×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Om Mantra Ki Shakti: अनंत शक्ति का प्रतीक 'ऊं', जाप मात्र से होता है चमत्कार, जानिए इससे जुड़े रहस्य

Om Mantra Ki Shakti: शिव के निराकार स्वरूप का प्रतीक ॐ के तीन तत्व हैं अ, उ और म, जिन्हें वेद से लिया गया है। यह तीन वर्ण परम ब्रह्म को दर्शाते हैं। अगर आप ॐ ध्वनि की प्रकृति पर ध्यान दें, तो आपको पता चलेगा कि यह तभी उत्पन्न होती है जब कोई दो वस्तुएं आपस में टकराती हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 25 Jan 2022 10:54 AM IST
Om Mantra Ki Shakti & Arth
X

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Om Mantra Ki Shakti & Arth

ॐ मंत्र की शक्ति और अर्थ : ॐ मंत्र (Om Mantra) से तो हम सभी परिचित हैं, हिंदुओं का सबसे पवित्र शब्द ॐ है।ओम सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं बल्कि अनन्त शक्ति का प्रतीक है। 'ॐ' शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है..अ उ और म। अ का मतलब होता है उत्पन्न होना, उ का मतलब होता है उठना यानी विकास और म का मतलब होता है मौन हो जाना यानी कि ब्रह्मलीन हो जाना। ओंकार का अर्थ प्रणव है। यह ईश्वर का वाचक है। ईश्वर ( God) के साथ ओंकार का वाच्य-वाचक-भाव सम्बन्ध नित्य है, सांकेतिक नहीं। इन मन्त्रों के वाच्य आत्मा के देवता रूप में प्रसिद्ध हैं।

ॐ' को दुनिया (World) के सभी मंत्रों का सार कहा गया है। यह उच्चारण के साथ ही शरीर पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ती है। भारतीय सभ्यता के प्रारंभ से ही ओंकार ध्वनि के महत्त्व से सभी परिचित रहे हैं। पांच अवयव- 'अ' से अकार, 'उ' से उकार एवं 'म' से मकार, 'नाद' और 'बिंदु' इन पांचों को मिलाकर 'ओम' एकाक्षरी मंत्र बनता है।

लेकिन क्या इसके लाभ भी जानते हैं? हैरानी वाली बात है कि आप अपनी जीभ हिलाए बिना ॐ का उच्चारण कर सकते हैं। शिव के निराकार स्वरूप का प्रतीक ॐ के तीन तत्व हैं अ, उ और म, जिन्हें वेद से लिया गया है। यह तीन वर्ण परम ब्रह्म को दर्शाते हैं। अगर आप ॐ ध्वनि की प्रकृति पर ध्यान दें, तो आपको पता चलेगा कि यह तभी उत्पन्न होती है जब कोई दो वस्तुएं आपस में टकराती हैं।

ॐ का ओ; अ और उ से मिलकर बनता है। यह ध्वनि वक्ष पिंजर को कंपित करती है, जो हमारे फेफड़े में भरी हवा के साथ सम्पर्क में आता है, जिससे ऐलवीलस की मेम्ब्रेन की कंपन करने लगती है। यह प्रक्रिया फेफड़े की कोशिकाओं को उत्तेजित करती है, जिससे फेफड़े में श्वास उचित मात्रा में आती जाती रहती है।

ओम प्रतीक है परब्रह्म

ओम् (ॐ) परमपिता परमात्मा का वेदोक्त एवं शास्त्रोक्त नाम है। समस्त वेद-शास्त्र ओम् की ही उपासना करते हैं। अत: ओम् का ज्ञान ही सर्वोत्कृष्ट ज्ञान है। ईश्वर के सभी स्वरूपों की उपासना के मंत्र ओम से ही प्रारंभ होते हैं। ऊँ के उच्चारण में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान छिपा है। कहा जाता है कि ऊँ के जाप से परमपिता परमेश्वर प्रसन्न होते हैं क्योंकि ऊँ ईश्वर के सभी रूपों का संयुक्त रूप है। इस चमत्कारी शब्द में इतनी शक्ति है कि केवल इसके जाप से ईश्वर को पाया जा सकता है।। ऊँ शब्द में पूरी सृष्टि समाई हुई है।

ओम मंत्र कैसे सिद्ध करें

जिस मंत्र की साधना करनी हो पहले विधिपूर्वक जितना हर रोज जप सकें उतना प्रतिदिन जप कर सवा लाख बार जप पूरा कर मंत्र साधना करें। फिर जिस कार्य को करना चाहते हैं 108 बार या 21 बार जैसा मंत्र में लिखा हो- उतनी बार जप करने से कार्य सिद्ध होता है। मंत्र शुद्ध अवस्था में जपना चाहिए। भोजन भी शुद्ध खाना चाहिए।

ओम किसका मंत्र है?

सुबह और रात का समय शास्त्रों के अनुसार दिन के चौबीस घंटों में से कुछ घंटों का समय ऐसा होता है जब ईश्वरीय शक्ति अपने चरम पर होती है।इस समय में किया गया जाप, पाठ, आराधना अधिक फलित होते हैं.। इसलिए ॐ का जाप भी सुबह जल्दी और रात सोने से पहले करना चाहिए ताकि इसका पूरा फायदा आपको मिल सके।

ओम सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं, बल्कि अनन्त शक्ति का प्रतीक है, ॐ) शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है।अ उ म. अ का मतलब होता है उत्पन्न होना, उ का मतलब होता है उठना यानी विकास और म का मतलब होता है मौन हो जाना यानी कि ब्रह्मलीन हो जाना। ॐ शब्द के उच्चारण से कई शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक लाभ मिलते हैं।

ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो कि थायरायड ग्रन्थि पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। ॐ के उच्चारण से हार्ट की समस्याएं और पाचन तंत्र दोनों ही ठीक रहता है। नींद ना आने की समस्या दूर हो जाती है। इसलिए बेड पर जाते ही ॐ का उच्चारण करना चाहिए।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)


  • नियमित ॐ का मनन करने से पूरे शरीर को विश्राम मिलता है और हार्मोन तंत्र नियंत्रित होता है।
  • ॐ के अतिरिक्त चिंता और क्रोध पर नियंत्रण पाने का इससे सरल मार्ग दूसरा नहीं है 3. ॐ का उच्चारण प्रदूषित वातावरण में यह पूरे शरीर को विष मुक्त करता है।
  • ॐ के उच्चारण से यौवन और चेहरे पर कांति आती है।
  • अनिद्रा रोग से छुटकारा पाने में ॐ का बहुत महत्व है। सोते समय इसका नियमित मनन करें।
  • थोड़े से प्रयास में ॐ की शक्ति आपके फेफड़ों और श्वसन तंत्र को सुदृढ़ बनाना है।
  • शांत स्थान पर आरामदायक स्थिति में बैठिए।
  • आंखें बंद करके शरीर और नसों में ढीला छोड़िए।
  • कुछ लंबी सांसें लीजिए।
  • ॐ मंत्र का जाप करिए और इसके कंपन महसूस कीजिए।
  • आराम महसूस होने तक ॐ मंत्र का जाप करते रहिए।
  • चित्त के पूरी तरह शांत होने पर अपनी आंखें खोलिए।

यदि सही प्रकार से पूर्ण ध्यान लगाकर ॐ का जाप किया जाए तो इससे आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि नियमित रूप से ॐ का जाप करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। नियमित तौर पर ॐ का उच्चारण व जाप करने से तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story