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Pandit Pradeep Mishra Shiv Puran ke Upay:जानिए पंडित प्रदीप मिश्रा के बताए चमत्कारी उपाय जो देते हैं हर रोग-दोष से मुक्ति

Pandit Pradeep Mishra Shiv Puran ke Upay: शिव पुराण में कई उपाय बताए जाते हैं,जिनको जीवन में आजमाने से सफलता हासिल होती है।जानते है पंडित प्रदीप मिश्रा के बताए शिव पुराण के उपाय...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 30 July 2024 10:08 AM IST
Pandit Pradeep Mishra Shiv Puran ke Upay:जानिए पंडित प्रदीप मिश्रा के बताए चमत्कारी उपाय जो देते हैं हर रोग-दोष से मुक्ति
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Pandit Pradeep Mishra Ke Upay: आए दिन जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते रहते है। इनसे बचने के लिए हम धार्मिक उपाय का सहारा लेते है। सावन मास चल रहा है अगर इस मास में कुछ उपाय शिव पुराण के अनुसार करें तो वे पूरी होते है, इन उपायों से आप हर काम की बाधा दूर कर सकते हैं। अगर आपको इस बारे में नही पता है तो आप पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कथाओँ में बताए उपाय को कर सकते है। वे अपनी कथाओं के दौरान शिव पुराण के छोटे छोटे उपाय भी बताते हैं जिससे जीवन के संकट दूर होकर सुख, शांति और समृद्धि आए।जानते है वे उपाय जो आपके जीवन की दिशा और दशा में सकारात्मक बदलाव ला सकते है।

चमत्कारी उपाय जो देंगे हर कष्ट से छुटकारा- पंडित प्रदीप मिश्रा जी

जिंदगी में खुशहाली के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा जी के ये उपाय अगर आजमाएं जाये तो ये उपाय कारगर है...जानते है

यदि कोई काम नहीं बन रहा है। हर दिन परेशानी बढ़ रही है। सावन माह में हर दिन या जिस दिन सोमवार और अष्टमी हो तो उस दिन 31 मूंग के दाने, 31 चावल के दाने और 31 बेलपत्र लेकर शिव मंदिर जाएं। अपनी मनोकामना बोलकर चावल को शिवजी के मंदिर की दहलीज पर रख दो। ऐसा रखो कि किसी का पैर नहीं लगे।
मूंग के दाने को नंदी भगवान के उस पैर के पास रखो जो उनका पैर ऊंचा रहता है। 31 बेलपत्र जलाधारी में जहां से जल निकता है उससे अशोक सुंदरी का स्थान कहते हैं। वहां पर उन बेलपत्रों को रख दो। अगली सोमवार की अष्टमी तक आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी।

अगर किसी के जीवन में कर्ज की अधिकता है या मंगलवार और बुधवार को कर्ज नही लेने चाहिए। ऋण से मुक्ति पाने के लिए मंगलवार को भगवान शिव को मसूर की दाल चढ़ाते हुए ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।

समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रदोष के दिन प्रदोष काल में 2 जगहों पर दीपक लगाना प्रारंभ कर दें। पहला दीया बेलपत्री के वृक्ष के नीचे और दूसरे दीया अपने दरवाजे की चौखट के बाहर उस ओर जब हम घर में प्रवेश करें तो राइट हैंड पर लगाएं। दोनों ही जगह शिवजी से प्रार्थना करें कि हे नंदीश्वर आप जब भी प्रदोष काल में भ्रमण पर निकलें तो मैंने भी आपके लिए द्वार सजाया है। थोड़ी दया मेरे घर की चौखट पर भी कर देना।

किसी भी सोमवार, अष्टमी और शिवरात्रि पर गंभीर बीमारी से मुक्ति पाने के लिए शमी के फूल को नीलकंठेश्वर महादेव का नाम लेकर शिवलिंग पर अर्पित कर दें। इसके अलावा गाय का घी अर्पित कर दें। पांच कमलगट्टे और पांच बेलपत्र तांबे के लोटे में जलभरकर रख लें। सीधे हाथ में उस लोटे को रखो।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं इस मंत्र का पांच बार स्मरण करके लोटे को माथे से लगाकर अपनी तकलीफ को मन में रखकर इस लौटे को अपने गांव, नगर आदि से दूर एकांत में जहां पर शिव मंदिर हो या किसी वृक्ष के नीचे शिवलिंग हो वहां पर उस शिवलिंग पर यह जल कमलगट्टे और बेलपत्र सहित अर्पित कर दें। उसमें से एक कमलगट्टे और बेलपत्र को उठाकर अपने घर पर लेकर आ जाओ और उसे पूजा घर में रखकर शिवजी का स्मरण करो।

शुक्रवार के दिन एक तांबे के लोटे में जल भरें। एक आंकड़े का फूल लें। दोनों को लेकर शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर सबसे पहले तांबे के लोटे का जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जप करें। इसके बाद आंकड़े के फूल को जलाधारी में अशोक सुंदरी वाले स्थान पर अर्पित कर देना हैं। इसके अलावा यही प्रयोग एक शमी का पत्ता लेकर भी कर सकते है। शमी के पत्ते को पहले शिवलिंग के पास अर्पित करें और फिर उसी पत्ते को उठाकर शिवलिंग के उपर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र बोलते हुए अर्पित कर दें।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पूजन करें तो। शमी वृक्ष के पत्तों तथा चमेली के फूल से शिव जी का पूजन करने पर अपार धन-संपदा का आशीष मिलता है। घर से दरिद्रता दूर भाग जाती है। महाशिवरात्रि पर सायंकाल के समय शिव मंदिर में दीया जलाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होकर अपार धन-संपत्ति तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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