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Mohini Ekadashi : मोहिनी एकादशी की सही तिथि जानें यहां, व्रत के इन नियमों के पालन से होगा बेतहाशा लाभ
Mohini Ekadashi: किस दिन पड़ रही है मन मोहने वाली मोहिनी एकादशी। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए, किसका नहीं।
Mohini Ekadashi 2024: धर्मानुसार एकादशी का व्रत समस्त कामनाओं को पूरा करने वाला होता है। हर माह में दो एकादशी पड़ती है । एक शुक्ल पक्ष की एकादश , दूसरी कृष्ण पक्ष की एकादश को होती है। सारी एकादशी की तिथियों में वैशाख माह की मोहिनी एकादशी बहुत खास है। इस दिन किए गए नियमों के पालन से भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।इस बार मोहिनी एकादशी 19 मई को है।
इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था। इस दिन व्रत-उपवास करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान विष्णु सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसलिए दिन कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। जानते है कि मोहिनी एकादशी के दिन क्या करें क्या नहीं। उससे पहले मोहिनी एकादशी की विधि भी जानते हैं....
मोहिनी एकादशी पर शुभ योग
इस बार मोहिनी एकादशी पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इन योगों को बेहद शुभ माना जा रहा है।
वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि आरंभ: 18 मई, 2024, प्रातः 11 : 23 मिनट पर
वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त:19 मई, 2024, दोपहर 01:50 मिनट पर
उदयातिथि के आधार पर मोहिनी एकादशी व्रत 19 मई, 2024 को रखा जाएगा।
एकादशी पर बने शुभ योग
अमृत योग: 19 मई, रविवार प्रातः 05:28 से 20 मई, सोमवार तड़के 03:16 मिनट तक
वज्र योग: 18 मई, शनिवार, प्रातः 10:25 से 19 मई, रविवार प्रातः 11:25 मिनट तक
सिद्धि योग: 18 मई, शनिवार, प्रातः 11:25 ए एम, से 19 मई, रविवार, दोपहर 12:11 तक
इन योगों में मोहिनी एकादशी व्रत रखना और विष्णु जी की पूजा करना बहुत लाभ प्रदान करता है।
एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप
मोहिनी एकादशी के दिन व्रत-पूजा करने के साथ-साथ भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी करें.
1. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
2. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
3. ॐ नारायणाय नम:
एकादशी की पूजा विधि
मोहिना एकादशी के दिन सुबह स्नान कर मंदिर की साफ-सफाई के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। इस पूजा में फूल फल, अक्षत तुलसी के पत्ते और मोर पंख जरूर रखना चाहिए। गंगाजल से घर और मंदिर को शुद्ध करना चाहिए। इस दिन घर के मंदिर में दीपक जलाकर मंत्र ध्यान और कथा सुनकर भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। इससे बैकुंड की प्राप्ति होती है।
मोहिनी एकादशी के दिन क्या करें
इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान कर निर्जला व्रत या फलाहार करना चाहिए। पीला वस्त्र धारण करना चाहिए। व्रत के दिन स्वस्थ रहना चाहिए। मन में किसी तरह की हीन भावना नहीं आनी चाहिए।
अगर निसंतान है तो संतान की कामना के लिए इस भगवान विष्णु के बालरूप की पूजा माखन मिश्री से करनी चाहिए । इससे बुद्धिमान और निरोगी संतान की प्राप्ति होती है।
जिन लोगों की शादी में विलंब हो रहा है। उन लोगों को इस दिन व्रत का संकल्प लेकर पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। पीले फूलों से ही भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी , केसर दही-मक्खन अर्पित करना चाहिए। सुहाग की सामग्री इस दिन दान करना चाहिए । इससे विवाह जल्दी हो जाती है और जीवनसाथी बुद्धिमान और समृद्ध होता है।
एकादशी की रात्रि भगवान श्रीहरि का भजन-कीर्तन करना चाहिए। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें और किसी जरूरतमंद को दान दें।
मोहिनी एकादशी पर न करें ये काम
मोहिनी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि चावल महर्षि मेधा के रक्त और मांस बना है। इस दिन चावल खाने से विष्णु भगवान नाराज होते हैं।
जो लोग एकादशी व्रत करते हैं उन्हें लॉटरी -जुआ नहीं खेलना चाहिए।
इस दिन लोगों को बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए और ना झूठ न क्रोध करना चाहिए।
इस दिन रात में सोना वर्जित है और सुबह जल्दी उठना अनिवार्य है।