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Mata Sita Story: माता सीता की यह रोचक लोककथा आपका दिल जीत लेगी, धन के भंडार भर देगी

Sita Mata Ki Kahani:

Anupma Raj
Report Anupma Raj
Published on: 25 Dec 2022 7:03 AM IST
Goddess SitaRam Story
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The Ramayana Story (Image: Social Media)

Mata Sita Story in Hindi: इस कहानी को सीता माता कहती थी और श्रीराम सुना करते थे। एक दिन श्रीराम भगवान को किसी काम के लिए बाहर जाना पड़ गया तो सीता माता कहने लगी कि भगवान मेरा तो बारह वर्ष का नितनेम (नित्य नियम) है। अब आप बाहर जाएंगे तो मैं अपनी कहानी किसे सुनाऊंगी? श्रीराम ने कहा कि तुम कुएं की पाल पर जाकर बैठ जाना और वहां जो औरतें पानी भरने आएंगी उन्हें अपनी कहानी सुना देना।

सीता माता कुएं की पाल पर जाकर बैठ जाती हैं। एक स्त्री आई उसने रेशम की जरी की साड़ी पहन रखी थी और सोने का घड़ा ले रखा था। सीता माता उसे देख कहती हैं कि बहन मेरा बारह वर्ष का नितनेम सुन लो। पर वह स्त्री बोली कि मैं तुम्हारा नितनेम सुनूंगीं तो मुझे घर जाने में देर हो जाएगी और मेरी सास मुझसे लड़ेगी। उसने कहानी नहीं सुनी और चली गई। उसकी रेशम जरी की साड़ी फट गई, सोने का घड़ा मिट्टी के घड़े में बदल गया।

सास ने देखा तो पूछा कि ये किस का दोष अपने सिर लेकर आ गई है? बहू ने कहा कि कुएं पर एक औरत बैठी थी उसने कहानी सुनने के लिए कहा लेकिन मैने सुनी नही जिसका यह फल मिला।


बहू की बात सुनकर अगले दिन वही साड़ी और घड़ा लेकर सास कुएं की पाल पर गई। सास को वहीं माता सीता बैठी मिलीं तो माता सीता ने कहा कि बहन मेरी कहानी सुन लीजिए। सास बोली कि एक बार छोड़, मैं तो चार बार कहानी सुन लूंगी।

राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए

नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम

तपी रसोई जियो राम, माखन मिसरी खाओ राम

दूध बताशा पियो राम,सूत के पलका मोठो राम

शाल दुशाला पोठो राम, शाल दुशाला ओढ़ो राम

जब बोलूं जब राम ही राम, राम संवारें सब के काम

खाली घर भंडार भरेंगे सब का बेड़ा पार करेंगे

श्री राम जय राम जय-जय राम

सास बोली कि बहन कहानी तो बहुत अच्छी लगी। कहानी सुनकर सास घर चली गई और उसकी साड़ी फिर से रेशम जरी की बन गई। मिट्टी का घड़ा फिर सोने के घड़े में बदल गया। बहू कहने लगी सासू मां, आपने ये सब कैसे किया? सास ने कहा कि बहू तू दोष लगा के आई थी और मैं अब दोष उतारकर आ रही हूं।बहू ने फिर पूछा कि वह कुएं वाली स्त्री कौन है? सास बोली कि वे सीता माता थीं। वे पुराने से नया कर देती हैं, खाली घर में भंडार भर देती हैं, वह लक्ष्मी जी का वास घर में कर देती हैं, आदमी की जो भी इच्छा हो उसे पूरा कर देती हैं।बहू बोली कि ऎसी कहानी मुझे भी सुना दो।सास बोली कि ठीक है तुम भी सुनो और सास ने कहानी शुरु की।

राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए

नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम

तपी रसोई जियो राम, माखन मिसरी खाओ राम

दूध बताशा पियो राम,सूत के पलका मोठो राम

शाल दुशाला पोठो राम, शाल दुशाला ओढ़ो राम

जब बोलूं जब राम ही राम, राम संवारें सब के काम

खाली घर भंडार भरेंगे सब का बेड़ा पार करेंगे

श्री राम जय राम जय-जय राम

कहानी सुनकर बहू बोली कि कहानी तो बहुत अच्छी है।सास ने कहा कि ठीक है इस कहानी को रोज कहा करेगें। अब सास-बहू रोज सवेरे उठती, नहाती-धोती और पूजा करने के बाद नितनेम की सीता की कहानी कहती। एक दिन उनके यहां एक पड़ोस की औरत आई और बोली कि बहन जरा सी आंच देना तो वह बोली कि आंच तो अभी हमने जलाई ही नहीं।

पड़ोसन ने कहा कि तुम सुबह चार बजे से उठकर क्या कर रही हो फिर? उन्होंने कहा कि सुबह उठकर हम पूजा करते हैं फिर सीता माता की नितनेम की कहानी कहते हैं।

पड़ोसन ने उनकी बात सुनकर फिर कहा कि सीता माता की कहानी कहने से तुम्हें क्या मिला? वे बोली कि इनकी कहानी कहने से घर में भंडार भर जाते हैं। सारे काम सिद्ध होते हैं, मन की इच्छा भी पूरी होती है। पड़ोसन कहती है कि बहन ऎसी कहानी तो मुझे भी सुना दो फिर। वह बोली कि ठीक है तुम भी यह कहानी सुन लो।

राम आए लक्ष्मण आए देश के पुजारी आए

नितनेम का नेम लाए आओ राम बैठो राम ।

सारी कहानी सुनने के बाद पड़ोसन कहने लगी बहन कहानी तो मुझे बहुत अच्छी लगी। अब वह पड़ोसन भी नितनेम सीता माता की कहानी कहने लगी। कहानी कहने से सीता माता ने पड़ोसन के भी भंडार भर दिए। अब तो पूरे मोहल्ले में नितनेम की कथा चल पड़ी।हर किसी की मनोकामना पूरी होने लगी।

हे सीता माता ! जैसे आपने उनके भंडार भरे, वैसे ही आप हमारे भी भंडार भरना। कहानी सुनने वाले के भी और कहानी कहने वाले के भी।

उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में आज भी यह कथा सीता जयंती पर चाव से सुनाई जाती हैं।




Anupma Raj

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Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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