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मौनी अमावस्या आज है Mauni Amavasya 2023 Significance: इस दिन स्नान-दान से धुलते हैं पाप, जानते हैं इस दिन का महत्व-उपाय और नियम

Mauni Amavasya 2023 Significance: मौनी अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में खास स्थान रखता है। इस दिन स्नान, दान का बहुत महत्व है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 21 Jan 2023 2:00 AM GMT (Updated on: 21 Jan 2023 3:49 AM GMT)
मौनी अमावस्या आज  है Mauni Amavasya 2023 Significance: इस दिन स्नान-दान से धुलते हैं पाप, जानते हैं इस दिन का महत्व-उपाय और  नियम
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Mauni Amavasya 2023

मौनी अमावस्या 2023

इस साल 21 जनवरी को माघ मास की मौनी अमावस्या है। हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन ही शनिदेव का जन्म हुआ था। माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या कहते हैं।

मान्यता है कि इस दिन प्रातःकाल उठकर मौन रहते हुए गंगा स्नान करना चाहिए। यदि यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही हो तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं और इन स्थितियों में अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस बार की माघ अमावस्या शनिवार 21 जनवरी को पड़ रही है।इस दिन यदि कोई व्यक्ति नदी में स्नान करने नहीं पहुंच सकता है तो उसे घर ही स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए, इसके बाद पूजन आदि करते हुए दान करना चाहिए।

अमावस्या के दिन दिए गए दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। दान देने वालों को इस बात का अवश्य ही ध्यान रखना चाहिए कि दान देना किसी पर एहसान करना नहीं है बल्कि ऐसा करके वह अपने पुण्य का बैंक बैलेंस ही बढ़ाने का कार्य करते हैं.

अमावस्या पर रहें मौन

मौनी अमावस्या अर्थात अमावस्या के दिन रखने वाला मौ। धर्म शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन बिना कुछ बोले स्नान और उसके बाद पूजन भजन और दान आदि का कर्म बताया गया है किंतु वास्तव में हमें मौन के सूक्ष्म अर्थ को समझना होगा। सामान्य तौर पर तो हम दिन भर कुछ न कुछ बोलते ही रहते हैं जिसमें बहुत सी बातें होती हैं और कई बार मिथ्या भी बोला जाता है मौन का अर्थ मुंह पर अंगुली रख कर चुपचाप बैठे रहना नहीं है, मौन का अर्थ है कि अपने मुख से बुरे वचन न निकाले, कोई ऐसी वाणी नहीं बोलनी है जो दूसरों को कष्ट दे. मौनी अमावस्या की सार्थकता तो तभी है, जब हम अपनी वाणी को तोल मोल कर इस्तेमाल करें।

मौनी अमावस्या का दिन और महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवतागण पवित्र संगम में निवास करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। मुनि शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस दिन मौन रहने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। 10 फरवरी 2021 की रात 01 बजकर 10 मिनट से अमावस्या तिथि आरम्भ....


मौनी अमावस्या से जुड़ी पूरी बातें

21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्‍या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा।अमावस्या के दिन गंगा स्नान के बाद मौन व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा का पीले फूल, केसर, चंदन, घी का दीपक और प्रसाद के साथ पूजन करें। भगवान का ध्यान करने के बाद विष्णु चालीस या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। फिर किसी ब्राह्मण को दान दक्षिणा देना चाहिए। मंदिर में दीप दान करके, सांयकाल धूप-दीप से आरती अवश्य करें। इसके पश्चात श्रीहरि विष्णु को पीले मीठे पकवान का भोग लगाएं। गाय को मीठी रोटी या हरा चारा खिलाने के बाद व्रत खोलें।

मौनी अमावस्या के दिन उपाय

मौनी अमावस्या के दिन पितरों के नाम जल में तिल डालकर दक्षिण दिशा की ओर तर्पण करना चाहिए।अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है ऐसे में इस दिन पितरों के नाम तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। मौनी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन करें और पीले रंग के पवित्र धागे को 108 बार परिक्रमा करके बांधें। पीपल के नीचे एक दीपक जलाएं ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में खुशहाली आती है।

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूजन से पहले खुद पर गंगाजल जरूर छिड़कें। अगर आप इस दिन पितरों के निमित्त गीता के सातवें अध्याय का पाठ करेंगे, तो इससे उनके कष्ट दूर होंगे और पितर प्रसन्न होंगे। पितरों का ध्यान करते हुए मौनी अमावस्या के दिन दान जरूर करें।आप किसी भी जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र आदि कुछ भी दान कर सकते हैं। मौनी अमावस्या के दिन पीपल का एक पौधा लगाएं और इस पौधे की सेवा भी करें। ऐसा करने से पितर बेहद प्रसन्न होते हैं। आपके द्वारा लगाया गया पीपल का पौधा जैसे जैसे बड़ा होगा, आपको अपने पितरों से आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपके घर के सारे संकट धीरे-धीरे दूर हो जाएंगे। वैसे तो पीपल का पौधा किसी भी अमावस्या को लगाया जा सकता है, लेकिन मौनी अमावस्या को लगाना विशेष फलदायी होता है।

मौनी अमावस्या के दिन करें ये सब

मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए। गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं। अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें।

यदि आप अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं। हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस दिन झूठ ना बोले। किसी को कष्ट ना पहुंचाएं। मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करके व्रत समापन करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान है। इससे व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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