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Naag Panchami 2022: नाग पंचमी पर बन रहा है विशेष योग, इस मंत्र से दूर होगा काल सर्प दोष

Naag Panchami 2022: नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी हो जाती हैं।हिन्दू धर्म में पौराणिक काल से ही सांपों को देवताओं की तरह पूजा जाता है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 30 July 2022 7:43 PM IST
Nag Panchami 2022
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Nag Panchami 2022 (Image: Newstrack)

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Naag Panchami 2022: हिन्दू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र और भोलेनाथ को समर्पित माना जाता है। इस पवित्र महीने में ही नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है । इस वर्ष नाग पंचमी मंगलवार 2 अगस्त को पड़ रही है। बता दें कि प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही नाग पंचमी मनाई जाती है। ये दिन पूर्ण रूप से नाग देवता को समर्पित माना जाता है।

मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी हो जाती हैं।हिन्दू धर्म में पौराणिक काल से ही सांपों को देवताओं की तरह पूजा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि नाग की पूजा करने से सांपों के डसने का भय समाप्त हो जाता है।

गौरतलब है कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान भोलेनाथ के गले में भी नाग देवता लिपटे रहते हैं। मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आराधना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होने के साथ कई अन्य प्रकार के भी शुभ फलों की भी प्राप्ति होती हैं।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के अनुसार इस वर्ष श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि को मंगलवार दिन व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र व शिव योग मिल रहा है जो अत्यन्त ही शुभ है।इस पंचमी में भगवान शिव व नाग देव की पूजा विशेष रूप से सिद्धिप्रद होता है । इस दिन नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व शास्त्रों के अनुसार बताया गया है।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय

कैसे करें नाग पंचमी की पूजा :

ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के मुताबिक समस्त नाग जाति के प्रति श्रद्धा व सम्मान पूर्वक गोदूग्ध धान का लावा,सफेद पुष्प,धूप इत्यादि से पूजन करना चाहिए। नागपंचमी के दिन अपने दरवाजे के दोनों ओर गोबर से सर्पों की आकृति बनानी चाहिए और धूप, पुष्प आदि से इसकी पूजा करनी चाहिए। इसके बाद इन्द्राणी देवी की पूजा करनी चाहिए। दही, दूध, अक्षत जल पुष्प नेवैद्य आदि से उनकी आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से पूरे वर्ष आपके परिवार में सर्प देवता व भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।

इस मंत्र का जप से दूर होगा कालसर्प दोष

पूजन के पश्चात नाग देवता की प्रसन्नता के लिए निम्न मन्त्र का जप करें- ॐ नवकुल नागाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि ! तन्नो सर्प: प्रचोदयात।पंचमी के दिन जिस जातक के जन्म कुण्डली में कालसर्प दोष/ सर्प श्राप के द्वारा कष्ट प्राप्त हो रहा हो उन्हें चाहिए की भगवान शिव की पूजा के साथ- साथ सर्प देवता की पूजा उपरोक्त मन्त्र के द्वारा करें। जिससे आपको कालसर्प दोष व सर्प श्राप से मुक्ति मिल सकती है।

नागों की उत्पत्ति का क्या है राज़

ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के अनुसार इस पृथ्वी पर नागों की उत्पत्ति कैसे हुई इसका वर्णन हमारे ग्रन्थों में किया गया है। इनमें वासुकि, शेषनाग, तक्षक और कालिया जैसे नाग है। नागों का जन्म ऋषि कश्यप की दो पत्नियों कद्रु और विनता से हुआ था। स्कन्द पुराण के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से सारी मनोकामनाए पूर्ण होती हैं।



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Preeti Mishra

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Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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