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Om Chanting: केवल 5 मिनट “ॐ” का उच्चारण करने के लाभ
Om Chanting: ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है
Om Chanting:ॐ अर्थात् ओउम् तीन अक्षरों से बना एकाक्षरी मंत्र है, जो सर्वविदित है- अ उ म् । “अ” का अर्थ है उत्पन्न होना, “उ” का तात्पर्य है उठना, अर्थात् विकास, “म” का अर्थ है मौन हो जाना, अर्थात् “ब्रह्मलीन” हो जाना।ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है। ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है। ॐ कैसे स्वास्थ्यवर्द्धक है और आरोग्य के लिए मात्र ॐ के उच्चारण का मार्ग…इस मंत्र का प्रारंभ है, अंत नहीं। यह ब्रह्मांड की अनाहत ध्वनि है। अनाहत, अर्थात यह किसी भी प्रकार की टकराहट या दो चीजों अथवा हाथों के संयोग से उत्पन्न ध्वनि नहीं है। इसे अनहद नाद भी कहते हैं। संपूर्ण ब्रह्मांड में यह अनवरत जारी है।
उच्चारण विधि:
प्रातः दिनचर्या से निवृत्त-पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें। ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर सकते हैं। इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। ॐ जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे बोल सकते हैं। ॐ जप माला से भी कर सकते हैं।
ॐ के उच्चारण से लाभ
1. अनेक बार ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
2. अगर घबराहट या अधीरता हो रही है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
3. यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण शरीर में पैदा होने वाले रसायनों पर नियंत्रण करता है।
4. यह हृदयगति और रक्त के प्रवाह को संतुलित रखता है।
5. इससे पाचन शक्ति तीव्र होती है।
6. इससे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है।
7. थकान मिटाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
8. नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसका उच्चारण करने से निश्चिंत नींद आएगी।
9. कुछ विशेष योग-प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मजबूती आती है।
10. ॐ का उच्चारण करने से मस्तिष्क में कंपन पैदा होता है। इस कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
11. ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होता है जो कि थायरायड ग्रंथि पर प्रभाव डालता है।