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Mokshada Ekadashi और Geeta Jayanti पर इस बार बन रहे ये शुभ संयाेग, जानिए महत्व

Mokshada Ekadashi and Geeta Jayanti : मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष एकादशी को मोक्षदा एकादशी व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है।

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Newstrack Network
Published on: 9 Dec 2024 6:22 PM IST
Mokshada Ekadashi और Geeta Jayanti पर इस बार बन रहे ये शुभ संयाेग, जानिए महत्व
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ज्योतिषाचार्य एस.एस.नागपाल

Mokshada Ekadashi and Geeta Jayanti : मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष एकादशी को मोक्षदा एकादशी व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। इसी दिन कुरूक्षेत्र की रणभूमि में भगवान श्री कृष्ण ने कर्म से विमुख अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसीलिए इस दिन गीता जयंती मनायी जाती है। इस वर्ष 11 दिसंबर को 5161 वीं गीता जयंती मनाई जाएगी।

क्या है एकादशी का समय

एकादशी तिथि का प्रारंभ 11 दिसंबर को प्रात: 03:42 बजे होगा और एकादशी तिथि का समापन 11 दिसंबर की देर रात 01:09 बजे होगा।

कई शुभ योग

इस वर्ष गीता जयंती पर कई शुभ योगों का निर्माण हुआ है। 11 दिसंबर को गीता जयंती पर रेवती नक्षत्र, वरियन योग, रवि योग का निर्माण होगा। इन शुभ योगों में भगवान विष्णु की पूजा और गीता का पाठ करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन गीता पढ़ना और सुनना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। अन्य ग्रन्थ किसी मनुष्य द्धारा लिखे या संकलित किये गये हैं जबकि गीता का जन्म स्वयं योगेश्वर श्री भगवान कृष्ण के श्री मुख से हुआ है। श्रीमद भागवत गीता को विश्व के श्रेष्ठ ग्रन्थों में माना जाता है। मोक्षदा एकादशी पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से और व्रत रखने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

जीवनदायनी गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। पहले 6 अध्यायों में कर्मयोग, फिर अगले 6 अध्यायों में ज्ञानयोग और अंतिम 6 अध्यायों में भक्तियोग का उपदेश दिया गया है। गीता के उपदेश हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं। निष्काम भाव से कर्म करना, धर्म के मार्ग में चलना बताते हैं। श्री कृष्ण हमारे भीतर आत्मविश्वास जगाते हैं। वे कहते है कि मैं सभी में व्याप्त हूँ। गीता को हिंदू धर्म के अनुसार सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है। गीता अज्ञान, दुख, मोह, क्रोध, काम और लोभ जैसी कुरितियों से मुक्ति का मार्ग बताती है। हमें अपने जीवन में गीता का अध्ययन अवश्य करना चाहिए इसके अध्ययन, श्रवण, मनन-चिंतन से जीवन में श्रेष्ठता का भाव आता है। जिससे मनुष्य सतकर्म करने के लिए प्ररित होता है।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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