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Narasimha Jayanti 2022 date-time: कब है नरसिंह जयंती, कौन है भगवान नरसिम्हा, जानिए इनसे जुड़ी कथा-महत्व

Narasimha Jayanti 2022 date-time: वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती मनाई जाती है। इस बार 14 मई केदिन नरसिंह जयंती है। इस दिन भगवान विष्णु ने आधा नर और आधा सिंह का अवतार लिया था। भगवान विष्णु के12 अवतारों में एक है नरसिंह भगवान।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 12 May 2022 11:02 AM IST (Updated on: 12 May 2022 11:42 AM IST)
Narasimha Jayanti 2022
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Narasimha Jayanti 2022 Date-Time

नरसिंह जयंती 2022

वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती मनाई जाती है। इस बार 14 मई केदिन नरसिंह जयंती है। इस दिन भगवान विष्णु ने आधा नर और आधा सिंह का अवतार लिया था। भगवान विष्णु के12 अवतारों में एक है नरसिंह भगवान। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ शिव की पूजा भी चौमुखी दीपक के साथ करने से भगवान नरसिंह प्रसन्न होते हैं और हर कष्ट से निजात दिलाते हैं।

नरसिंह जयंती शुभ मुहूर्त

इस दिन चतुर्दशी तिथि का आरंभ 14 मई 2022, शनिवार दोपहर 03:23 बजे व समाप्त तिथि 15 मई 2022, रविवार दोपहर 12:46 बजे। पूजा मुहूर्त का समय सुबह 10.57 मिनट से दोपहर 01 .40 मिनट तक व शाम 04 . 22 मिनट से शाम 07 . 04 मिनट तक है।

इसके अलावा अभिजीत काल - 11:57 AM से 12:49 PM

अमृत काल - 11:25 AM से 12:56 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:14 AM से 05:02 AM

इस दिन चित्रा 05:28 PM तक उसके बाद स्वाती और दो योग सिद्धि 03:41 PM से 14 मई 12:59 PM व्यातीपात में किए गए पूजा का शुभ फल मिलेगा।सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। इस समय भी पूजा के लिए शुभ है।

नरसिंह जयंती पूजा विधि

इस दिन भगवान नरसिंह की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर करनी चाहिए। फिर उन्हें साफ कपड़े पहनाने चाहिए और भगवान नरसिंह की पूजा करनी चाहिए। देवी लक्ष्मी की मूर्ति को भगवान नरसिंह के साथ रखना चाहिए। फल, फूल, पांच मिठाइयां, कुमकुम, केसर, नारियल, चावल, गंगा जल आदि भगवान की पूजा करें। भगवान नरसिंह को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति को एकांत में बैठना चाहिए और रुद्राक्ष की माला से नरसिंह मंत्र का पाठ करना चाहिए। व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन तिल, सोना, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए।

नरसिंह चतुर्दशी महत्व

इस दिन भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए नरसिंह का अवतार लिया था क्योंकि हिरण्यकश्यप को वरदान प्राप्त था कि उसे कोई भी नर या पशु अस्त्र-शस्त्र दिन या रात, घर के अंदर या घर के बाहर, न जमीन न आसमान में मार सकता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लिया था और वह खंबा फाड़कर प्रकट हुए थे। उन्होंने घर की दहलीज पर अपने दोनों पैरों पर लेटा कर व अपने नाखूनों से हिरण्यकश्यप का वध किया था।

नरसिंह जयंती पर इन मंत्रों का जाप

नरसिंह जयंती के दिन पूजा करते समय कुछ मंत्रों का जाप करने से मनोवांछित फल मिलता है।

ॐ देशद्रंण वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम् मैं
नृसिंह मृत्युं भी नृमं मृत्युं नमाम्इम् II
ॐ नृम नृम नृम नर सिंहाय नमः।

इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति सभी समस्याओं से मुक्त हो जाता है और भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त होती है।

नृसिंह जयंती कथा

पौराणिक क​था के अनुसार, भाई हिरण्याक्ष का वध होने से हिरण्यकश्यप देवताओं से नाराज हो गया था और वह भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानने लगा था। उसने अपने कठोर तप से अजेय होने जैसा वरदान प्राप्त कर लिया था। उसे वरदान प्राप्त था कि उसे कोई नर या पशु नहीं मार सकता है। उसे घर में या बाहर, जमीन पर या आसमान में नहीं मारा जा सकता है। उसे अस्त्र या शस्त्र से, दिन या रात में भी नहीं मारा जा सकता है। इसे वरदान के कारण वह स्वयं को ही भगवान समझने लगा और तीनों लोकों पर अत्याचार करने लगा। उसका आतंक इतना बढ़ गया था कि देवता भी भय खाने लगे थे। सभी देवताओं ने भगवान विष्णु से इस संकट से उबारने की प्रार्थना की. तब उन्होंने उनको हिरण्यकश्यप के अत्याचार से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया।

हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद बचपन से ही विष्णु भक्त था। वह असुरों के बच्चों को भी विष्णु भक्ति के लिर प्रेरित करता था। जब इस बात की पता हिरण्यकश्यप को चली तो उसने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति छोड़ने को कहा। उसके मना करने पर हिरण्यकश्यप नाराज हो गया और अपने बेटे को कई प्रकार की यातनाएं दीं।

एक दिन उसने प्रह्लाद को समझाने के लिए राज दरबार में बुलाया। हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रह्लाद से कहा कि विष्णु भक्ति छोड़ दे, लेकिन प्रह्लाद नहीं माना। फिर हिरण्यकश्यप अपने सिंहासन से क्रोध में उठा और कहा कि यदि तुम्हारे भगवान हर जगह मौजूद हैं, तो इस खंभे में क्यों नहीं हैं? उसने उस खंभे पर प्रहार किया।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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