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Paush Purnima 2025 Date: कब है पौष शाकम्भरी पूर्णिमा, इस दिन स्नान-दान से मिलती है जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति

Paush Purnima 2025 Date:पौष पूर्णिमा पर स्नान-दान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन से कल्पवास भी शुरू हो जाता है माघ स्नान के साथ माघी पूर्णिमा के दिन कल्पवास का समापन होता है। ऐसा कहा जाता है कि कल्पवासी यहां जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति की कामना लेकर यहां आते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 3 Jan 2025 9:56 AM IST
Paush Purnima 2025 Mein Kab Kai
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Paush Purnima 2025 Mein Kab Kai, Social media image

Paush Purnima 2025 Mein Kab Kaiपौष पूर्णिमा 2025 :पौष सनातन धर्म का पवित्र माह है। इस माह की हर तिथि खास होती है खासकर पूर्णिमा इसको पौष पूर्णिमा कहते हैं। पौष माह पूर्णिमा (Paush Month Purnima) पर ही भगवती दुर्गा के शाकम्भरी स्वरूप का जन्म हुआ था। इसलिए इसे शाकम्भरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस साल यह पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को है। इसी दिन से शुरू होगा महाकुंभ का पहला स्नान। जानते

पौष पूर्णिमा का मुहूर्त

पौष माह की पूर्णिमा(Paush Month Purnima) तिथि इस साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी दिन सोमवार को सुबह 5 . 3 मिनट से शुरू हो रही है और उसका समापन 14 जनवरी को तड़के 3 . 56 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर पौष पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 13 जनवरी को होगा.।

पौष पूर्णिमा 2025 तिथि सोमवार, जनवरी 13, 2025

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ जनवरी 13, 2025 को 05:03 am बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त जनवरी 14, 2025 को 03:56 am बजे

स्नान-दान का समय: सुबह 05:27 से सुबह 06:21

सत्यनारायण पूजा का मुहूर्त: सुबह 09:53 से सुबह 11:11

चंद्रोदय का समय: शाम 05:04

लक्ष्मी पूजा का समय: प्रातः 12:03 से प्रातः 12:57


पौष पूर्णिमा पूजा-विधि

पौष पूर्णिमा के दिन उपवास रख कर शाम को सत्य नारायण भगवान की कथा सुननी करवाना चाहिए। इस पूजा में सबसे पहले गणेश जी की, इसके बाद इंद्र देव और नवग्रह कुल देवी देवता की पूजा की जाती है। इसके बाद मां शाकंभरी, माता लक्ष्मी, पार्वती सहित सरस्वती की पूजा की जाती है। अंत में भगवान शिव और ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है। भगवान को भोग में चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि अर्पित करें। इससे सत्यनारायण देव प्रसन्न होते हैं। इसके बाद आरती और हवन कर पूजा सम्पन्न किया जाता है। साधक आर्थिक क्षमता अनुसार व्रत एवं पूजा का निर्वहन कर सकते हैं।

पौष पूर्णिमा पर करें मंत्र जाप

पौष पूर्णिमा पर स्नान के बाद कुछ विशेष मंत्रों के जाप से कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके लिए निम्न मंत्रों का जाप किया जा सकता है ओउम आदित्याय नमः, ओउम सोम सोमाय नमः, ओउम नमो नीलकंठाय, ओउम नमो नारायणाय।

पौष पूर्णिमा का महत्व

पूर्णिमा के दिन स्नान-दान और सूर्य देव को जल देने से धन-धान्य समृद्धि के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी दिन से कल्पवास भी शुरू हो जाता है माघ स्नान के साथ माघी पूर्णिमा के दिन कल्पवास का समापन होता है। मान्यता है कि कल्पवास से व्यक्ति जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति हो जाता है।


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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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