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Mukesh Ambani Ki Kundli: मुकेश अंबानी की कुंडली क्या कहती है, इस साल भी रचेंगे कीर्तिमान या सितारों का पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव जानिए
Mukesh Ambani Ki Kundali: मुकेश अंबानी की अद्वितीय सफलता भाग्य और कड़ी मेहनत का परिणाम है, जानते है उनकी कुंडली के ग्रह दशा...
Mukesh Ambani Ki Kundali:रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी कामयाबी के शिखर पर है। हर तरफ उनका बोलबाला है। ज्योतिष और सितारों के अनुसार आने वाला समय उनके सेहत काम के लिए कैसा रहेगा जानते है।
मुकेश अंबानी की जन्म कुंडली
मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को तुला लग्न में हुआ था, जिस पर इसके स्वामी शुक्र की दृष्टि है। चन्द्रमा धनु राशि में है, रवि मेष राशि में है, मार्च वृष राशि में है, पारा मेष राशि में है, शुक्र मेष राशि में है, जुपिटर सिंह और की राशि में है शनि ग्रह वृश्चिक राशि में है।जबकि राहु तुला राशि में है और केतु मेष राशि का है।अन्य बाहरी ग्रह जैसे, यूरेनस कर्क राशि में है, वरूण तुला राशि में है और प्लूटो सिंह राशि में है।
2025 में मुकेश अंबानी के लिए चैलेंजिंग रहेगा। उनको व्यक्तिगत और पारिवारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें इस साल सोच-समझकर निर्णय लेने की जरूरत है। 2025 उनके लिए मिश्रित परिणाम देगा। अप्रैल 2025 से जून 2025 के बीच उन्हें मानसिक तनाव और पारिवारिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में बड़े निवेश से बचने की सलाह दी जाती है,
जन्म तिथि: 19 अप्रैल, 1957
जन्म दिन: शुक्रवार
जन्म समय: 07:53:00 PM मानक समय
जन्म स्थान: अदन, यमन
मुकेश अंबानी राशि: मेष
मुकेश अंबानी चंद्र राशि: धनु
मुकेश अंबानी की कुंडली में ग्रहों की शुभ स्थिति उन्नति और सफलता दे रही । इस साल मुकेश अंबानी की हर इच्छाओं की पूर्ति होगी। घर में उत्सव सा माहौल रहेगा। जीवन साथी से, बच्चों से सुख मिलेगा और मुकेश अंबानी का नाम चारों दिशा मेें और फैलेगा।
2025 कैसा रहेगा मुकेश अंबानी के लिए
मुकेश अंबानी की कुंडली में ग्रहों के विशेष योग और रणनीतिक फैसलों के कारण वे भारतीय उद्योग के भाग्यशाली और सफल दिग्गज माने जाते हैं।इस समय व्यापार में सफलता, प्रतिष्ठा और सम्मान मिलेगा। परिवार का सहयोग रहेगा, और यात्रा से सौभाग्य बढ़ेगा।विलासिता पर खर्च होगा। स्वास्थ्य और परिवार से जुड़ी चिंताएं हो सकती हैं। विरोधियों से सतर्क रहें।आत्मविश्वास बढ़ेगा, सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी। छोटी यात्राएं लाभदायक होंगी।विदेशी संबंध और लंबी यात्राएं सफल होंगी। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। परिवार में सुख-शांति रहेगी।मानसिक तनाव और आर्थिक दबाव बढ़ेगा। अचानक हानि की संभावना है। गुप्त खर्चों पर ध्यान दें।मुकेश अंबानी की कुंडली में 6वें घर, सूर्य और शुक्र की स्थिति उनके लिए सफलता और भाग्य का आधार बनती है।
मुकेश अंबानी की कुंडली की ग्रह दशा
मुकेश अंबानी की कुंडली में सूर्य छठे भाव में केतु के नक्षत्र में है, जो कि छठे भाव में ही है।मुकेश अंबानी की जन्म कुंडली में केतु के नक्षत्र में चंद्रमा, जो कि छठे भाव में है, दूसरे भाव में है।यद्यपि वह छठे भाव का स्वामी है, परन्तु मंगल सातवें भाव में अपने ही नक्षत्र में है।शुक्र का तारा भी छठे भाव में है, मुकेश अंबानी की कुंडली के छठे भाव में बुध है।बृहस्पति छठे नक्षत्र में है, जो सूर्य है।मुकेश अंबानी की कुंडली में शुक्र छठे भाव में केतु नक्षत्र पर स्थित है, जो उसी भाव में स्थित है।
शनि छठे नक्षत्र बुध में स्थित है।छठी राशि का नक्षत्र केतु है।राहु बृहस्पति के नक्षत्र में है, जो मुकेश अंबानी की जन्म कुंडली में दसवें स्थान पर है।
मुकेश अंबानी की कुंडली में वृश्चिक लग्न और धनु राशि है। उनके दूसरे, छठे और दसवें घर (धन त्रिमूर्ति) में ग्रहों का विशेष संयोग है, जो उन्हें असाधारण सफलता और संपत्ति दिलाता है।
दूसरा भाव नकदी, अचल संपत्ति और अन्य भौतिक संपत्तियों ,छठा भाव प्रतिद्वंद्वियों पर विजय, कड़ी मेहनत और चुनौतियों को पार करने की क्षमता देता है।दसवां भाव पेशेवर सफलता, नाम, और प्रसिद्धि को नियंत्रित करता है।
उनके कुंडली में मंगल 7वें घर में स्थित है और 1 व 6वें घर का स्वामी है, जिससे राज योग और धन योग बनते हैं। ये योग उन्हें प्रतिस्पर्धा में विजयी बनाते हैं और उनके कारोबार को वैश्विक स्तर पर ले जाते हैं। उनके लिए छठा भाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें प्रतिद्वंद्वियों को हराने और कॉर्पोरेट चुनौतियों में सफल होने की ताकत देता है।
मुकेश अंबानी की कुंडली के शुभ योग
मुकेश अंबानी की कुंडली में धन योग और राज योग का विशेष प्रभाव है, जो उनकी असाधारण सफलता और अपार संपत्ति का आधार है।
धन योग: नवम भाव के स्वामी चंद्रमा दूसरे भाव में स्थित है और दूसरे व पांचवें भाव के स्वामी की दृष्टि है। बृहस्पति की शुभ स्थिति ने उनकी वित्तीय सफलता को मजबूत किया है।
छठा भाव: यह प्रतिस्पर्धा, कर्ज और प्रतिद्वंद्विता का प्रतिनिधित्व करता है। छठे भाव में ग्रहों का प्रभाव उन्हें चुनौतियों को पार कर धन अर्जित करने की शक्ति देता है।
राज योग: दूसरे, पांचवें और दसवें भाव के स्वामी का संयोजन और सूर्य की उच्च स्थिति धन और प्रसिद्धि में वृद्धि करती है।
विपरीत राज योग: 12वें भाव का स्वामी शुक्र छठे भाव में और बुध आठवें भाव में स्थित है, जिससे कठिन परिस्थितियों में भी सफलता मिलती है।
साझेदारी और समर्थन: सातवें घर में मंगल और छठे में शुक्र का आदान-प्रदान उन्हें सहयोगियों और विशेषज्ञों का समर्थन दिलाता है।उनकी कुंडली में संयोजन ने न केवल उन्हें अपार धन और प्रतिष्ठा दिलाई है, बल्कि उन्हें विनम्र, बुद्धिमान और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ संबंध बनाए रखने में भी मदद की है। उनकी सफलता भाग्य और कड़ी मेहनत काउदाहरण है।
नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और ज्योतिषीय गणना सोशल मीडिया दिये गए समय पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है।