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Navratri Me Graho Ke Dushprabhav Se Bachne Ke Upay: नवरात्रि में करें उपाय, क्रूर ग्रहों का आप असर होगा कम
Navratri Me Graho Ke Dushprabhav Se Bachne Ke Upay: बता दें कि प्रत्येक ग्रह के लिए मां दुर्गा के अलग रूप की पूजा होती है। नव दुर्गा शक्ति के नौ रूपों का ही नाम है। इनकी साधना से ग्रह पीड़ा से भी निजात मिलती है।
Navratri Me Graho Ke Dushprabhav Se Bachne Ke Upay ( ग्रहों के दुष्प्रभाव से नवरात्रि में बचने के उपाय)
7 अक्टूबर से शुरू हो रही नवरात्रि ( Navratri ) में शक्ति का रूप मानी जानी वाली मां दुर्गा के नौ रूपों की साधना की जाती है। इनमें पहले नवरात्रि पर मां शैलपुत्री तो दूसरे नवरात्रि में मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे में माता चंद्रघंटा तो चौथे नवरात्र पर मां कुष्मांडा, पांचवें नवरात्रि में स्कंदमाता तो छठे नवरात्रि पर कात्यायनी माता की पूजा की जाती है। सातवें, आठवें और नवें नवरात्रि में क्रमश मां कालरात्रि, मां महागौरी एवं माता सिद्धिदात्रि का पूजन किया जाता है। जब नवग्रह शांति के लिये पूजन किया जाता है तो इस क्रम में बदलाव हो जाता है। प्रत्येक ग्रह की माता अलग होती है। किस नवरात्रि को होती है किस ग्रह की पूजा होगी । नव दुर्गा शक्ति के नौ रूपों का ही नाम है। इनकी साधना से ग्रह पीड़ा से भी निजात मिलती है।
इसलिए इस नवरात्रि आप भी देवी दुर्गा की साधना करके बच सकते हैं ग्रहों के दुष्प्रभाव से। जानिए आचार्य कौशलेन्द्र पाण्डेय के अनुसार-नवग्रह को नवरात्रि में कैसे ठीक किया जाए
मात्र दुर्गा सप्तशती का पाठ कर लेने से व्यक्ति का त्रिविध ताप संताप नष्ट हो जाता है जिसमे बताया गया है की तीनो लोकों के कल्याण के लिए किस तरह देवी दुर्गा माँ का अवतरण हुआ है और क्यों देवी माँ दुर्गा की ही आराधना से सभी मुख्य देवी देवताओ का आशीष साधक को प्राप्त होता है तो क्यों न होगा दोष शान्त या ग्रह शान्त क्योंकि नौ ग्रहो के तीन मुख्य रूप से स्वामी जिसने सात ग्रह के अधिष्ठात्र शिव परिवार और एक ग्रह के विष्णु और एक ग्रह की देवी है और जिससे चलती है पूरी ग्रहों की चाल।
- नवरात्रि में जिनके सूर्य कमजोर हो तो उनको प्रसन्नता के लिए शैलपुत्री की उपासना करनी चाहिए। इससे लाभ मिलेगा |
- नवरात्रि में चन्द्रमा के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए मां कुष्मांडा देवी पूजा करें राहत मिलेगी।
- नवरात्रि में मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए स्कन्द माता की पूजा करें आराम मिलेगा।
- बुध ग्रह कि शांति तथा अर्थव्यस्था के उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए कात्यायनी देवी की पूजा करें
- नवरात्रि में गुरु कि अनुकूलता के लिए महागौरी की पूजा करेंगे तो लाभ मिलेगा।
- नवरात्रि में शुक्र के शुभत्व के लिए सिद्धिदात्री का पूजा करेंगे तो अच्छा रहेगा।
- शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शुभता पाने के लिए नवरात्रि में कालरात्रि उपासना से लाभ मिलेगा |
- नवरात्रि में राहु कि महादशा या नीचस्थ राहु होने पर ब्रह्माचारिणी कि उपासना से शक्ति मिलती है |
- नवरात्रि में केतु के विपरीत प्रभाव को दूर करने के लिए चन्द्रघंटा कि साधना अनुकूलता देती है |...
नवरात्रि में भी जिस ग्रह की शांति के लिये पूजा की जाती है। उसके बीज मंत्रों का जाप कर संबंधित ग्रह के कवच एवं अष्टोत्तरशतनाम का पाठ भी करें। नवरात्रि के पश्चात दशमी के दिन यंत्र की पूजा कर इसे पूजा स्थल में स्थापित करना चाहिये व नियमित रूप से इसकी पूजा करनी चाहिये। ग्रहों की शांति के लिए यह विशेष पूजा किसी विद्वान ज्योतिषाचार्य से ही करवानी चाहिए।