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आपके भाग्य में संतान सुख है कि नहीं, बताती है संतान रेखाएं, जानिए कैसे?
जयपुर:चाहे हमारे पास कितनी भी धन दौलत हो जाए, लेकिन जिस घर में संतान की किलकारी नहीं गुंजती वो घर अभाग्य का प्रतीक बनता है। भाग्य में संतान सुख है इसका प्रमाण ज्योतिष के अनुसार कई चीजों में होता है। जैसे कुंडली या हस्त रेखाओं में। हाथ की संतान रेखा भाग्य में संतान सुख की एक बेहद अहम निशानी है। संतान रेखाएं ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती हैं। बुध पर्वत यानी छोटी अंगुली के ठीक नीचे के भाग में विवाह रेखा होती है|। यहीं मौजूद और खड़ी रेखाएं संतान रेखा कहलाती हैं। संतान प्राप्ति के योगों को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती हैं जैसे मणिबंध रेखा, अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली छोटी रेखा। प्रत्येक व्यक्ति संतान को लेकर चिंतित भी रहता है। जानते है किसके भाग्य में संतान सुख हा किसके नहीं..
यदि संतान रेखा स्पष्ट है तो इसका अर्थ है संतान अच्छी और माता-पिता का सम्मान करने वाली होगी।अगर अस्पष्ट और टूटी संतान रेखाएं हों तो यह बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।
इसके अलावा व्यक्ति के संतान योग को मणिबंध रेखाएं भी प्रभावित करती हैं। यदि पहली मणिबंध रेखा का झुकाव कलाई की तरफ है और वह हथेली में प्रविष्ट होती दिखे तो इसका अर्थ है जातक को संतान प्राप्ति में दुख होंगे।
हाथ में विवाह रेखा के ऊपर अगर कोई सीधी खड़ी रेखा बनती है तो इसका मतलब होता है कि होने वाली संतान पुत्र होगा। वहीं अगर विवाह रेखा के ऊपर तिरछी कमजोर रेखा बनती है तो इसका अर्थ होता हैं होने वाली संतान पुत्री होगी।
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अगर किसी के हाथ में संतान रेखा साफ साफ स्पष्ट दिख रही है तो ऐसे व्यक्ति अपने बच्चे को बहुत प्यार करने वाली होता है ऐसा व्यक्ति स्वभाव से बहुत ही केयरिंग और स्नेही होता है।
किसी भी दंपत्ती को अगर यह जानना है कि उनके जीवन में संतान सुख है कि नहीं तो उनकी हस्तरेखा को देख कर इस बात का पता लगाया जा सकता है। इस रेखा को देख कर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि आने वाले भविष्य में संतान सुख मिलेगा की नहीं और साथ ही इस बात का पता लगाया जा सकता है कि बेटा होगा की बेटी।
अगर किसी के हाथ में विवाह रेखा के पास पतले हिस्से में अगर कोई द्वीप बन रहा है जो आगे चल कर स्पष्ट हो रहा है तो संतान जन्म के समय थोडी कमजोर होती है लेकिन बाद में स्वस्थ्य हो जाती है।अगर किसी के हाथ में संतान रेखा के आखिरी में कोई द्वीप का निशान बन रहा है तो ऐसे में पैदा हुए बच्चे का जीवित रहना मुश्किल होता है।