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Narak Chaturdashi Mantra in Hindi:टल जायेगा मौत, नरक चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त में करें ये काम और मंत्र जाप,
Narak Chaturdashi Mantra in Hindi: दिवाली से पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी छोटी दिवाली मनाई जाची है। जानते हैं इस दिन का नरक चतुर्दशी मंत्र
Narak Chaturdashi Mantra in Hindi : दिवाली का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला पर्व होता है, जिसमें छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली का खास महत्व होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों दिवालियों का पौराणिक महत्व क्या है?दीपक जला कर यमराज से असमय मृत्यु को टालने के लिए प्रार्थना की जाती है. इसके अलावा इस दिन आलस्य, बुराई और रोगों को दूर करने के लिए कुछ खास मंत्रों का जाप करें।
नरक चतुर्दशी मंत्र जाप
यमाय नम: यमम् तर्पयामि
ॐ यमाय नम:
ॐ धर्मराजाय नम:
ॐ मृत्यवे नम:
ॐ अन्तकाय नम:
ॐ वैवस्वताय नम:
ॐ कालाय नम:
ॐ सर्वभूतक्षयाय नम:
ॐ औदुम्बराय नम:
ॐ दध्राय नम:
ॐ नीलाय नम:
ॐ परमेष्ठिने नम:
ॐ वृकोदराय नम:
ॐ चित्राय नम:
ॐ चित्रगुप्ताय नम:
यमाय धर्मराजाय मृत्यवे चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।
औदुम्बराय दध्नाय नीलाय परमेष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।
छोटी दिवाली: नरकासुर वध की कथा
छोटी दिवाली, जिसे ‘नरक चतुर्दशी’ या ‘रूप चौदस’ के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन की पौराणिक कथा नरकासुर के वध से जुड़ी है। नरकासुर एक अत्याचारी राक्षस था, जिसने स्वर्ग और पृथ्वी पर आतंक मचाया हुआ था। उसने 16,100 कन्याओं को बंदी बना लिया था और उनसे विवाह करने की योजना बनाई थी। भगवान विष्णु ने, कृष्ण के रूप में, नरकासुर का अंत करने का संकल्प लिया। इस युद्ध में भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसा माना जाता है कि सत्यभामा के प्रहार से नरकासुर का वध हुआ और कन्याओं को मुक्त किया गया। इसी उपलक्ष्य में छोटी दिवाली मनाई जाती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
नरक चतुर्दशी यम दीपक का अर्थ
चोमुखी दीपक को यम का दीपक कहते हैं। घर की महिलाएं इस दीपक को दक्षिण दिशा में रखकर यमराज से घर की खुशहाली की प्रार्थना करती हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिशा के स्वामी यम हैं और अगर इस दिशा में यम के नाम का दीपक जलाया जाए तो घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्य निरोगी रहते हैं।
नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त
छोटी दिवाली 30 अक्टूबर 2024 को है। इसी दिन यम का दीपक निकाला जाता है । इसे नरक निवारण चतुर्दशी और रूप चौदस भी कहते हैं।
30 अक्टूबर को दोपहर 01 .15 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 03 .52 मिनट पर होगा।
त्रयोदशी – 01:15 PM तक उसके बाद चतुर्दशी
अभ्यंग स्नान मुहूर्त: सुबह 05:43 से 06:52 तक
अभ्यंग स्नान में चंद्रोदय: सुबह 05:43
अमृत काल - 02:56 PM से 04:44 PM
ब्रह्म मुहूर्त - 04:59 AM से 05:47 AM।
विजय मुहूर्त: दोपहर 01:53 से 02:36 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:30 से 05:56 तक।
अमृत काल : शाम 06:57 से 08:39 तक।
निशीथ पूजा मुहूर्त : रात्रि 11:39 से 12:32 तक।
शुभ चौघड़िया
लाभ 06:35 AM 07:59 AM
अमृत 07:59 AM 09:22 AM
शुभ 10:46 AM 12:10 PM
चर 14:58 PM 16:22 PM
लाभ 16:22 PM 17:45 PM
नरक चतुर्दशी पर खास संयोग
सर्वार्थ सिद्धि योग 06:05 AM से 09:43 PM
नरक चतुर्दशी के नियम
इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके माथे पर तिलक लगाना चाहिए।
नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम का दीपक जलाना, जो इस दिन यम की पूजा करता है, उसे शुभ माना जाता है और अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है।
इस दिन से स्नान से पूर्व अपने पूरे शरीर पर तेल से मालिश करें। ऐसा कहा जाता है कि चतुर्दशी को तेल में देवी लक्ष्मी का वास होता है और देवी की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करना शुभ माना जाता है और इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
इस दिन घर के अलग-अलग हिस्सों में 14 दीपक जलाकर रखे जाते हैं।