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पीरियड से जुड़ी धार्मिक बातें, कोई मानता है मासिक धर्म को पाप तो कुछ के लिए जीवन का आधार, जानिए क्या कहते हैं अलग-अलग धर्म

Periods Se Judi Dharmik Baate: पीरियड्स या मासिक धर्म में महिलाओं को अशुद्ध माना जाता है। इस पर बने नियम को कुछ धर्म महिलाओँ के हित में मानते है तो कुछ अहितकारी। लेकिन जो भी नियम बनाए गए है उनका पालन करना समाज में अनिवार्य है। आज के परिवेश में भी भी इस पर खुलकर चर्चा और बात करने पर लोग हिचकते है। जानते है मासिक धर्म से जुडी बातें...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 9 Jun 2022 9:43 AM IST (Updated on: 9 Jun 2022 9:57 AM IST)
Periods Se Judi Dharmik Baate
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Periods Se Judi Dharmik Baate

पीरियड से जुड़ी धार्मिक बातें

हमारे समाज में पीरियड (Periods) पर आज भी लोग बात नहीं करना चाहते है। इसे धर्म ,अशुद्धि से जोड़ कर देखा जाता है। सामाजिक दृष्टि पर खुलकर बात करने में एक तरह से मनाही है। यहां महिलाओं का पीरियड आने पर उसे दोषपूर्ण माना जाता है। अधिकांश समाजों और धर्मों में पीरियड को को अस्वच्छ माना जाता है।मासिक धर्म वर्जना एक सामाजिक निषेध है जो रजोधर्म से सम्बंधित है। कुछ समाजों और कई पारंपरिक धर्मों में मासिक धर्म अशुद्ध और शर्मनाक रूप माना जाता है। विभिन्न संस्कृतियों मे मासिक धर्म को विभिन्न ढंग से जांचा जाता है। मासिक धर्म में महिलाओं को परंपरागत रूप से अशुद्ध मानते है और नियमों का पालन करने के लिए दिया जाता है। मासिक धर्म के दौरान, महिलाओं को रसोई और मंदिरों में प्रवेश करने, फूल पहनने, यौन संबंध रखने, अन्य पुरुषों या महिलाओं को छूने की अनुमति नहीं है। जानते हैं पीरियड से जुड़ी धार्मिक बातें...

पीरियड के कितने दिन बाद हम पूजा करें

पीरियड में धर्म कर्म की मनाही होती है। जब महिलाओं को मासिक धर्म होता है तो मासिक धर्म के 4 दिन बाद महिलाओं को पूजा करनी चाहिए, ताकि उनकी पूजा में बिना व्यवधान के वह सफल हो सके, इस दौरान आपको पूजा में बनने वाले प्रसाद या पूजन सामग्री को तैयार करने से भी दूर रहना चाहिए।

पीरियड में पूजा करने से क्या होगा

पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ न करने का कारण ये था कि उस समय पूजा पद्धति मंत्रोच्चार के बिना पूरी नहीं मानी जाती थी. वहीं, पूजा के दौरान बड़े-बड़े अनुष्ठान किए जाते थे, जिसमें बहुत समय और ऊर्जा लगती थी. मंत्रोच्चार पूरी शुद्धता के साथ किए जाते थे. पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलावों के चलते काफी दर्द और थकान रहती थी।

पीरियड के दौरान पूजा कैसे करें?

अगर आपने कोई व्रत रखा है और आपको बीच में ही पीरियड्स आ जाएं तो भी आपको अपना व्रत पूरा करना चाहिए। व्रत के दौरान अगर आपने किसी विशेष पूजा का संकल्प लिया है और पीरियड्स आ गए हैं तो आप दूर बैठकर उस धार्मिक काम को किसी अन्य व्यक्ति के जरिए करवा सकती हैं। पीरियड्स के दौरान भी व्रत के सभी नियमों का पालन करें।

मासिक धर्म में खाना बनाये या नहीं

मासिक धर्म होने के दौरान खाना क्यों नहीं बनाना चाहिए । इस प्रश्न का उत्तर जानने से पहले ये जान लेते है इससे जुड़े नियम बनाया किसने थे । हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार मासिक धर्म से जुड़े नियम भगवन शिव ने माता पार्वती के कहने पर पर बनाए थे । इन नियम का उल्लेख मनुस्मृति और भविष्य पुराण जैसे ग्रंथों में मिलता है जिसके अनुसार मासिक धर्म के दौरान किसी भी महिलाएं को धार्मिक कार्य नहीं करना चाहिए । साथी महिला को ना रसोई में जाना चाहिए और ना ही खाना बनाना चाहिए इसके अलावा मासिक धर्म के दौरान महिला को अपने पति और बच्चों से भी दूरी बना कर रखनी चाहिए ।पीरियड्स के दौरान शरीर से खून बाहर निकलता है, ऐसे में आयरन और विटामिन युक्त खाने का सेवन करना चाहिए। पीरियड्स के दौरान आप अपने खाने में हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, मटर, बीन्स, पनीर, टोफू आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं। इस दौरान खाना नहीं बनाने से अच्छा रहता है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

पीरियड के कितने दिन बाद बाल धोएं

पीरियड्स खुलकर आ सके, इसके लिए कोशिश करें कि पीरियड्स के आखिरी दिनों में ही सिर धोएं. कम से कम तीन दिनों तक सिर बिल्कुल नहीं धोना चाहिए. तीसरे दिन अगर आप सिर धोती भी हैं तो गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।

पीरियड पर क्या कहता है हिंदू धर्म

विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में पीरियड को कई दृष्टिकोणों से देखा जाता है परंतु भारती समाज में हम मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं के बारे में बता रहे हैं। आइए देखें कि विभिन्न धर्मों में पीरियड संबंधी क्या वर्जनाएं हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार जिस महिला को पीरियड हुआ है उसे अस्वच्छ माना जाता है और उसे नियमों का पालन करना पड़ता है। हिंदू धर्म में जिस महिला को पीरियड आया हुआ है वह किचन (जिसमें पूजा का कमरा भी हो) और मंदिरों में प्रवेश नहीं कर सकती। उसे जोर से बोलने का, फूल पहनने का तथा किसी व्यक्ति को स्पर्श करने का अधिकार नहीं होता। जी हां, इन रिवाजों का आज भी पालन किया जाता है! पीरियड से ग्रसित महिला को समाज में निषिद्ध माना जाता है जो पीरियड की अवधि समाप्त होने तक अपने परिवार से भी नहीं मिल सकती।इसके अलावा आगर बात करे भगवत पुराण की तो मासिक धर्म को एक तरह का पाप ही बताया है भगवत पुराण में लिखित एक कथा के अनुसार

एक बार देवराज इंद्र अपने सभा में बैठे थे तभी वहां गुरु बृहस्पति आए देवराज इंद्र को इतना अहंकार था की वो देव गुरु बृहस्पति के सम्मान में कड़े तक नहीं हुए । जिससे नाराज होकर बृहस्पति वहां से लोट गए देव गुरु के चले जाने के बाद देवताओं ने विश्वरूप को अपना क्रोधित बना लिया लेकीन विश्वरूप चोरी छिपे देवताओं के अलावा आसुरो को भी यज्ञ करता जब ये बात इंद्रदेव को पता चली तो वो क्रोधित हो गए ।

देवराज इंद्र को इतना क्रोध आया की उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे विश्वरूप का सर काट दिया मित्रों जैसा कि आप जानते है की हिंदू धर्म में गुरु की हत्या को सबसे बड़ा पाप माना गया है। और क्रोध वसी देव राज भी इस महा बाप के भागीदारी बन चुके थे ।

इसके बाद ब्रह्मा हत्या के पाप से खुद को बचाने के लिए इंद्र ने भगवान विष्णु की कठोर तपस्या की थी जिसके बाद देवराज इंद्र के पापा को चार भागों में बटा गया पेड़ , जल भूमि और इसरी में बटे ।

ऐसा कहा जाता है को महिलाओं को हर माह होने वाला मासिक धर्म इंद्रदेव के उसी पापा का फल हैं । खेर ये तो थी मासिक धर्म और उससे जूनी पुरानी कथा चलिए अब ये भी जान लेते है कि क्यों मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कई चीजे नहीं करने की सलाह दी जाती है ये फिर यू कहे उन्हें कुछ खास तरह के काम करने से रोका जाता है ।

पीरियड पर क्या कहता है इस्लाम धर्म

इस्लाम धर्म में पीरियड के दौरान महिला किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्यों या रीति रिवाजों में भाग नहीं ले सकती। इस्लाम धर्म में इस दौरान किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध बनाना पूर्ण रूप से वर्जित है। मासिक धर्म के दौरान महिला त्योहार में उपस्थित रह सकती है परन्तु भगवान की प्रार्थना में भाग नहीं ले सकती।

पीरियड पर क्या कहता है ईसाई धर्म

ईसाई धर्म अस्वच्छता की अवधारणा पर ईसाई धर्म में पीरियड से ग्रसित महिला को अस्वच्छ माना जाता है। अन्य लोग ऐसा सोचते हैं कि इस नियम को तोड़ना चाहिए, क्योंकि भगवान ईशु ने अपने इलाज के लिए मासिक धर्म से ग्रसित महिला को स्पर्श करने की अनुमति दी थी।

पीरियड पर क्या कहता है सिख धर्म

सिख धर्म के अनुसार पीरियड के दौरान महिला को उसे उतना ही शुद्ध माना जाता है जितना पुरुष को। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक ने पीरियड के दौरान महिलाओं को अशुद्ध मानने के विचार की निंदा की। इस धर्म में पीरियड के दौरान महिला को अशुद्ध नहीं माना जाता, बल्कि इस दौरान वह भगवान की पूजा भी कर सकती है और सेवा भी कर सकती है। इसके द्वारा सिख धर्म ने यह संदेश दिया कि पीरियड के दौरान महिला शुद्ध होती है क्योंकि मासिक चक्र भगवान द्वारा दिया गया एक उपहार है।सिख धर्म के लोग पीरियड्स को पवित्र मानते हैं। वाहे गुरूजी ने कहा है कि जिंदगी देने के लिए जो बहुत जरूरी होता है, वह मां का खून होता है। और यही वजह है कि इस दौरान भी महिलाओं को हर काम करने की अनुमति दी जाती है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

पीरियड पर क्या कहता है यहूदी धर्म

यहूदी धर्म के अनुसार यदि इस दौरान कोई व्यक्ति किसी ऐसी महिला को स्पर्श कर लेता है तो वह तब तक शुद्ध नहीं होता, जब तक वह नहा नहीं लेता। यहूदी धर्म में इस दौरान शारीरिक संबंध बनाना पूर्ण रूप से वर्जित है और जो भी इसका पालन नहीं करता उसे कड़ी सज़ा दी जाती है।

पीरियड पर कश्मीर में विशेष नियम
पीरियड के संबंध में कश्मीरियों के अपने विश्वास हैं। राज्य के नियम के अनुसार मासिक धर्म के दौरान महिला को अछूत नहीं माना जा सकता। बल्कि पूरा परिवार उसकी देखभाल करता है। कश्मीरियों के अनुसार जो महिला मासिक धर्म से गुज़र रही होती है उसकी सेवा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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