिति के अनुसार कुछ सामान्य विवरण नीचे दिया जा रहा है।
- यदि मस्तिष्क रेखा का उद्गम गुरु पर्वत से होता है और वह जीवन रेखा को छूती है तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपने क्षेत्र मे उत्साही और कुशल प्रवृत्ति का होता है, और वह साहस और दृढ़ संकल्प के साथ अपने उद्देश्यों को पूर्ण करता है।
- यदि मस्तिष्क रेखा का उदगम गुरु पर्वत से होता है परन्तु वह जीवन रेखा को नही छूती है तो यह इस बात को दर्शाती है कि व्यक्ति जल्दबाजी मे निर्णय लेने वाला और अविवेकी होगा है।
- यदि मस्तिष्क रेखा प्रारंभ मे जीवन रेखा को छूती हुई हो तो व्यक्ति संवेदनशील और घबराने वाला होता है जिसके कारण वह सावधानी और रक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाता है।
- यदि मस्तिष्क रेखा का उदगम मंगल पर्वत से होता है और साथ ही यह जीवन रेखा को भी छूती है, तो यह एक अच्छा संकेत नही है, ऐसा व्यक्ति चिंतित और अस्थिर विचारों वाला होता है। ऐसा व्यक्ति अत्यधिक संवेदनशील और चिड़चिड़ा भी होता है।
- जब व्यक्ति के हाथ में दो हृदय रेखा हो तो यह तीव्र बुद्धि और अच्छी समझ का संकेत होता है, लेकिन यह बहुत कम हाथों में पाई जाती हैं।जब हृदय रेखा दोनों हाथों में टूटी हुई हो तो यह, किसी दुर्घटना के कारण सिर पर घातक चोट का संकेत देता है।इस रेखा पर द्वीप हो तो व्यक्ति कमजोर होता है और यदि द्वीप बिल्कुल स्पष्ट हो तो व्यक्ति बीमारी से उबर नही पाता है।जब मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा में एक समान दूरी हो तो व्यक्ति में गजब का विश्वास, उत्साह और विचारों की मुस्तैदी देखी जा सकती है।
मस्तिष्क रेखा का शुभ-अशुभ प्रभाव
- sumहाथ में मस्तिष्क रेखा का झुकाव चंद्र पर्वत की ओर हो तो व्यक्ति कल्पनाशील और अंधविश्वासी प्रवृत्ति का होता है।
- वर्गाकार हाथ मे यदि मस्तिष्क रेखा झुकाव लिये हो तो व्यक्ति का चरित्र कल्पनाशील परन्तु व्यावहारिकता पर निर्भर करता है। यदि बाकी हाथों मे भी मस्तिष्क रेखा झुकाव लिये हो तो व्यक्ति पूर्णतः सनकी होता है।
- चपटे हाथ मे मस्तिष्क रेखा अत्यधिक झुकाव लिये हो तो व्यक्ति बेचैन, चिड़चिड़ा और असंतुष्ट स्वभाव वाला होता है।
- यदि दार्शनिक हाथ में मस्तिष्क रेखा बिल्कुल सीधी हो तो व्यक्ति विवेकपूर्ण, विश्लेषणात्मक, तर्कसंगत और उन्मादी होता है, उसे कर्मो का ज्ञान होता है और अपने साथियों के कार्य को पूर्ण करता है।
- शंक्वाकार हाथ मे मस्तिष्क रेखा का चंद्र पर्वत पर निरंतर झुकाव हो तो व्यक्ति का भावात्मक झुकाव जैसे रोमांस, परोपकार और सहानुभूति पर होता है, इस हाथ की विशेषताएं वर्गाकार हाथ के विपरीत है।
- मानसिक हाथ में मस्तिष्क रेखा नीचे की ओर जाते हुये हो तो व्यक्त अत्यंत काल्पनिक और पागल होता है, ऐसा व्यक्ति व्यक्ति सनकी होता है, लेकिन समय बीतने के साथ वह व्यावहारिक हो जाता है।
- मस्तिष्क रेखा से कोई पतली रेखा गुरु पर्वत की ओर जा रही हो तो वह व्यक्ति योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने वाला और बुद्धिमान होता है।
- मस्तिष्क रेखा से कोई शाखा निकलकर गुरु पर्वत के अंत तक पहुंच जाए तो वह व्यक्ति श्रेष्ठ साहित्यकार या कलाकार होता है।
- यदि मस्तिष्क रेखा हृदय रेखा से लिपटती हुई आगे बढ़े तो ऐसा व्यक्ति क्रोध में आकर अपनी पत्नी या प्रेमिका की हत्या कर देता है।
- मस्तिष्क रेखा आगे बढ़कर हृदय रेखा को छू ले तो वह व्यक्ति अपनी पत्नी के अलावा अन्य कई स्त्रियों से संबंध रखता है।
- मस्तिष्क रेखा का झुकाव सूर्य पर्वत की ओर हो तो व्यक्ति प्रशासनिक सेवाओं में उच्च पद प्राप्त करता है।
- मस्तिष्क रेखा का झुकाव बुध पर्वत की ओर हो तो व्यक्ति अपनी बौद्धिक चतुराई से बिजनेस में बड़ा लाभ कमाता है।
- मस्तिष्क रेखा जहां समाप्त होती है वहां क्रॉस का चिन्ह हो तो व्यक्ति वृद्धावस्था में पागल हो जाता है।
- यदि मस्तिष्क रेखा पर कहीं भी नीला धब्बा हो तो व्यक्ति अपराधी प्रवृत्ति का होता है।
- यदि मस्तिष्क रेखा के अंत में त्रिकोण हो तो व्यक्ति हत्यारा होता है।
- मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा दोनों टूटी हुई हो तो व्यक्ति का गृहस्थ जीवन सुखी नहीं रहता।