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Paap Aur Punya Kya Hai: पाप पतन की ओर ले जाता है

Paap Aur Punya Kya Hai: पशु तो अपने कर्मों का फल भोगकर मनुष्य-योनि की तरफ आ रहें हैं, पर मनुष्य नये-नये पाप करके पशुयोनि से भी नीचे (नरकों में) जा रहें हैं।

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Newstrack Network
Published on: 5 Dec 2023 7:01 PM IST
Sin leads to the fall
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पाप पतन की ओर ले जाता है: Photo- Social Media

Paap Aur Punya Kya Hai: पशु तो अपने कर्मों का फल भोगकर मनुष्य-योनि की तरफ आ रहें हैं, पर मनुष्य नये-नये पाप करके पशुयोनि से भी नीचे (नरकों में) जा रहें हैं। मनुष्य होकर भी अपने विवेक का आदर न करने से जैसा पतन होता है, वैसा पतन पशु का भी नहीं होता ! झूठ, कपट, बेईमानी, धोखेबाजी, अन्याय, हिंसा आदि पाप मनुष्य ही करता है, पशु नहीं करते।

पशु नये पाप नहीं करते, प्रत्युत पूर्वजन्म में किये गये पापों का ही फल भोगकर उन्नति की ओर जाते हैं, पर मनुष्य सुख-लोलुपता के कारण नये-नये पाप करके पतन की ओर जाता है । अपने विवेक को वह नये-नये पापों की खोज करने में ही लगा देता है । भोगासक्ति के कारण उसका विवेक इन्द्रियों के भोग तक ही सीमित रहता है, उससे ऊँचा नहीं उठता :-

कामोपभोगपरमा एतावदिति निश्चिताः

( गीता १६ | ११ ) |

इस प्रकार पशु तो अपने कर्मों का फल भोगकर मनुष्य-योनि की तरफ आते हैं, पर मनुष्य नये-नये पाप करके पशुयोनि से भी नीचे { नरकों में } चले जाते हैं और जा रहे हैं !

इसलिये ऐसे मनुष्य के संग को नरकवास से भी बुरा कहा गया है :-

बरु भल बास नरक कर ताता |

दुष्ट संग जनि देइ बिधाता ||

( मानस ५ | ४६ | ४ )

कारण कि नरकों में तो पाप नष्ट होकर शुद्धि आती है, पर दुष्टों के संग से अशुद्धि आती है, पाप बनते हैं |

(लेखक-पंडित संकठा द्विवेदी' प्रख्यात धर्म विद् हैं।)

Shashi kant gautam

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