TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Mashik Shivaratri Aaj 2022 पौष माह की शिवरात्रि आज: जानिए पूजा का मुहूर्त और कथा

Mashik Shivaratri Aaj पौष माह की शिवरात्रि आज : हर माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि की तिथि भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस तिथि को व्रत पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है। खास कर साल की 12 शिवरात्रियों में एक पौष माह की शिवरात्रि (shivratri ) का विशेष महत्व है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 21 Dec 2022 12:00 PM IST (Updated on: 21 Dec 2022 2:09 PM IST)
Mashik Shivaratri Aaj 2022 पौष माह की शिवरात्रि आज: जानिए पूजा का मुहूर्त और कथा
X

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Paush Mashik Shivaratri Aaj

पौष माह की शिवरात्रि आज

मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन यानि चतुर्दशी को मनाई जाती है। आज 21 दिसंबर दिन बुधवार को पौष माह की मासिक शिवरात्रि है। हर माह के कृष्ण पक्ष को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करते हैं। शिवरात्रि को सुबह से ही पूजा पाठ की जाती है।

पौष माह शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

  • भगवान शिव की पूजा अर्चना मासिक शिवरात्रि पर करने से हर इच्छा पूरी होती है। जानते हैं शिवरात्रि की पूजा विधि और मुहूर्त ...
  • चतुर्दशी तिथि की शुरूआत: आज, बुधवार, रात 10 . 16 मिनट से
  • पौष कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: कल, गुरुवार, शाम 07 .13 मिनट पर
  • मुहूर्त: आज, रात 11.52 मिनट से देर रात 12.47 मिनट तक
  • अमृत सिद्धि योग: सुबह 08:33 बजे से कल सुबह 06:33 बजे तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 08:33 बजे से कल सुबह 06:33 बजे तक
  • विशाखा नक्षत्र: सुबह, 08:33 बजे तक, उसके बाद से अनुराधा नक्षत्र लगेगा
  • भद्रा: आज, रात 10:16 बजे से कल सुबह 07:10 बजे तक

शिवरात्रि व्रत व पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि पर प्रात: स्नान ध्यान के बाद सबसे पहले सूर्य देव की पूजा करें और उनको जल अर्पित करें। इससे आपका भाग्य प्रबल होगा और पद एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्रत आप फलाहार करते हुए व्रत रखें और शिव जी की पूजा करें। शिव जी की पूजा गंगाजल, गाय के दूध, बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, धतूरा, चंदन, फूल, धूप, दीप आदि से विधिपूर्वक करें। फिर माता पार्वती को सिंदूर, फूल, अक्षत्, धूप, दीप, मिठाई आदि अर्पित कर पूजन करें। इसके बाद शिव चालीसा और शिवरात्रि व्रत कथा को पढ़ें या सुनें. इससे आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होगा। फिर आरती करें। अगले दिन यानि कल 22 दिसंबर को पारण से पहले दान दक्षिणा देकर व्रत को पूरा करे। शिव की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

शिवरात्रि व्रत कथा

भगवान सदाशिव अपने परमब्रह्म स्वरूप में थे। महाशिवरात्रि के दिन ही वे लिंग स्वरुप में प्रकट हुए थे। एक प्रकार से भगवान सदाशिव परमब्रह्म स्वरूप से साकार हुए थे। तब भगवान​ विष्णु और ब्रह्मा जी ने शिवलिंग की प्रथम पूजा की थी। इस वजह से हर शिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती तथा रति जैसी देवियों ने शिवरात्रि का व्रत शिव कृपा एवं अपने उद्धार के लिए किया था। फाल्गुन माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं। महाशिवरात्रि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।

सती के आत्मदाह के बाद काफी समय बीतने के पश्चात भगवान शिव और माता पार्वती का ​महाशिवरात्रि को महा​मिलन हुआ था। इस वजह से भी शिवरात्रि के दिन शिव पूजा का विधान है। फाल्गुन माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहते हैं। महाशिवरात्रि को ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। सती के आत्मदाह के बाद काफी समय बीतने के पश्चात भगवान शिव और माता पार्वती का ​महाशिवरात्रि को महा​मिलन हुआ था। इस वजह से भी शिवरात्रि के दिन शिव पूजा का विधान है।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story