Mohini Ekadashi Vrat Katha : मोहिनी एकादशी व्रत कथा सुनने से मिलता है हजार गौदान का फल , आज राशि के अनुसार करें काम

Mohini Ekadashi Vrat Katha Aaj Sune: मोहिनी एकादशी व्रत करने से मनुष्य सब पापों तथा दु:खों से छूटकर मोहजाल से मुक्त हो जाता है। इसकी कथा को ध्यान पूर्वक सुनने से हर पाप का क्षय होता है... जानिए क्या है कथा

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 1 May 2023 11:23 AM GMT
Mohini Ekadashi Vrat Katha :  मोहिनी एकादशी व्रत कथा सुनने से मिलता है हजार गौदान का फल , आज राशि के अनुसार करें काम
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सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Mohini Ekadashi : वैशाख माह में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी एकादशी कहते हैं। मोहिनी एकादशी इस साल 1 मई सोमवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से करने से हर मनोरथ पूर्ण होती है।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मोहिनी एकादशी के दिन राशि के अनुसार कुछ उपाय करने से भगवान विष्णु का आर्शीवाद प्राप्त होता है।वैसाख माह के शुक्ल पक्ष की मोहिनी एकादशी की तिथि इस साल 1 मई दिन सोमवार को पड़ रही है। इस दिन एकादशी तिथि होने से और महत्व बढ़ गया है। इस दिन वज्र योग, हस्त नक्षत्र और चंद्रमा कन्या राशि में है। 30 अप्रैल 2023 को रात 08 .28 मिनट से रविवार, 1 मई सोमवार 2023 को रात 10.09 मिनट तक रहेगी।त्रिपुष्कर योग- May 02 05:57 AM - May 02 07:41 PM बनेगा

मोहिनी एकादशी व्रत कथा

श्रीकृष्ण कहने लगे कि हे धर्मराज! मैं आपसे एक कथा कहता हूँ, जिसे महर्षि वशिष्ठ ने श्री रामचंद्रजी से कही थी। महर्षि वशिष्ठ बोले- हे राम! आपने बहुत सुंदर प्रश्न किया है। आपकी बुद्धि अत्यंत शुद्ध तथा पवित्र है। यद्यपि आपका नाम स्मरण करने से मनुष्य पवित्र और शुद्ध हो जाता है तो भी लोकहित में यह प्रश्न अच्छा है।

वैशाख मास में जो एकादशी आती है उसका नाम मोहिनी एकादशी है। इसका व्रत करने से मनुष्य सब पापों तथा दु:खों से छूटकर मोहजाल से मुक्त हो जाता है। मैं इसकी कथा कहता हूँ। ध्यानपूर्वक सुनो।

सरस्वती नदी के तट पर भद्रावती नाम की एक नगरी में द्युतिमान नामक चंद्रवंशी राजा राज करता था। वहाँ धन-धान्य से संपन्न व पुण्यवान धनपाल नामक वैश्य भी रहता है। वह अत्यंत धर्मालु और विष्णु भक्त था। उसने नगर में अनेक भोजनालय, प्याऊ, कुएँ, सरोवर, धर्मशाला आदि बनवाए थे। सड़कों पर आम, जामुन, नीम आदि के अनेक वृक्ष भी लगवाए थे। उसके 5 पुत्र थे- सुमना, सद्‍बुद्धि, मेधावी, सुकृति और धृष्टबुद्धि।

इनमें से पाँचवाँ पुत्र धृष्टबुद्धि महापापी था। वह पितर आदि को नहीं मानता था। वह वेश्या, दुराचारी मनुष्यों की संगति में रहकर जुआ खेलता और पर-स्त्री के साथ भोग-विलास करता तथा मद्य-मांस का सेवन करता था। इसी प्रकार अनेक कुकर्मों में वह पिता के धन को नष्ट करता रहता था।

इन्हीं कारणों से त्रस्त होकर पिता ने उसे घर से निकाल दिया था। घर से बाहर निकलने के बाद वह अपने गहने-कपड़े बेचकर अपना निर्वाह करने लगा। जब सबकुछ नष्ट हो गया तो वेश्या और दुराचारी साथियों ने उसका साथ छोड़ दिया। अब वह भूख-प्यास से अति दु:खी रहने लगा। कोई सहारा न देख चोरी करना सीख गया।

एक बार वह पकड़ा गया तो वैश्य का पुत्र जानकर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। मगर दूसरी बार फिर पकड़ में आ गया। राजाज्ञा से इस बार उसे कारागार में डाल दिया गया। कारागार में उसे अत्यंत दु:ख दिए गए। बाद में राजा ने उसे नगरी से निकल जाने का कहा।

एक दिन भूख-प्यास से व्यथित होकर वह खाने की तलाश में घूमता हुआ कौडिन्य ऋषि के आश्रम में पहुँच गया। उस समय वैशाख मास था और ऋषि गंगा स्नान कर आ रहे थे। उनके भीगे वस्त्रों के छींटे उस पर पड़ने से उसे कुछ सद्‍बुद्धि प्राप्त हुई।

वह कौडिन्य मुनि से हाथ जोड़कर कहने लगा कि हे मुने! मैंने जीवन में बहुत पाप किए हैं। आप इन पापों से छूटने का कोई साधारण बिना धन का उपाय बताइए। उसके दीन वचन सुनकर मुनि ने प्रसन्न होकर कहा कि तुम वैशाख शुक्ल की मोहिनी नामक एकादशी का व्रत करो। इससे समस्त पाप नष्ट हो जाएँगे। मुनि के वचन सुनकर वह अत्यंत प्रसन्न हुआ और उनके द्वारा बताई गई विधि के अनुसार व्रत किया।

हे राम! इस व्रत के प्रभाव से उसके सब पाप नष्ट हो गए और अंत में वह गरुड़ पर बैठकर विष्णुलोक को गया। इस व्रत से मोह आदि सब नष्ट हो जाते हैं। संसार में इस व्रत से श्रेष्ठ कोई व्रत नहीं है। इसके माहात्म्य को पढ़ने से अथवा सुनने से हजार गौदान का फल प्राप्त होता है।

राशि के अनुसार एकादशी के दिन करें ये सारे काम

  • मेष राशि: इस राशि के जो जातक एकादशी व्रत करते हैं और विष्णु भगवान मे आस्था रखते हैं उन्हें घी और सिंदूर विष्णु को चढ़ाना चाहिए, साथ में मां लक्ष्मी को भी पूजना चाहिए। इससे सौभाग्य बना रहता है।
  • वृष राशि: इस राशि के जातकों को एकादशी के दिन भगवान विष्णु को माखन, मिश्री चढ़ाना चाहिए, इससे बिजनेस में लाभ और संतान सुख मिलता है।
  • मिथुन राशि: इस राशि के जातक अगर मोहिनी एकादशी के दिन आम , मिश्री माखन के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें तो धन की कमी नहीं होती है।
  • कर्क राशि: भगवान विष्णु को दूध और हल्दी से इस राशि के जातक को मोहिनी एकादशी के दिन पूजन करना चाहिए।
  • सिंह राशि: मोहिनी एकादशी के दिन जातक अगर भगवान विष्णु को तुलसी और मावा का भोग लगाएं तो नौकरी में आ रही परेशानी दूर होती है।
  • कन्या राशि: भगवान विष्णु को इस राशि के जातक अगर शहद का भोग लगाएं और मंत्र जप करें तो लाभ मिलता है।
  • तुला राशि: मोहिनी एकादशी पर इस राशि के लोग भगवान विष्णु को गुड़ का भोग लगाएंगे तो निजी संबंधों में मधुरता बनी रहती हैं।
  • वृश्चिक राशि: मोहिनी एकादशी के दिन अगर इस राशि के जातक दही और शहद से लड्डू गोपाल को भोग लगाएं तो संतान सुख मिलता है।
  • धनु राशि: मोहिनी एकादशी के दिन इस राशि के जातकों को विष्णु भगवान को चना और किशमिश चढ़ाना चाहिए।
  • मकर राशि: मोहिनी एकादशी के दिन जातकों को भगवान विष्णु को नरियल चढ़ाना चाहिए, इससे नौकरी मे प्रमोशन और बिजनेस में लाभ होता है।
  • कुंभ राशि: भगवान विष्णु को मोहिनी एकादशी के दिन जातक केला, लौंग और इलाइची चढ़ाएंगे तो परिवार खुशहाल और स्वस्थ रहेगा।
  • मीन राशि: मोहिनी एकादशी के दिन विष्णु भगवान को केसर, गंगाजल और खीर चढ़ाना चाहिए, इससे किसी भी तरह के निवेश में लाभ मिलता है।

Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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