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पौष पूर्णिमा 2021: इस दिन शुरू होगा कल्पवास, करें ये उपाय, चमकेगी किस्मत

पूर्णिमा तिथि 29 जनवरी को शुक्रवार की रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इस प्रकार पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और सूर्य देव को जल देने से बहुत अधिक लाभ होता है। कहते हैं पौष पूर्णिमा पर स्नान-दान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

suman
Published on: 23 Jan 2021 2:39 AM GMT
पौष पूर्णिमा 2021: इस दिन शुरू होगा कल्पवास, करें ये उपाय, चमकेगी किस्मत
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पौष पूर्णिमा इस तारीख को, पौष पूर्णिमा से शुरू होगा कल्पवास

लखनऊ : पौष माह हिंदुओं के लिए पवित्र माह है। इस माह हर तिथि खास है। लेकिन में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का अलग महत्व है। इसको पौष पूर्णिमा कहते हैं। पौष पूर्णिमा को ही भगवती दुर्गा के शाकम्भरी स्वरूप को जन्म हुआ था। इसलिए इसे शाकम्भरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस साल यह पूर्णिमा 28 जनवरी 2021 को है। पूर्णिमा 28 जनवरी गुरुवार को 1.18 मिनट पर रात को लगेगी।

जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति

पूर्णिमा तिथि 29 जनवरी को शुक्रवार की रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इस प्रकार पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और सूर्य देव को जल देने से बहुत अधिक लाभ होता है। कहते हैं पौष पूर्णिमा पर स्नान-दान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन से कल्पवास भी शुरू हो जाता है। कल्पवासी पौष पूर्णिमा से एक-दो दिन पहले आ जाते हैं और संगम किनारे की तपस्या शुरू करते हैं। माघ मेले का दूसरा स्नान पौष पूर्णिमा पर होगा। कल्पवासी माघ मेले के सभी प्रमुख स्नानों पर स्नान-दान करते हैं। माघी पूर्णिमा के दिन कल्पवास का समापन होता है। ऐसा कहा जाता है कि कल्पवासी यहां जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति की कामना लेकर यहां आते हैं।

तिथि व मुहूर्त-

पूर्णिमा तिथि आरंभ- 28 जनवरी 2021 गुरुवार को 01 बजकर 18 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त- 29 जनवरी 2021 शुक्रवार की रात 12 बजकर 47 मिनट तक।

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मंत्र जाप

पौष पूर्णिमा पर स्नान के बाद कुछ विशेष मंत्रों के जाप से कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके लिए निम्न मंत्रों का जाप किया जा सकता है ओउम आदित्याय नमः, ओउम सोम सोमाय नमः, ओउम नमो नीलकंठाय, ओउम नमो नारायणाय

इस तरह का उपाय,चमकेगा भाग्य

पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। यह दिन माँ लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है। पूर्णिमा के दिन ये खास उपाय करने से भाग्य चमकेगा।

चन्द्रमा मां का सूचक है और मन का कारक है। चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है। स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। घर में पानी की कमी आ जाती है। मानसिक तनाव, मन में घबराहट, मन में तरह-तरह की शंका और सर्दी बनी रहती है। व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार भी बार-बार आते रहते हैं। चन्द्रमा जैसे-जैसे कृष्ण पक्ष में छोटा व शुक्ल पक्ष में पूर्ण होता है वैसे-वैसे मनुष्य के मन पर भी चन्द्र का प्रभाव पड़ता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है।आप सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें।

मधुरता बनेगी

सफल दाम्पत्य जीवन के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को पति-पत्नी में कोई भी चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही दें, इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।

जब चन्द्र से कोई भी शुभ ग्रह जैसे शुक्र, बृहस्पति और बुध दसवें भाव में हो तो व्यक्ति दीर्घायु, धनवान और परिवार सहित हर प्रकार से सुखी होता है। चन्द्र से कोई भी ग्रह जब दूसरे या बारहवें भाव में न हो तो वह अशुभ होता है।

धन की कमी नहीं होगी

जिस भी व्यक्ति को जीवन में धन सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उन्हें पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर "ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:" अथवा " ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. " मन्त्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए। इससे धीरे धीरे उसकी आर्थिक समस्या खत्म होती है।

इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती चढ़ाएं

हर पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए। धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें।

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अपने घर के मंदिर में धन लाभ के लिए श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख रखें। इनको साबुत अक्षत के ऊपर स्थापित करना चाहिए। पूर्णिमा की रात में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा को लगातार देखें इससे नेत्रों की ज्योति तेज होती है।

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