Period Me Vrat Niyam: जानिए अगर पीरियड आ जाए तो व्रत करना चाहिए या नहीं, क्या हैं इसके नियम

Period Me Vrat Niyam: आप भी परेशान रहते हैं कि माहवारी के दौरान पूजा पाठ व्रत नहीं कर पाते हैं तो आज जानते हैं कि अगर पीरियड आ जाए तो व्रत करना चाहिए या नही

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 5 Jan 2024 10:30 AM GMT (Updated on: 5 Jan 2024 10:43 AM GMT)
Period Me Vrat Niyam: जानिए अगर पीरियड आ जाए तो व्रत करना चाहिए या नहीं, क्या हैं इसके  नियम
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Period Me Vrat Niyam: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई काम करने की मनाही होती है। जैसे रसोई में जाना, अचार छूना, पूजा-पाठ करना या मंदिर जाना आदि। आपके मन में भी यह सवाल उठता होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण हैं। पीरियड में कोई भी व्रत करना चाहिए या नहीं, आज हमलोग इस बारे में जानेंगे। बता दें कि पीरियड होने के बाद लड़कियों और महिलाओं को किसी भी शुभ कार्य में सम्मलित होने से मना किया जाता है। जानते है कि पीरियड में व्रत कर सकते हैं या नहीं?

पीरियड में व्रत करना चाहिए या नहीं?

पीरियड में का व्रत करते हैं तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस दिन भूलकर भी कुछ गलतियों को नहीं करना चाहिए। यदि आप व्रत के दौरान कोई गलती करते हैं तो आपको इससे नुकसान झेलना पड़ सकता है।

माना जाता है कि पीरियड में व्रत के दौरान व्यक्ति को बाल-दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए। यदि आप ऐसी गलती करते हैं तो आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा गुरुवार के दिन घर भी नहीं धोना चाहिए और ना ही घर में पोछा लगाना चाहिए।

व्रत के दिन यदि लड़कियों को पीरियड शुरू हो जाता है तो उन्हें यह व्रत नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार मासिक धर्म शुरू होने के बाद लड़कियों का शरीर अशुद्ध हो जाता है। इस दौरान यदि आप व्रत करते हैं तो आपको व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है। व्रत के दौरान हमेशा शरीर स्वच्छ रहना चाहिए।

कई धर्मावलंबियों का मानना है कि व्रत के दौरान यदि पीरियड आता है तो ऐसी स्थिति में व्रत रख सकते हैं लेकिन पूजा नहीं कर सकते। ऐसे में यह व्रत में नहीं गिना जाएगा। ऐसी स्थिति में आप किसी अन्य व्यक्ति से पूजा करवा सकती हैं।

पीरियड के दौरान किस तरह करें पूजा

व्रत के दौरान यदि पीरियड शुरू हो गया है तो ऐसे में महिलाओं को अपना व्रत पूरा करना चाहिए।इस दौरान महिलाओं को भगवान की आराधना मानसिक रूप से करना चाहिए।व्रत के बाद पूजा-पाठ किसी अन्य व्यक्ति से करवाया जा सकता है।

इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि पूजा के दौरान महिलाओं को पूजा में नहीं बैठना चाहिए। उन्हें दूर से ही पूजा में भाग लेना चाहिए।

पीरियड के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ का सामान नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का सामान अशुद्ध हो जाता है। इस दौरान महिलाएं मंत्रों का जाप अपने मन में कर सकती हैं।

पीरियड आने के पांचवें दिन बाल धोकर और नहाकर पूजा में शामिल हुआ जा सकता है। कुछ महिलाओं का पीरियड 7 दिनों तक चलता है, इसलिए उन्हें पीरियड के बाद ही पूजा-पाठ में शामिल होना चाहिए।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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