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Navratri Ashtami Navami Maha Upay: मां दुर्गा जाते-जाते दे जाएंगी सुख-समृद्धि का वरदान,नवरात्रि में इन 2 दिन जरूर करें ये महा उपाय
Navratri Ashtami Navami Maha Upay: शारदीय नवरात्रि के 9 दिन खास होते हैं। इन 9 दिनों में आखिरी 2 दिन अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार इस तिथि पर मां दुर्गा ने श्री राम चंद्र जी को मनोरथपूर्ण करने का वरदान दिया था। अगर आप भी 2 दिनों में विशेष काम करते हैं तो आपकी हर इच्छा पूरी होगी।
Navratri Ashtami Navami Maha Upay
नवरात्रि में अष्टमी-नवमी को करें ये महा उपाय
शारदीय नवरात्रि के दो दिन अष्टमी और नवमी तिथि है । इन दो दिनों में मां दुर्गा महागौरी और मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है और हवन आदि कन्या पूजन के साथ मां दुर्गा की विदाई की जाती है। साथ ही दसवें दिन रावण दहन और दशहरा मनाया जाता है। वैसे तो नवरात्रि में ज्यादातर घरों में मां दुर्गा का आहवान किया जाता है। व्रत उपवास से मां आदिशक्ति को प्रसन्न किया जाता है। लेकिन किसी कारणवश नवरात्रि में पूजा व्रत नही कर पाये तो नवरात्रि का आखिरी दो दिन भी आप मां आदिशक्ति को प्रसन्न कर सकते है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि का चाहे कोई भी दिन हो कुछ सरल उपाय से जीवन सुखमय होता है। ये उपाय जल्दी ही शुभ फल प्रदान करते हैं।
अगर आपकी चाहत भी है तो कि इस नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा बरसे तो आप अष्टमी और नवमी के दिन धन, संतान, प्रमोशन, विवाह, रुके हुए कामों को जल्द पूरा कराने के लिए ये उपायों करें। अगर आपके मन में भी कोई मनोकामना है, तो वह अवश्य पूरी होगी।
अष्टमी नवमी तिथि को आप राहुकाल को छोड़कर किसी भी समय इन उपायों को कर सकते हैं लाभ होगा। साथ ही अमृतकाल अभिजीत मुहूर्त में किया गया काम सर्वसिद्धकारी होता है।
नवरात्रि में अष्टमी-नवमी को करें ये उपाय
- आप मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनायें और घर के मेन दरवाजे पर तोरण अगर प्रथमा को नहीं लगा पाए तो इन 8वी-9वीं तिथि को लगा सकते हैं। इस लगाने से मां दुर्गा की कृपा बरसती है।
- आप हनुमान मंदिर में जाकर पान चढ़ाएं। ये कार्य जिस भी मनोकामना के लिए करेंगे वह जरूर पूरी होगी।
- किसी भी तरह की बीमारी ठीक करने के लिए देवी मां के सामने नौ दिन अखंड ज्योत जलाना चाहिए और यदि ऐसा न कर सकें तो भी अष्टमी और नवमी को संकल्प करें मां को 24 घंटें का घी का दीया जलाएं और उस दीपक में 4 लौंग डाल दें। मनोकामना पूरी होगी।
- वैवाहिक रिश्ता जोड़ना हो या संतान की चाहत नवरात्रि में अष्टमी -नवमी तिथि को सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर देवी को भोग लगाएं और बाद में उसे प्रसाद स्वरुप खा लें।
- सुख और ऐश्वर्य का आशीर्वाद चाहिए तो देवी मां को इलायची और मिश्री का भोग लगाएं। नवरात्रि में लाल आसन पर बैठकर संध्याकाल में जो जातक विष्णु सहस्रनाम तथा ललिता सहस्रनाम का पाठ करता है।
- नवरात्रि में नौ कन्याओं को हर दिन भोजन कराएं और उनकी पूजा कर उन्हें दक्षिणा भेंट करें। ये उपाय आपके घर-परिवार पर आने वाले हर सकंट को हर लेगा और आपके घर में सुख-शांति का वास होगा।
- नवरात्र में घर में सोने (Gold) या चांदी (Silver) की कोई भी शुभ सामग्री जैसे, स्वास्तिक, ॐ, श्री, हाथी, कलश,दीपक, गरूड़ घंटी, पात्र, कमल, श्रीयंत्र,आचमनी, मुकुट, त्रिशूल आदि खरीद लें और इसे देवी के चरणों मे समर्पित कर दें और नवरात्रि के अंतिम दिन उस सामग्री को गुलाबी कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। यह उपाय आपके घर में धन वर्षा करा देगा।
- यदि लाख कोशिशों के बाद भी आपका कर्ज से पीछा नहीं छूट रहा, तो नवरात्र में सूर्य डूबने के पश्चात 21 गुलाब के फूल, सवा किलो साबूत लाल मसूर लाल कपड़े में बांधकर माता के सामने रखकर घी का दीपक जलाकर रोज़ाना 108 बार यह मंत्र पढ़ें- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे'।
- पूजा समाप्त होने के बाद अपने ऊपर सात बार उतारें व किसी को भी दान कर दें। साथ ही माता से कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपको अवश्य कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
- अपने जीवन के दुर्भाग्य को दूर करने के लिए दुर्गा अष्टमी की रात में अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रात 12 बजे गाय के घी का एक दीपक जलाएं।
अष्टमी-नवमी को इन चीजों का रखें ख्याल
- नवरात्रि अगर 9 दिन व्रत नहीं रख पाए तो आपको लहसुन, प्याज और मांस- मच्छली का सेवन करने से परहेज करना होगा।
- यदि कोई व्यक्ति व्रत नहीं भी रख रहा है तब भी उसके लिए बनने वाला भोजन सात्विक हो। 9 दिनों तक घर में छौंक का प्रयोग न करें।
- मां दुर्गा की पूजा करने के दौरान काले रंग के कपड़े न पहने। व्रत रखने वाले व्यक्ति को चप्पल, जूते और बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- अष्टमी के व्रत रखने वालों को इस दिन नहीं सोना चाहिए और अनाज व नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करते वक्त किसी से भी बात नहीं करना चाहिए। ऐसे करने से आपकी पूजा को अधूरा ही माना जाएगा।