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Mouni Amavasya: मौनी अमावस्या पर राशि के अनुसार करें धार्मिक काम, जानिए महत्व और दान

Mouni Amavasya Rashi Ke Anusar Daan : मौनी अमावस्या के दिन क्या होता है खास, क्यों करते है इस दिन स्नान दान। अगर इस दिन राशि के अनुसार इस दिन करते हैं दान पुण्य तो मिलेगा अक्षय फल

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 9 Feb 2024 10:44 AM IST
Mouni Amavasya:  मौनी अमावस्या पर राशि के अनुसार करें धार्मिक काम, जानिए महत्व और दान
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Mouni Amavasya: माघ माह ही अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहते हैं। इस अमावस्या के समय पितृदेव और श्री हरि विष्णु की पूजा के साथ ही सूर्य को अर्घ्‍य देने का भी महत्व है। इस बार मौनी अमावस्या पर बहुत ही दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस दौरान दान, तीर्थ यात्रा, भागवत गीता का श्रवण आदि का विशेष महत्व होता है। इस तिथि को सूर्य और चंद्रमा गोचर वश मकर राशि में आते हैं, इसलिए यह दिन संपूर्ण शक्ति से भरा है। इस दिन तीर्थस्थल पर स्नान, पूजन, दान-पुण्य करना कई गुना अधिक शुभ फल देता है।जानते हैं कि दुर्लभ योग और शुभ मुहूर्त।मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या पर राशि के अनुसार उपाय

मेष राशि ग्रह मंगल है इसलिए मौनी अमावस्या के दिन लाल मसूर की दाल, गुण, लाल चंदन, लाल फूल, सिंदूर, तांबा, मूंगा, लाल वस्त्र आदि दान हेतु सम्मिलित करें तो उनको विशेष लाभ प्राप्त होगा।

वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है। मौनी अमावस्या के दिन सफेद वस्त्र, कपूर, खुशबूदार अगरबत्ती, धूप, इत्र आदि, दही, चावल, चीनी, दूध, चांदी, आदि दान हेतु सम्मिलित करें तो उनको विशेष लाभ प्राप्त होगा।

मिथुन राशि का स्वामी बुध हैं। मौनी अमावस्या के दिन हरी सब्जी, हरा फल, हरा वस्त्र, कांसे का बर्तन, पन्ना या उसका उपरत्न ऑनेक्स, हरी दाल, आदि दान हेतु सम्मिलित करें तो विशेष शुभ फल प्राप्त होगा।

कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है मौनी अमावस्या के दिन दूध, दही, चावल, सफेद वस्त्र, चीनी, चांदी, मोती, शंख, कपूर, बड़ा बताशा आदि का दान अवश्य करें।

सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैंअमावस्या के दिन छाता, जूता, गेहूं, धार्मिक पुस्तकें और धन का दान कर सकते हैं।यह दान किसी किन्नर को देंगे तो ज्यादा लाभ होगा, ऐसा करने से आपकी धन संबंधित समस्या भी दूर हो जाएगी।

कन्या राशि का स्वामी बुध है इसलिए कन्या राशि के जातको पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहिए। साथ ही दालें, तिलकुट, आदि का दान भी करना चाहिए।कन्याओं को खीर खिलानी चाहिए। ऐसा करने से जातक के भौतिक सुखों में वृद्धि होने की संभावना होती है।

तुला राशि का स्वामी शुक्र हैं इस दिन पीला चंदन, चना और कंबल दान में देना चाहिए।जीवन में कभी भी आर्थिक समस्या नहीं आएगी और दाम्पत्य जीवन भी मधुर बना रहेगा।

वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है और इस दिन इस राशि के जातकों को लोहे का सामान, तिल और सरसों के तेल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपके व्यवसाय में आ रही सभी समस्याएं दूर होंगी।

धनु राशि की स्वामी गुरु हैं । इस दिन काले रंग की वस्तुओं का दान करें। ऐसा करने से आपकी धन से जुडी समस्या भी दूर हो जाएगी।

मकर राशि का स्वामी शनि है और इसलिए मौनी अमावस्या के दिन तांबे की वस्तुएं दान करनी चाहिए। ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और शत्रुओं का भी नाश होता है।

कुंभ राशि का स्वामी शनि है , इस दिन लोहे का सामान, तिल और सरसों के तेल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपके व्यवसाय में आ रही सभी समस्याएं दूर होंगी।

मीन राशि का स्वामी गुरु हैं। इस राशि के जातकों को पीला चंदन, चना और कंबल दान में देना चाहिए। ऐसा करने से मीन राशि के जातकों के जीवन में कभी भी आर्थिक समस्या नहीं आएगी और दाम्पत्य जीवन भी मधुर बना रहेगा।

मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितर संगम में स्नान करने आते हैं और यहां देव और पितरों का संगम होता है। मौनी अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष में मौनी अमावस्या को पितृ दोष से मुक्ति पाने के कई आसान उपाय बताए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि इन उपायों को करने से पितर प्रसन्न होते हैं और सुख समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं।

स्कंद पुराण में माघी मौनी अमावस्या के महत्व को बताया गया है कि इस दिन गुड़, घी, तिल और शहद युक्त खीर गंगा में डालने से पितर 100 वर्षों तक तृप्त बने रहते हैं। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन गंगा स्नान के बाद तिल, आंवला, सोना या दूध देने वाली गाय का दान करने से शनि के अशुभ फलों से मुक्ति मिलती है। मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान और व्रत करने से पुत्र की आयु लंबी होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से सो अश्वमेध यज्ञ और एक हजार राजसूया यज्ञ के बराबर फल मिलता है। इस दिन पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

मनु ऋषि का जन्म इसी दिन हुआ था, इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। मनु ऋषि को ब्रह्मा का मानस पुत्र माना जाता है। मकर राशि, सूर्य तथा चंद्रमा का योग इसी दिन होता है, इसलिए इस अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन प्रण कर लें कि झूठ नहीं बोलेंगे, छल-कपट नहीं करेंगे। बेकार की बातों से दूर रहकर मन को सबल बनाने की कोशिश करना चाहिए। इससे मानसिक शांति मिलती है। ब्रह्मदेव तथा गायत्री मंत्र का जाप और पाठ करना चाहिए।

मौनी अमावस्या पर करें ये काम

मौनी अमावस्या के दिन तिल का गो बनाकर सभी सामग्रियों समेत दान करने से सात जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है। मौनी अमावस्या के दिन शाम को किसी पीपल की जड़ में जल और गाय का दूध चढ़ाने और उसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने एवं पीपल का पूजन करना चाहिए, क्योंकि पीपल में सभी देवों का वास माना जाता है, अत: इस दिन पीपल वृक्ष के पूजन सभी तरह के पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पापों से मुक्ति मिलती है। पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करें और सफेद रंग की मिठाई अर्पित करें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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